अमेरिका की फास्ट फूट कंपनी McDonald अब अपने बड़े चिकन बर्गर को 'Big Mac' नहीं कह सकती. यूरोपीय संघ (EU) की एक शीर्ष अदालत ने बुधवार को आयरलैंड की फास्ट फूड सीरीज 'सुपरमैक' के हक में फैसला सुनाया. 2017 में 'सुपरमैक' ने यूरोपीय संघ में मैकडॉनल्ड्स (McDonald's)के बिग मैक (Big Mac)ट्रेडमार्क को रद्द करने की मांग की थी. जबकि मैकडॉनल्ड्स ने अदालत में आयरलैंड की कंपनी की अर्जी का विरोध किया था. आखिरकार बुधवार को अदालत का फैसला 'सुपरमैक' के पक्ष में आया. अदालत ने कहा कि मैकडॉनल्ड्स खास तौर पर अपने बड़े साइज के चिकन बर्गर को 'बिग मैक' नहीं कह सकती है.
EU के इंटरनेशनल प्रॉपर्टी ऑफिस (EUIPO) ने शुरू में 'सुपरमैक' की अर्जी को बरकरार रखा था. बाद में उनकी अपील पर मैकडॉनल्ड्स के 'बिग मैक' हैमबर्गर के लिए ट्रेडमार्क प्रोटेक्शन को चेक किया गया. बुधवार को लक्ज़मबर्ग स्थित जनरल कोर्ट ने EUIPO के फैसले को बदलते हुए फैसला सुनाया कि मैकडॉनल्ड्स अपने आइकॉनिक हैमबर्गर के चिकन वर्जन के लिए 'बिग मैक' ट्रेडमार्क का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. हालांकि, मैकडॉनल्ड्स का ओरिजनल बीफ हैमबर्गर का ट्रेडमार्क बरकरार रहेगा.
बिग मैक मैकडॉनल्ड्स की ओर से बेचा जाने वाला हैमबर्गर है. इसे 1967 में ग्रेटर पिट्सबर्ग क्षेत्र में और 1968 में पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में पेश किया गया था. यह कंपनी के खास प्रोडक्टों में शुमार किया जाता है. मैकडॉनल्ड्स चिकन बिग मैक में दो चिकन कटलेट, पनीर, सलाद, प्याज, मसालेदार खीरे और खास तरह के सॉस मिले रहते हैं. यूरोपीय संघ के बाहर इसकी बिक्री खूब होती है.
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दूसरी ओर, सुपरमैक के मैनेजिंग डायरेक्टर पैट मैकडोनाग ने इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने एक बयान में कहा, "हमारे आवेदन को रद्द करने का मूल उद्देश्य इस मैकडॉनल्डस की ओर से ट्रेडमार्क के गलत इस्तेमाल को उजागर करना था. उन्होंने कहा, "यह फैसला दुनियाभर में छोटी कंपनियों के लिए एक उदाहरण है."