- जिनेवा में पांचवें दौर की अंतरराष्ट्रीय वार्ता में प्लास्टिक प्रदूषण को लेकर किसी समझौते पर सहमति नहीं बन सकी.
- एक नया मसौदा प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्लास्टिक उत्पादन पर सीमाएं हटा दी गईं, जिसकी कई देशों ने आलोचना की.
- पांच अगस्त को शुरू हुई वार्ता अतिरिक्त समय तक चलने के बावजूद बिना किसी समझौते के समाप्त हो गई.
प्लास्टिक प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार को जिनेवा में अंतरराष्ट्रीय वार्ता के पांचवें दौर के दौरान विभिन्न देश किसी समझौते पर पहुंचने में असफल रहे. संधि पर बातचीत कर रही सरकारों को बृहस्पतिवार को एक नया मसौदा प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्लास्टिक उत्पादन पर बाध्यकारी सीमाएं हटा दी गईं, जिसकी कई देशों ने तीखी आलोचना की.
स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 185 देशों के वार्ताकारों ने प्लास्टिक उत्पादन पर रोक लगाने जैसे साहसिक कदम उठाने वाले देशों और जीवाश्म ईंधन उत्पादक देशों के बीच आम सहमति बनाने का प्रयास किया, जो चाहते हैं कि संधि में पुनर्चक्रण, अपशिष्ट प्रबंधन और स्वैच्छिक प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाए. हालांकि, पांच अगस्त को शुरू हुई वार्ता अतिरिक्त समय तक चलने के बावजूद बिना किसी समझौते के समाप्त हो गई.
43 करोड़ टन से ज्यादा प्लास्टिक का उत्पादन
जिनेवा में प्लास्टिक संधि (आईएनसी-5.2) पर पांचवें दौर की वार्ता 2022 में शुरू किए गए उन प्रयासों का हिस्सा थी जिनका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा महासागरों, वन्यजीवों, मानव स्वास्थ्य और जलवायु के लिए खतरा बन रहे ‘‘प्लास्टिक प्रदूषण संकट'' से निपटना है.
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हर साल 43 करोड़ टन से ज्यादा प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से अधिकतर अल्पकालिक उत्पादों के रूप में होता है जो कुछ ही महीनों में कचरा बन जाता है. लगभग 1.1 करोड़ टन प्लास्टिक हर साल समुद्र में पहुंचता है.
आईएनसी वार्ता को प्लास्टिक प्रदूषण से व्यापक तरीके से निपटने के लिए अब तक का सबसे अहम वैश्विक प्रयास माना जा रहा है.