- सऊदी अरब के मदीना में हुए बस हादसे में मारे गए भारतीयों का अंतिम संस्कार इस्लामिक परंपराओं के अनुसार किया गया.
- इस अंतिम संस्कार में भारत और सऊदी अरब के अधिकारियों के साथ मृतकों के परिवार और समुदाय के सदस्य शामिल हुए.
- हादसा 17 नवंबर को मक्का से मदीना जा रही बस में आग लगने से हुआ था, जिसमें 40 से अधिक भारतीय यात्री मारे गए.
सऊदी अरब के मदीना में पिछले दिनों हुए एक दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले भारतीयों का अंतिम संस्कार शनिवार को हो गया. पूरी तरह से इस्लामिक परंपराओं के तहत हुए इस अंतिम संस्कार के भावुक पलों में पीड़ितों के परिजनों और समुदाय सदस्यों के अलावा भारत के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया. भारत से अधिकारियों की एक टीम इस दुखद हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. आपको बता दें कि 17 नवंबर को मक्का से मदीना जा रही बस में आग लगने की वजह से 40 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई थी. ये सभी भारतीय थे.
भारत और सऊदी अधिकारी थे मौजूद
पीड़ितों को पूरे सम्मान के साथ जन्नत उल-बकी कब्रिस्तान में सुपर्दे-ए-खाक किया गया. शेख अब्दुल बारी अल तुबैती ने इस पूरी प्रक्रिया को संपन्न कराया. वह मदीना में पैगंबर की मस्जिद में इमाम और खतीब हैं. इस दौरान आंध्र प्रदेश के राज्यपाल न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर के अलावा तेलंगाना सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद अजहरुद्दीन, सऊदी अरब में भारत के राजदूत डॉक्टर सुहैल खान और जेद्दा के काउंसल जनरल फहद सूरी भी मौजूद रहे. इन सभी ने शोकाकुल परिवारों और बाकी उपस्थित लोगों के साथ मिलकर अंतिम रस्मों के दौरान अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय और मदीना गवर्नरेट के वरिष्ठ अधिकारी भी यहां मौजूद रहे. उनकी मौजूदगी स्थानीय प्रशासन की तरफ से की गई मदद को दर्शाती है.
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क्या हुआ था उस दिन
ज्यादातर मृतक तेलंगाना के रहने वाले थे. यह हादसा भारतीय समयानुसार देर रात करीब 1:30 बजे हुआ. सऊदी अरब के पवित्र शहर मदीना में हादसा उस समय हुआ जब एक ऑयल टैंकर से टकरा गई. के पास हुए भीषण बस हादसे में मारे गए. रियाद स्थित भारतीय दूतावास और जेद्दा में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर मृतकों की पहचान की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया. साथ ही भारत सरकार ने भी मृतकों के परिजनों के सऊदी अरब जाने की प्रक्रिया में सक्रिय तौर पर मदद मुहैया कराई. तीर्थयात्रियों का ग्रुप धार्मिक अनुष्ठान पूरा करने के बाद मक्का से लौट रहा था. जिस समय हादसा हुआ बस में सवार कई यात्री गहरी नींद में थे जिससे उन्हें बचकर निकलने का बहुत कम मौका मिला. टक्कर के बाद बस में आग लग गई जिसके कारण हालात और भी डरावने हो गए.
क्या है जन्नत उल-बकी
जन्नत उल-बकी मदीना में सबसे बड़ा कब्रिस्तान है और मस्जिद नबवी के बगल में है. इस्लाम के अनुयायी मानते हैं कि यहां पर पैगंबर के कम से कम 10,000 साथियों की कब्रें हैं. लेकिन इन कब्रों की पहचान करना नामुमकिन है क्योंकि उन पर कोई निशान नहीं है. इस कब्रिस्तान के तीन एंट्रेंस हैं, एक उत्तर की तरफ, दूसरा पूर्व की तरफ और इसका मेन एंट्रेंस पश्चिम की तरफ है. इस एंट्रेंस का प्रयोग विजिटर्स और दफनाने के लिए किया जाता है.
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