रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से भी ज्यादा समय से जंग चल रही है. रूस के हमलों में यूक्रेन के ज्यादातर शहर तबाह हो चुके हैं. इकोनॉमी ठप हो चुकी है. 12 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. जंग के इस माहौल में भारत एक देश ऐसा है, जो लगातार शांति की अपील कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का जुलाई में रूस और अगस्त में यूक्रेन का दौरा करना एक जोखिम भरा कूटनीतिक मिशन था. ये पहली बार था जब भारत के किसी नेता ने शांति बहाल करने की वकालत करते हुए किसी युद्ध क्षेत्र का दौरा किया था. भारत इजरायल से भी गाजा रोककर शांति का रास्ता चुनने की गुजारिश कर चुका है. अब भारत में पूर्व अमेरिकी राजदूत टिम रोमर (Tim Roemer)ने बताया कि आखिर दुनिया में तनाव कम करने में भारत कैसे अहम भूमिका निभा सकता है.
NDTV वर्ल्ड समिट 2024- द इंडिया सेंचुरी के दूसरे दिन मंगलवार (22 अक्टूबर) को पूर्व अमेरिकी राजदूत टिम रोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, "मौजूदा समय में हमें एक सुरक्षित सीजरफायर की जरूरत है. यह सीजफायर यूक्रेन में भी चाहिए और गाजा में भी. गाजा में बंधकों की रिहाई होनी चाहिए. वहां एक सुरक्षित सेटलमेंट, शांति बनाए रखने वाले क्षेत्र की जरूरत है. इन दोनों क्षेत्रों में पुनर्निर्माण के कोशिशों की जरूरत है. यूरोप शायद इसकी आगुवाई कर सकता है. लेकिन अमेरिका और भारत तो बेशक ऐसा कर सकते हैं."
आखिर क्यों विश्व में शांति की कोशिश कर रहा है भारत? पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने समझाया
पूर्व अमेरिकी राजदूत ने कहा, "मिडिल ईस्ट में भारत के कम से कम 9 मिलियन लोग रहते हैं. इकोनॉमी में भारतीयों का अच्छा खासा योगदान है. भारतीय वर्ल्ड इकोनॉमी में भी अच्छा योगदान देते हैं. भारत की दोस्ती ईरान से भी है और रूस से भी उसका करीबी का रिश्ता है. इसलिए भारत शांति की पहल करके अस्थिरता को रोकने की कोशिश कर सकता है."
उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका सीजफायर की कोशिशें कर रहा है. हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि क्षेत्र में शांति की स्थापना हो.
PM मोदी ने 9 जुलाई को रूस की यात्रा की थी. इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान PM मोदी ने जंग खत्म कर शांति की पहल करने की अपील की थी. मोदी ने कहा था, "बम-बंदूकों और गोलियों से शांति संभव नहीं है. हर समस्या का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए." वहीं, 23 अगस्त को यूक्रेन पहुंचे PM मोदी ने राष्ट्रपति वोलोडोमिर जेलेंस्की को गले लगाया था. तब PM ने कहा था, "मैंने पुतिन से आंख में आंख मिलाकर कहा था कि ये जंग का समय नहीं है."