Corona मरीज़ 70 दिन बाद भी फैला सकते हैं संक्रमण, Quarantine के लिए 14 दिन भी कम : स्टडी

शोधकर्ता जानना चाहते थे कि क्या कोरोना (Coronavirus) को फैलने से रोकने के लिए 14 दिन का क्वारेंटीन पर्याप्त है या नहीं. इस रिसर्च(Research) में पता चला कि 14 दिन का क्वारेंटीन (Quarantine) पर्याप्त नहीं है. कुछ मामलों में  232 दिन तक नहीं टलता खतरा

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Corona मरीज़ों के क्वारेंटीन का समय कम करने के खिलाफ चेतावनी देती नई रिपोर्ट
वॉशिंगटन:

कोरोनावायरस (Coronavirus) पर आई एक नई स्टडी (New Study) कहती है कि क्वारेंटीन (Quarantine) के लिए बताई गई समयसीमा के बाद भी सार्स कोव 2 (SARS-CoV-2) एक्टिव रह सकता है और फैल सकता है. कोविड 19 (Covid19)  पर आई एक ताजा रिसर्च में पता चला है कि क्वारेंटीन के बाद भी कुछ लोगों में ( Atypical Cases) सार्स कोव 2 बिना लक्षण दिखाए ज़िंदा रह सकता है. साथ ही ऐसे लोग संक्रमण के आखिरी चरण में कोरोनावायरस संक्रमण फैला भी सकते हैं.  फ्रंटलाइनर्स इन मेडिसिन नाम की एक पत्रिका में छपी रिसर्च के मुताबिक ब्राज़ील के 38 कोरोना मरीज़ों पर अप्रैल से नवंबर 2020 में किए गए एक रिसर्च में यह सामने आया है. 

इस रिसर्च के प्रमुख शोधकर्ता मरील्टन डोस पासोस (Marielton dos Passos) ने बताया कि 38 में से दो पुरुष और एक महिला में 70 दिनों से अधिक समय तक कोरोनावायरस पाया गया. 

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उन्होंने कहा, इस टेस्ट रिज़ल्ट के आधार पर हम कह सकते हैं कि SARS-CoV-2 से पीड़ित 8% लोग दो महीने से ज्यादा समय के बाद भी कोरोनावायरस फैला सकते हैं. और उनमें संक्रमण के आखिरी दौर में  कोई लक्षण भी नहीं दिखता. 

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शोधकर्ता यह जानना चाहते थे कि क्या कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए 14 दिन का क्वारेंटीन पर्याप्त है या नहीं. इस रिसर्च में पता चला कि 14 दिन का क्वारेंटीन पर्याप्त नहीं है. 

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इस स्टडी के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर पाओला मिनोप्रीयो ने  कहा, "किसी कोरोनावायरस मरीज को नेगेटिव टेस्ट होने में एक महीने तक का समय लग जाता है और कुछ मामलों में हमारी स्टडी कहती है कि मरीज 71 से 232 दिन तक कोविड पॉज़िटिव रह सकता है."

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शोधकर्ताओं ( Researchers)   ने कहा, यह नतीजे कोरोना मरीजों के कोरोना पॉज़िटिव आने  के बाद  क्वारेंटीन समय घटाकर 7, 10  करने या शुरुआत में बताए गए प्रोटोकॉल के अनुसार 14 करने के खिलाफ चेतावनी देते हैं. 

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यह रिसर्च पाश्चर USP साइंटिफिक प्लेटफॉर्म से मान्यता प्राप्त है, ये  फ्रांस की साओ पाउलो ( University of Sao Paulo) यूनीवर्सिटी के पाश्चर इंस्टिट्यूट और ब्राज़ील के ओस्वाल्डो क्रूज़ फाउंडेशन (Oswaldo Cruz Foundation) की पार्टनरशिप में काम करता है. इस रिसर्च में मरीज़ों के दो या तीन बार आरटीपीसीआर टेस्ट में कोविड नेगेटिव होने पर उन्हें फॉलो किया गया.   

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यह वैक्सीन की ज़रूरत, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने की ज़रूरत पर भी ज़ोर डालता है. तीन एटिपिकल मामलों में से महिलाओं में 71 दिन तक वायरस का पता लगाया जा सका और दो में से एक पुरुष  में 81 दिन तक वायरस मिला. इनमें सभी को हल्के कोविड लक्षण थे. एक और एटिपिकल केस वाले आदमी में तीन बार RT-qPCR टेस्ट नेगेटिव आने के  232 दिन तक कोरोनावायरस टेस्ट पॉज़िटिव आया. 

यह पुरुष 2018 से AIDS फैलाने वाले  HIV से संक्रमित था लेकिन एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी के कारण उसके शरीर में वायरस का लोड नहीं बढ़ाय   

मिनोप्रियो ने कहा, "उसे  HIV है इसका मतलब ये नहीं है कि उसे दूसरे संक्रमण आसानी से हो जाएंगे क्योंकि वो  HIV का पता चलने से ही थेरेपी ले रहा था."

किसी संक्रमण से लड़ने की उसकी क्षमता किसी भी दूसरे व्यक्ति जैसी है. और जब उसे कोरोना संक्रमण हुआ तो उसके शरीर में रोग प्रतिरोधी क्षता ने काम किया.  

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