मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू पहली बार द्विपक्षीय बातचीत के लिए आ रहे हैं भारत, जानें कितने दिन रुकेंगे और क्या है शेड्यूल

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की यह पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा है. हालांकि, इससे पहले वो भारत आ चुके हैं. मुइज्जू इस साल 9 जून को नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के तीसरी बार प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नई दिल्ली आए थे.

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नई दिल्ली/माले:

मालदीव (Maldives) के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu)अगले हफ्ते भारत दौरे पर आ रहे हैं. मुइज्जू 6-10 अक्टूबर के दौरान द्विपक्षीय यात्रा के लिए भारत में रहने वाले हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारतीय नेतृत्व के साथ उनकी बैठकें 7 अक्टूबर को निर्धारित हैं. मुइज्जू की इस यात्रा को रिश्तों में कड़वाहट के बाद द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. भारत और मालदीव (Mohamed Muizzu India Visit)के बीच संबंध पिछले साल नवंबर से ही तनावपूर्ण हो गए थे. चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू ने मालदीव के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद ही 'इंडिया आउट' का कैंपेन चलाया था. 

मुइज्जू की यह पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा है. हालांकि, इससे पहले वो भारत आ चुके हैं. मुइज्जू इस साल 9 जून को नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के तीसरी बार प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नई दिल्ली आए थे. मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के प्रमुख शामिल हुए थे. मुइज्जू ने तब कहा था कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का निमंत्रण पाकर और उनके शपथग्रहण में शामिल होकर खुशी हुई.

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मोहम्मद मुइज्जू की राष्ट्रपति से भी होगी मुलाकात
अपनी यात्रा के दौरान मोहम्मद मुइज्जू राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से  मुलाकात होगी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच भारत-मालदीव के द्विपक्षीय मुद्दों, धार्मिक और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा होगी.

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मुंबई और बेंगलुरु का भी करेंगे दौरा
अपनी भारत यात्रा के दौरान मुइज्जू मुंबई और बेंगलुरु भी जाएंगे. वहां वो बिजनेस इवेंट्स में हिस्सा लेंगे.

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नवंबर 2023 में तनावपूर्ण हो गए थे भारत-मालदीव के रिश्ते
चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू ने नवंबर 2023 में मालदीव में सत्ता संभाली थी. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था. मुइज्जू राष्ट्रपति बनने के पहले से ही मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग कर रहे थे. 

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भारतीय सेना की वापसी का दिया था आदेश
मुइज्जू ने कहा था कि अगर भारत अपनी सेना को नहीं हटाएगा तो यह मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक आजादी का अपमान होगा. मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों की मौजूदगी को मालदीव में लोकतंत्र के भविष्य के लिए खतरा भी बताया था. उन्होंने कहा कि देश में बिना संसद की इजाजत के दूसरे देश की सेना की उपस्थिति संविधान के खिलाफ है.

पहली विजिट पर गए थे चीन
यही नहीं, मुइज्जू अपनी पहली स्टेट विजिट पर चीन गए थे. इसके पहले मालदीव का हर राष्ट्रपति पहला दौरा भारत का ही करता आया था.

मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है. मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू की भारत यात्रा इस बात का प्रमाण है कि भारत मालदीव के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है. मुइज्जू के इस दौरे से यह उम्मीद की जा रही है कि इससे लोगों के बीच सहयोग और मजबूती को और गति मिलेगी. दोनों देशों के बीच संबंध और बेहतर होंगे.

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