अब ट्विटर से सफाई कर्मी हटाए गए, एलोन मस्क के सहयोगी ने कहा- रोबोट करेंगे सफाई: रिपोर्ट

कर्मचारियों की बर्खास्तगी की जांच सैन फ्रांसिस्को शहर के वकील डेविड चिउ कर रहे, यह जांच की जा रही है कि क्या एलोन मस्क ने कानून तोड़ा है?

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ट्विटर के सफाई कर्मियों को कथित रूप से नियमानुसार वेतन दिए बगैर निकाल दिया गया है.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक एलोन मस्क की टीम के एक सदस्य ने ट्विटर के बर्खास्त सफाई कर्मचारियों से कहा है कि कंपनी  में उनकी जगह रोबोट लेंगे.माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट के सैन फ्रांसिस्को मुख्यालय के पूर्व कर्मचारियों ने भी कहा कि उन्हें बिना किसी बर्खास्तगी वेतन के निकाल दिया गया.ट्विटर को मस्क ने अक्टूबर में 44 बिलियन डॉलर में खरीदा था. 

ट्विटर पर 10 वर्षों तक क्लीनर रहे जूलियो अल्वाराडो ने बीबीसी से कहा कि कंपनी का अधिग्रहण करने के बाद कार्यालय में कुछ हिस्सों की सफाई के दौरान मस्क ने निजी सुरक्षा ली थी. उन्होंने यह भी कहा कि मस्क की टीम के किसी व्यक्ति ने उन्हें बताया था कि वैसे भी जल्द ही उनकी नौकरी खत्म हो जाएगी क्योंकि रोबोट मानव सफाई कर्मियों की जगह ले लेंगे.

बीबीसी के अनुसार,सफाई कर्मियों के संघ को पिछले हफ्ते ही बताया गया था कि उनकी नौकरी खतरे में है. इसके विरोध में उन्होंने सोमवार को हड़ताल की.लेकिन बाद में उन्हें बताया गया कि उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.

यूनियन के अध्यक्ष ओल्गा मिरांडा ने कहा, "उन्होंने क्रिसमस से तीन हफ्ते पहले ऐसा किया." उन्होंने कहा कि, "मुझे लगता है कि हमें निकाल दिया गया क्योंकि हम संगठित हैं."

अब नौकरियों से निकाले जाने की जांच सैन फ्रांसिस्को शहर के वकील डेविड चिउ द्वारा की जा रही है. वे यह जांच कर रहे हैं कि क्या मस्क ने कानून तोड़ा है.चिउ ने बीबीसी को बताया, "एलोन मस्क का श्रम कानूनों के उल्लंघन का लंबा इतिहास रहा है.मुझे आश्चर्य नहीं है कि ऐसा हुआ, मैं इन श्रमिकों के बारे में सोच रहा हूं.हम इस पर आगे विचार करेंगे."

अक्टूबर में ट्विटर पर कब्जा करने के बाद मस्क ने तुरंत ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों को निकाल दिया था. और इसके एक हफ्ते बाद उन्होंने कंपनी के 7,500 कर्मचारियों में से लगभग आधे को बाहर कर दिया.

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द इंडिपेंडेंट के अनुसार,माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर दो महिलाओं द्वारा मुकदमा दायर किया गया है. उन्होंने अपनी नौकरी खो दी और दावा किया है कि छंटनी से महिला कर्मचारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा.उन्होंने सैन फ्रांसिस्को में संघीय अदालत में भेदभाव का मुकदमा दायर किया है.इसमें कहा गया है कि ट्विटर ने कंपनी में 47 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 57 प्रतिशत महिला कर्मचारियों को नौकरी से निकाला.

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