नेपाल में एक साल में तीसरी बार बदलेगी सरकार, CPN-UML का प्रचंड सरकार से समर्थन वापस

सीपीएन-यूएमएल के सचिव शंकर पोखरेल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री ओली के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सरकार बनाने के लिए नेपाली कांग्रेस के साथ एक समझौता किया गया है.

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प्रचंड (69) ने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान संसद में तीन बार विश्वास मत जीता है.
काठमांडू:

नेपाल में नाटकीय घटनाक्रम के तहत दो सबसे बड़े दलों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड' (Pushpa Kamal Dahal ) को सत्ता से बेदखल कर दिया है. हालांकि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने विश्वास मत का सामना करने और तत्काल इस्तीफा न देने का फैसला किया है. सीपीएन-माओवादी सेंटर के सचिव देवेंद्र पौडेल ने एएनआई से पुष्टि की कि प्रधानमंत्री प्रचंड विश्वास मत का सामना करेंगे और पद से इस्तीफा नहीं देंगे. नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने एक नयी ‘राष्ट्रीय सरकार' बनाने के वास्ते आधी रात को एक समझौता किया. जिसके बाद CPN-UML ने प्रचंड सरकार से समर्थन वापस ले लिया. जिसके साथ नेपाल में एक साल में तीसरी बार सरकार बदल रही है. नेपाल में पिछले 16 साल में 13 सरकारें बनी हैं जिससे इस हिमालयी देश की राजनीतिक प्रणाली की कमजोरी जाहिर होती है.

कांग्रेस और CPN-UML में मध्यरात्रि में हुआ समझौता

पूर्व विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सौद के अनुसार, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष तथा पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए सोमवार मध्यरात्रि को समझौते पर हस्ताक्षर किए.

जानें क्या हुआ है समझोता

सौद ने बताया कि देउबा (78) और ओली (72) संसद के शेष कार्यकाल के लिए बारी-बारी से प्रधानमंत्री पद साझा करने पर सहमत हुए. सौद नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय सदस्य भी हैं. नेपाल के प्रतिनिधि सदन में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के पास 89 सीट जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीट हैं. दोनों दलों की संयुक्त संख्या 167 है जो 275 सदस्यीय सदन में बहुमत के 138 सीट के आंकड़े के लिए पर्याप्त है.

देउबा और ओली ने दोनों दलों के बीच संभावित नए राजनीतिक गठबंधन की जमीन तैयार करने के लिए शनिवार को भी मुलाकात की थी. जिसके बाद ओली की सीपीएन-यूएमएल ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से रिश्ता खत्म कर लिया. उसने महज चार महीने पहले ही इस सरकार को अपना समर्थन दिया था.

इस समझौते को मंगलवार को अंतिम रूप दिया जाएगा. समझौते के तहत ओली डेढ़ साल तक नयी, ‘राष्ट्रीय सर्वसम्मति वाली सरकार' का नेतृत्व करेंगे. बाकी के कार्यकाल के लिए देउबा प्रधानमंत्री रहेंगे. मीडिया में आई खबरों में दोनों दलों के कई वरिष्ठ नेताओं के हवाले से कहा गया है कि दोनों नेता नयी सरकार बनाने, संविधान में संशोधन करने और सत्ता बंटवारे के फॉर्मूले पर बातचीत करने के लिए सहमत हुए. उन्होंने यह समझौता कुछ विश्वासपात्रों के साथ साझा किया है.

सीपीएन-यूएमएल के सचिव शंकर पोखरेल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री ओली के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सरकार बनाने के लिए नेपाली कांग्रेस के साथ एक समझौता किया गया है. इस बीच, सीपीएन-माओवादी सेंटर के करीबी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री प्रचंड ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए सीपीएन-यूएमएल प्रमुख ओली से बातचीत कर रहे हैं.

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प्रचंड (69) ने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान संसद में तीन बार विश्वास मत जीता है. (भाषा इनपुट के साथ)

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