मध्यप्रदेश के 17 सरकारी विश्वविद्यालयों में स्वीकृत असिस्टेंट प्रोफेसर के करीब 75 फीसदी पद खाली पड़े हैं. 5 विश्वविद्यालय तो ऐसे हैं, जहां 1 भी असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं है और हजारों छात्र बिना शिक्षकों के पढ़ रहे हैं. लाइब्रेरियन के 582 स्वीकृत पदों में से 346 पद खाली हैं, जिससे विश्वविद्यालय संसाधन संकट से जूझ रहे हैं.