Pahalgam Kashmir Terrorist Attack: कहते हैं प्यार और जंग में सब जायज है. लेकिन कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला कराने वाले पाकिस्तान से प्यार का तो सवाल ही नहीं उठता. दूसरी तरफ अगर देश की संप्रभुता और अपने नागरिकों की रक्षा के लिए पाकिस्तान से आमने-सामने का मुकाबला करना हो, तो भारत उससे गुरेज नहीं करेगा. ऐसे में 26 मौतों के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान और उसके आतंकियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए भारत सरकार और सेना हर विकल्प को अपना रही है. पाकिस्तान पर वार करने के लिए 'चाणक्य नीति' को भी आधार बनाया जा रहा है, बॉर्डर पर सैन्य दबाव बनाने की तैयारी है तो डिप्लोमैटिक रास्ते से दुनिया को पाकिस्तान के खिलाफ अपने पाले में भी लाया जा रहा है. सिंधु जल समझौते को स्थगित किया जा रहा है तो भारत के एयरस्पेस को पाकिस्तान के विमानों के लिए नो फ्लाइिंग जोन बनाया जा रहा. चलिए आपको बताते हैं कि भारत ने अबतक पाकिस्तान के खिलाफ क्या एक्शन लिए हैं. शुरुआत लेटेस्ट कदम से.
- पाकिस्तान का 'हवा-पानी' बंद: भारत ने पाकिस्तान के लिए अपना एयरस्पेस पूरी तरह से बंद कर दिया है. यानी पाकिस्तान के विमान अब भारत से होकर नहीं गुजर पाएंगे. भारत ने पाकिस्तान के लिए 23 मई 2025 तक अपना एयरस्पेस बंद करने का फैसला किया है. ये पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है. इससे पाकिस्तान की एयरलाइंस को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. एयरस्पेस बंद होने की वजह से उन्हें अब घूमकर जाना पड़ेगा. इससे विमान को जाने में लगने वाला समय बढ़ेगा और ईंधन भी ज्यादा लगेगा, इसकी सीधी मार पैसेंजर्स पर होगी, क्योंकि ऐसे में विमान कंपनियों टिकटों के दामों में इजाफा कर देंगी. गौरतलब है कि पाकिस्तान ने पहले ही भारत के विमानों के लिए भी अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था. अभी भारत के विमान अरब से होकर पश्चिम की ओर जाते हैं.
- सेना को खुली छूट: मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंक के खिलाफ फाइनल प्रहार के लिए तीनों सेनाओं को फ्री हैंड दे दिया. इससे बॉर्डर पर पाक सेना के लिए दबाव बढ़ गया है. पाकिस्तान ने बुधवार को अपने कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के लिए अपनी फ्लाइट्स रद्द कर दीं. यह कदम तब उठाया गया है जब इस्लामाबाद को भारत द्वारा सैन्य कार्रवाई का डर है.
- पाक के उधार पर वार: उम्मीद है कि वित्त मंत्रालय अगले कुछ दिनों में बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों द्वारा पाकिस्तान को मिलने वाली फंडिंग का मुद्दा उठाएगा. जल्द भारत के अधिकारी पाकिस्तान को दिए जाने वाले लोन पर विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (ADB) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF से मिलेंगे और राशि में पर्याप्त कटौती के लिए दबाव डालेंगे. अप्रैल 2025 तक, ADB ने पाकिस्तान को $43.4 बिलियन की राशि के 764 सार्वजनिक क्षेत्र ऋण, अनुदान और तकनीकी सहायता देने का वादा किया है. अक्टूबर 2024 में, ADB ने जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम में कमी के समर्थन के लिए $500 मिलियन की मंजूरी दी थी.
- पाक पर जल प्रहार: भारत की ओर से एक बड़ा एक्शन पाकिस्तान का पानी ‘बंद' करने का लिया गया. दरअसल भारत ने सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया है. वो भी तब तक जब तक कि पाकिस्तान आतंकवाद से तौबा न कर ले. नदियों के जल बंटवारे के लिए भारत और पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि 1960 में की थी. भारत-पाकिस्तान में 3 बार जंग हुई लेकिन इस संधि पर कभी रोक नहीं लगाई गई थी. इस बार भारत ने यह कदम उठा लिया.
- अटारी बॉर्डर बंद: भारत ने 1 मई से अटारी बॉर्डर बंद कर दिया है. पाकिस्तान के जो लोग वैध तरीके से सीमा पार कर चुके हैं, उनको 1 मई 2025 से पहले उस रास्ते से वापस आने और जाने का आदेश दे दिया था.गौरतलब है कि अटारी-वाघा सीमा भारत और पाकिस्तान के बीच सड़क मार्ग से होने वाले व्यापार का प्रमुख केंद्र है. 2019 में भारत द्वारा पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस लेने और व्यापारिक रिश्तों में कटौती के बाद भी, कुछ वस्तुओं (जैसे ताजे फल, सीमेंट, और टमाटर) का आयात-निर्यात इस सीमा के जरिए होता रहा है. लेकिन अब इन सबपर रोक लग गई है.
- पाक की घेराबंदी: डिप्लोमेटिक स्तर पर भी पाकिस्तान से संबंध काटे गए हैं. भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को "व्यक्ति गैर-वांछित" घोषित किया है और उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था, जो अब बीत चुका है. इसके अलावा दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया गया. भारत में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारियों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 करने को कहा गया है. ये 01 मई 2025 तक किया जाना है.
- वीजा बंद: पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जो भी भारत में थे, उन्हें पाकिस्तान भेजा गया है और कुछ को अभी भी खोजकर भेजा जा रहा है.