- इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम के बाद लगभग दो हजार फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया है.
- अक्टूबर 2023 में हमास के हमलों में मारे गए 1200 इजरायली नागरिकों के बाद युद्ध विराम हुआ है.
- गाजा में हजारों रिश्तेदार अस्पताल के बाहर इकट्ठा हुए, जहां रिहा किए गए कैदियों का स्वागत किया गया.
'अब आसमान शांत है, बंदूकें खामोश हैं, सायरन थम गए हैं और सूरज उस पवित्र भूमि पर उग रहा है जो आखिरकार शांति का अनुभव कर रही है,' इजरायल की संसद में ये शब्द थे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लेकिन इनका अहसास उन तमाम माओं ने किया होगा जो बॉर्डर के दोनों तरफ अपने-अपने आंखों के तारे को देखने को इकट्ठा हुई थीं. सोमवार को दुनिया एक ऐसे घटनाक्रम की गवाह बनी, जो शायद एक पल को नामुमकिन सा लगने लगा था. हमास और इजरायल के युद्धविराम के बाद जहां 20 इजरायली अपने घर पहुंचे तो वहीं हजारों फिलिस्तीनी कैदी अपने वतन लौट सके.
जिंदा लौट रहे थे बेटे
गाजा में फिलिस्तीनी कैदियों की माएं हमास और इजरायल के बीच हुए आदान-प्रदान समझौते के तहत अपने बच्चों की रिहाई का बेसब्री से इंतजार करती हुई नजर आईं. एक ऐसी मां भी नजर आई जिसे यह पता लगा था कि उसके दोनों बेटों की मौत हो चुकी है. लेकिन यह जानकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा कि सोमवार को रिहा होने वालों में उनके बच्चे भी शामिल हैं. गाजा युद्धविराम समझौते के पहले चरण के तहत सोमवार को लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाना था.
अस्पताल के बाहर इकट्ठा रिश्तेदार
गाजा में हजारों रिश्तेदार जिनकी आंखों में खुशी के आंसू थे, उस अस्पताल के बाहर जमा हुए थे बसों के जरिए इजरायल की तरफ से रिहा हुए करीब 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों को लाया गया था. अक्टूबर 2023 में हमास के हमलों में मारे गए 1,200 इजरायली नागरिकों और उसके बाद शुरू हुए युद्ध के दौरान पकड़े गए अंतिम जीवित बंधकों की रिहाई के साथ ही हजारों लोगों का इंतजार खत्म हुआ है. यह समझौता युद्धविराम और गाजा से आंशिक इजरायली सेनाओं की वापसी के तहत हुआ है.
अब जाकर लौट सके घर
समझौते के बाद हजारों फिलिस्तीनी अपने उन घरों के मलबे में लौट पाएं हैं जिन्हें संघर्ष के दौरान छोड़ने पर वो मजबूर हो गए थे. गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इस युद्ध में अब तक 68,000 लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही करीब 22 लाख की आबादी वाला पूरा इलाका विस्थापन की मार झेल चुका है.