नेपाल के खेम बहादुर का मानना है कि अगर नेपाल ब्रिटिश राज के अधीन होता तो देश में बेहतर सड़कें और रोजगार होते. नेपाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था के बावजूद नेताओं ने केवल अपना विकास किया और जनता की समस्याओं को नजरअंदाज किया. रूपैडीहा बॉर्डर पर नेपाल लौट रहे नागरिक अपने देश की खराब आर्थिक और सामाजिक स्थिति से परेशान हैं.