- लश्कर-ए-तैयबा खैबर पख्तूनख्वां के लोअर दिर में एक विशाल आतंकवाद ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण कर रहा है.
- यह ट्रेनिंग सेंटर अफगानिस्तान बॉर्डर से लगभग सैंतालीस किलोमीटर दूर मरकज जिहाद-ए-अक्सा नाम से विकसित हो रहा है.
- सेंटर की जिम्मेदारी आतंकवादी नस्र जावेद को दी गई है जो हैदराबाद ब्लास्ट का मास्टरमाइंड था.
पाकिस्तान किस तरह से सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा है, इससे जुड़े सबूत सामने आए हैं. ये सबूत ऐसे हैं जो किसी के भी होश उड़ा सकते हैं. 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा जो कि जिसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भी एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित किया हुआ, अब वह खैबर पख्तून्ख्वां के लोअर दिर में एक विशाल आतंकह ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण कर रहा है.
अफगान बॉर्डर से 47 किलोमीटर दूर
मरकज जिहाद-ए-अक्सा नाम से यह ट्रेनिंग सेंटर अफगानिस्तान बॉर्डर से मुश्किल से 47 किलोमीटर दूर है. 22 सितंबर 2025 को आईं सैटेलाइट तस्वीरों से भी इस बात की पुष्टि होती है कि इस ट्रेनिंग सेंटर पर काफी तेजी से काम चल रहा है. इस ट्रेनिंग सेंटर की जिम्मेदारी आतंकी नस्र जावेद को सौंपी गई है. नस्र साल 2006 में हैदराबाद में हुए ब्लास्ट्स का मास्टरमाइंड रहा है. यह टेरर ट्रेनिंग कैंप एडवांस्ड जिहादी ट्रेनिंग के साथ ही साथ आतंकियों को मॉर्डन हथियारों की ट्रेनिंग भी मुहैया कराएगा.
पाकिस्तान की रणनीति का हिस्सा
एक मस्जिद के पास विकसित हो रहे इस ट्रेनिंग सेंटर को लश्कर की लंबे समय से चली आ रही उस रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है जिसके तहत वह धर्म की आड़ में अपनी आतंकी गतिविधियों को छिपा सके. बताया जा रहा है कि एक बार शुरू हो जाने पर इस सेंटर में फिदायीन यूनिट्स को पनाह देने और स्पेशल प्रोग्राम चलाने की उम्मीद है जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की तरफ से खत्म की गई फैसिलिटीज की जगह लेगा. यह निर्माण हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से खैबर के बराबर आतंकी अड्डे स्थापित करने के तरफ एक कदम है.
भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा
माना जा रहा है है कि अब लश्कर यहां से भारत -विरोधी आतंकी अभियानों को पाकिस्तान की आईएसआई के साथ मिलकर चलाने वाला है. आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने के नाम पर पाकिस्तानी सेना ने लोअर दीर से टीटीपी जैसे प्रतिद्वंद्वी संगठनों का सफाया कर दिया है. इससे लश्कर-ए-तैयबा के बढ़ने का रास्ता खुल गया है. पाकिस्तान एंटी-टेरर कैंप की आड़ में दुनियाभर से मदद चाहता है. साथ ही वह भारत के खिलाफ अपने प्रॉक्सी वॉर के लिए आतंकवादियों को बढ़ावा दे रहा है और यह क्षेत्रीय शांति के लिए एक गंभीर खतरा है.