कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गुरुवार को देश के शीर्ष कोर्ट में पहले अश्वेत व्यक्ति को नामित किया है. कनाडा ऐसा देश है जहां हर चार में से करीब एक शख्स अल्पसंख्यक है. महमूद जमाल वर्ष 2019 से ओंटारियो कोर्ट में अपील जज की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, इससे पहले वे कनाडा के शीर्ष लॉ स्कूल में शिक्षण का काम करने के अलावा दशकों तक litigator के तौर पर काम कर चुके हैं. वे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 35 मामलों में पेश हो चुके हैं. ट्रूडो ने एक ट्वीट में लिखा, 'वह सुप्रीम कोर्ट के लिए मूल्यवान एसेट साबित होंगे, इसलिए आज मैं देश की सर्वोच्च अदालत में उनके नामांकन की घोषणा कर रहा हूं.'
जमाल को अभी भी हाउस ऑफ कामंस जस्टिस कमेंटी की 'मंजूरी' की जरूरत है लेकिन यह महज औपचारिकता है. जमाल का जन्म एक भारतीय परिवार में केन्या के नैरोबी में हुआ था, वे ब्रिटेन में पले बढ़े और वर्ष 1981 में कनाडा पहुंचे.
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गौरतलब है कि कनाडा बहुसांस्कृतिक देश है और पिछली जनगणना में यहां की करीब 3.8 करोड़ की आबादी का एक चौथाई हिस्सा अल्पसंख्यक समूह के सदस्य के रूप में पहचाना गया है. हालांकि हाल में मुस्लिमों पर हमले, पुलिस की ओर से अश्वेतों और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों पर की गई बर्बरता ने देश में नस्लवाद की कड़वी सच्चाई को उजागर किया है. जमाल, जस्टिस रोसेली अबेला का स्थान लेंगे जो नौ सदस्यीय कोर्ट के सबसे लंबे समय तक काम करने वाले जस्टिस हैं, जस्टिस अबेला आगामी 1 जुलाई को रिटायर होंगे.