काश अंग्रेज हमें भी गुलाम बनाते... जेन-जी आंदोलन के बीच क्यों छलका नेपाली नागरिक का ये दर्द

खेम बहादुर का कहना है कि नेपाल में रोजगार के साधन नहीं हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था में हमें विकास की बहुत उम्मीदें थी. लेकिन नेपाल के नेताओं ने सिर्फ अपना विकास किया. इन नेताओं ने नेपाल की जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
Nepal Crisis
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • नेपाल के खेम बहादुर का मानना है कि अगर नेपाल ब्रिटिश राज के अधीन होता तो देश में बेहतर सड़कें और रोजगार होते.
  • नेपाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था के बावजूद नेताओं ने केवल अपना विकास किया और जनता की समस्याओं को नजरअंदाज किया.
  • रूपैडीहा बॉर्डर पर नेपाल लौट रहे नागरिक अपने देश की खराब आर्थिक और सामाजिक स्थिति से परेशान हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

'हम नेपाली लोग इस बात पर खुश होते हैं कि हमें कभी कोई गुलाम नहीं बना सका. लेकिन अब हमें लगता है कि अगर अंग्रेज भारत के साथ हमें भी गुलाम बना लिए होते तो नेपाल बहुत आगे होता. कम से कम हमारे पास ट्रेन होती, बेहतर सड़कें होतीं और रोजगार के कुछ उपाय होते...' ये कहना है नेपाल के पाल्पा के रहने वाले खेम बहादुर का, जगह थी भारत नेपाल सीमा पर स्थित रूपैडीहा बॉर्डर। भारत में बसे या काम से आए हुए नेपाली नागरिक अस्थिर हो चुके अपने देश के हालात के बीच अपने घर वापस लौटते के लिए एक एक कर बॉर्डर पर आ रहे थे. इसी में एक व्यक्ति एसएसबी चेक पोस्ट के पास खड़ा था। एनडीटीवी संवाददाता ने यूं ही नेपाल के हालात पर बात शुरू की तो उसने कुछ ऐसा कहा, जो उसके मन की व्यथा को बताता है.

काठमांडू: आग की लपटों में घिरा था होटल, पर्दे के सहारे उतरने में गिरी गाजियाबाद की महिला, दर्दनाक मौत

खेम बहादुर का कहना है कि नेपाल में रोजगार के साधन नहीं हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था में हमें विकास की बहुत उम्मीदें थी. लेकिन नेपाल के नेताओं ने सिर्फ अपना विकास किया. इन नेताओं ने नेपाल की जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया. वो मानते हैं कि अगर नेपाल का नेतृत्व ठीक रहता तो शायद देश के हालात ऐसे नहीं होते, जैसे अभी हैं.

संसद, संविधान और सेना.. नेपाल में सुशीला कार्की के नाम पर सहमति, पर मुल्क के सामने ये 5 कठिन चुनौती

जेन-जी आंदोलन को लेकर खेम बहादुर का मानना है कि आंदोलन नेपाल के लिए बहुत जरूरी था. लेकिन सरकारी इमारतों में आग लगाकर लगाकर नेपालियों का नुकसान किया है. ये नहीं करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि कल जो भी सरकार बनेगी, उसे सरकारी इमारतों को फिर से ठीक करना पड़ेगा, जिसका खर्च नेपालियों के टैक्स से ही निकाला जाएगा.


 


 

Featured Video Of The Day
जानें Indore कैसे बना स्वच्छता में नंबर-1 | India's Cleanest City | Dettol Banega Swasth India