त्रिपुरा में होटल और रेस्तरां अस्थायी रूप से बांग्लादेश के पर्यटकों से बुकिंग स्वीकार नहीं करेंगे. भारत-बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों में तनाव के बीच भारत के इस पूर्वोत्तर राज्य के ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर यह ऐलान किया है.
- ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन ने बयान में कहा कि कोई भी होटल बांग्लादेशी पर्यटकों को कमरे नहीं देंगे और रेस्तरां उन्हें भोजन नहीं देंगे.
- यह बयान ऐसे दिन आया है जब सैकड़ों लोगों ने बांग्लादेश में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेशी मिशन के आसपास एक विशाल रैली निकाली.
- अगरतला में बांग्लादेशी मिशन के परिसर में कथित तौर पर 50 से अधिक प्रदर्शनकारी घुस गए, जिससे परिसर के अधिकारियों और कर्मचारियों में दहशत फैल गई.
- भारत ने इस घटना को 'बेहद अफसोसजनक' बताया है और कहा है कि किसी भी परिस्थिति में राजनयिक और दूतावास संपत्तियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.
- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि वह आज दोपहर अगरतला में सहायक उच्चायोग पर हिंसक हमले, मिशन परिसर में तोड़फोड़ और बांग्लादेश के झंडे के अपमान पर गहरी नाराजगी जताती है.
- बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार को लेकर विरोध रैली करने वाले हिंदू संघर्ष समिति के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को सहायक उच्चायोग के अंदर एक ज्ञापन सौंपने की अनुमति दी गई. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चिरंजीब चक्रवर्ती ने बताया, 'हालांकि, बांग्लादेश मिशन के अंदर कोई शांति भंग या परेशानी नहीं हुई क्योंकि हमने प्रदर्शनकारियों को तुरंत खदेड़ दिया.
- भारत ने कहा है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. भारत ने चरमपंथी बयानबाजी के बढ़ते उछाल और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.
- भारत ने कहा है कि कथित राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार दास के साथ न्यायपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटा जाना चाहिए.
- बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तनाव आ गया है.
- बांग्लादेश से हिंदुओं पर हमले की खबरें आती रहती हैं. पिछले हफ्ते, एक पत्रकार मुन्नी साहा को कट्टरपंथी इस्लामी ताकतों द्वारा निशाना बनाए जाने और भीड़ द्वारा घेरने के बाद हिरासत में लिया गया था.