Live: धरती के करीब आ रहा है दूसरी दुनिया का एक खास मेहमान, नासा जारी करेगा खास तस्‍वीरें 

वैज्ञानिकों के अनुसार धूमकेतु 3I/ATLAS पृथ्वी के लिए कोई खतरा नहीं है और बहुत दूर रहेगा. यह हमारे ग्रह के सबसे करीब यानी लगभग 170 मिलियन मील, या 270 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है.

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  • धूमकेतु 3I/ATLAS हमारे सौरमंडल के बाहर से आने वाला तीसरा ज्ञात अंतरतारकीय पिंड है जो जुलाई 2025 में खोजा गया.
  • इस धूमकेतु का आकार विशाल है और इसकी रासायनिक संरचना असामान्य होने के कारण वैज्ञानिक इसे विशेष मानते हैं.
  • 3I/ATLAS 30 अक्टूबर 2025 को सूर्य के निकटतम बिंदु पर पहुंचा और दिसंबर 2025 में पृथ्वी के करीब से गुजरेगा.
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वॉशिंगटन:

धूमकेतु 3I/ATLAS हमारे सौरमंडल के बाहर से हमारे खगोलीय पड़ोस से गुजरने वाला तीसरा ज्ञात पिंड है जिसकी खोज की गई है. यह काफी तेजी से गुजर रहा है. इसे लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं और कुछ लोग तो इसे एलियंस तक से जोड़ रहे हैं. वहीं हार्वर्ड के खगोलशास्त्री एवी लोएब ने इस संभावना पर जोर दिया है कि यह कोई साधारण धूमकेतु नहीं है. हालांकि ज्‍यादातर वैज्ञानिक मानते हैं कि 3I/ATLAS एक कार्बन डाइऑक्साइड से भरपूर धूमकेतु है. वहीं लोएब इसकी असामान्य रासायनिक संरचना, विशाल आकार और ग्रहों के साथ इसके करीबी एनकाउंटर्स को इसे एक ज्‍यादा हैरान करने वाले एलियन के तौर पर" मानने के कारण बताते हैं. बुधवार को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक लाइव इवेंट में इसकी फोटो जारी करने वाली है. 

गैस और धूल का चमकीला बादल 

वैज्ञानिकों के अनुसार धूमकेतु 3I/ATLAS पृथ्वी के लिए कोई खतरा नहीं है और बहुत दूर रहेगा. यह हमारे ग्रह के सबसे करीब यानी लगभग 170 मिलियन मील, या 270 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है. इसे सबसे पहले इस साल जुलाई में देखा गया था और 3I/ATLAS 30 अक्टूबर के करीब सूर्य के अपने निकटतम बिंदु पर पहुंचा था. 3I/ATLAS धूमकेतु 19 दिसंबर 2025 को धरती के करीब से गुजरेगा.  लेकिन इस दौरान पृथ्‍वी को कोई खतरा नहीं है. 

नासा के अनुसार उस समय यह पृथ्‍वी से करीब 27 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर होगा और इस दूरी पर किसी भी तरह के टक्कर कोई संभावना नहीं है. दुनिया भर के एस्‍ट्रोनॉमर्स इस धूमकेतु के आकार और इसकी दूसरी अहम बातों पर रिसर्च करने में लगे हैं. दिसंबर की शुरुआत में यह धूमकेतु सूर्य के दूसरी ओर फिर से दिखाई देगा. 3I/ATLAS में एक बर्फीला सेंटर और एक कोमा है, जो गैस और धूल का एक चमकीला बादल है. यह धूमकेतु के चारों ओर है और जैसे-जैसे धूमकेतु सूर्य के पास आता है, यह तेजी से हवा में उड़ने लगता है. 

सबसे पहली बार कब लगा पता 

चिली के रियो हर्टाडो स्थित नासा की तरफ से फंडेड एटलस (एस्‍टेरॉयड्स के प्रभाव का आखिर वॉर्निंग सिस्‍टम) सर्वे दूरबीन ने पहली बार इसे 1 जुलाई, 2025 को धूमकेतु 3I/ATLAS के ऑब्‍जर्वेशंस की जानकारी माइनर प्लैनेट सेंटर को दी. धूमकेतुओं का नाम आमतौर पर उनके खोजकर्ता/खोजकर्ताओं के नाम पर रखा जाता है, इस मामले में एटलस सर्वे टीम ने इसे खोजा और इसे एटलस नाम दिया गया. जबकि I इंटरस्‍टेलर के लिए है, जो दर्शाता है कि यह पिंड हमारे सौर मंडल के बाहर से आया है. यह तीसरा ज्ञात इंटरस्‍टेलर ऑब्‍जेक्‍ट है इसलिए इसके नाम में '3' लगा है. 

इससे पहले कौन से धूमकेतु 

इस धूमकेतु से पहले हमारे सौर मंडल में  1I/'ओउमुआमुआ और 2I/बोरिसोव को क्रमशः अक्टूबर 2017 और अगस्त 2019 में देखा गया था. नासा की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि वैज्ञानिक मिशनों में मौजूद रिसोर्सेज की वजह से अमेरिका के पास  3I/ATLAS को करीब से ऑब्‍जर्व करने की क्षमता मौजूद है. मंगल ग्रह पर मौजूद नासा के खास स्‍पेसक्राफ्ट पर इंस्‍टॉल कैमरे ने अक्टूबर में इसकी तस्वीरें खींची थीं, लेकिन सरकारी बंद के कारण उनकी तस्वीरें जारी करने में देरी हो गई. लोएब ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, '3I/ATLAS की प्रकृति के बारे में सच्चाई सार्वजनिक रूप से साझा किए गए डेटा से पता चलेगी, न कि किसी गेटकीपर की कहानी से.' 

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