गले में सूजन, तेज दर्द, सो नहीं पाया...कैसा होता है मंकीपॉक्स का दर्द, इस शख्स की आपबीती जान सिहर उठेंगे

Monkeypox: इरम्बोना का कहना है कि उनको लगता है कि ये बीमारी उनके ही एक दोस्त से हुई है. उनके दोस्त के शरीर पर छाले हो गए थे, लेकिन वह यह नहीं जानते थे कि यह मंकीपॉक्स है. धीरे-धीरे वह भी मंकीपॉक्स का शिकार हो गए.

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दिल्ली:

अफ्रीका समेत कई देश इन दिनों मंकीपॉक्स (Monkeypox) से जूझ रहे हैं. फ्लू जैसे मंकीपॉक्स से पूर्वी अफ्रीका के बुरुंडी के लोग काफी परेशान हैं. यह बीमारी कितनी दर्दनाक है, यह सिर्फ उन लोगों की आपबीती सुनकर ही समझा जा सकता है, जो इससे जूझ रहे हैं. BBC की खबर के मुताबिक, बुरुंडी के रहने वाले इरम्बोना भी मंकीपॉक्स (Monkeypox In Africa) से जूझ रहे हैं और इसका दर्द भी सह रहे हैं. अस्पताल के कमरे में बैठे इरम्बोना ने फफोलों वाली इस बीमारी से होने वाले दर्द को बयां किया. 40 साल के शख्स ने बताया कि मंकीपॉक्स का दर्द किस कदर वह महसूस कर रहे हैं. अस्पताल के बिस्तर पर बैठे 40 साल के एगाइड इरम्बोना ने कहा, मेरे गले में लिम्फ नोड्स सूज गए थे. यह इतना दर्दनाक था कि मैं सो भी नहीं पाया. फिर यहां तो दर्द कम हो गया लेकिन यह मेरे पैरों तक पहुंच गया."

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अफ्रीका में तेजी से बढ़ रहे मंकीपॉक्स के मामले

 बुरुंडी में पिछले महीने से अब तक मंकीपॉक्स के 170 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें एगाइड इरम्बोना भी शामिल हैं. बुरुंडी, दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक, यह कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की सीमा पर मौजूद है. मंकीपॉक्स की वजह से अब तक यहां पर 450 मौतें हो चुकी हैं और 14,000 संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि बुरुंडी में अब तक इस बीमारी से कोई जान नहीं गई है. अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि वर्तमान में मंकीपॉक्स कितना घातक है. दरअसल यहां पर टेस्ट की पर्याप्त क्षमता नहीं है. 

'मुझ से ही पत्नी को हो गया मंकीपॉक्स'

मंकीपॉक्स को वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी गई है. डर है कि यह अन्य देशों में भी फैल सकता है. इरम्बोना का इलाज पिछले 9 दिन से किंग खालिद यूनिवर्सिटी अस्पताल में चल रहा है. किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी मंकीपॉक्स फैलता है. इरम्बोना का लगता है कि उनसे यह संक्रमण उनकी पत्नी को भी हो गया. उनकी देखभाल भी वहीं हो रही है. 

'दोस्त के फफोले मंकीप़क्स हैं, नहीं पता था'

इरम्बोना का कहना है कि उनको लगता है कि ये बीमारी उनके ही एक दोस्त से हुई है. उनके दोस्त के शरीर पर छाले हो गए थे, लेकिन वह यह नहीं जानते थे कि यह मंकीपॉक्स है. धीरे-धीरे वह भी मंकीपॉक्स का शिकार हो गए. उनके शरीर पर भी छाले हो गए. उनकी आवाज भी धीमी हो गई थी. उन्होंने ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि शुक्र है कि उनके सात बच्चे बिल्कुल सुरक्षित हैं. 

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अफ्रीकी बच्चों में तेजीसे फैल रहा मंकीपॉक्स

बता दें कि इरम्बोना बुजुंबुरा के जिस अस्पताल में भर्ती हैं, वह शहर के उन तीन अस्पतालों में शामिल है, जहां मंकीपॉक्स का इलाज चल रहा है. इस अस्पताल में 61 बेड हैं, जिनमें 59 पर मंकीपॉक्स के मरीजों का इलाज चल रहा है. मरीजों में एक तिहाही लोग 15 साल के उम्र के हैं. WHO के मुताबिक, यहां पर सबसे ज्यादा संक्रमण बच्चों में फैल रहा है.

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मंकीपॉक्स की तैयारी पर क्या बोले डॉक्टर?

अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर ओडेट एनसाव्यिमाना का कहना है कि मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. डॉक्टर का कहना है कि मरीज इतने बढ़ने लगे हैं कि अब बाहर तंबू लगाए जा रहे हैं. अब तक 3 टेटं लगाए जा चुके हैं. संदिग्ध मामले सामने आने के बाद मरीजों को इन्हीं टेटं में रखा जाता है. उसके बाद ही वॉर्ड में भेजा जाता है. डॉक्टर का कहना है कि यह बहुत ही मुश्किल भरा है. बच्चे अकेले नहीं रह पाते हैं, इसीलिए ठीक होते हुए भी उनकी मां को भी यहीं रहना पड़ता है. .ह बहुत ही कठिन हालात हैं. 

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मंकीपॉक्स कितना चिंता भरा?

बुरुंडी अब मंकीपॉक्स का एपीसेंटर बनता जा रहा है. डॉक्टर का कहना है कि वह बढ़ते केस को लेकर चिंता में हैं. अगर मामले और बढ़ते हैं तो उनको संभालने की अस्पताल की क्षमता नहीं है. संक्रमित लोगों को अस्पताल में अन्य लोगों से अलग करने की कोशिश की जा रही है. हर ऐहतियात बरती जा रही है. अन्य लोगों को संक्रमितों से दूर रखा जा रहा है. 

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