जापान (Japan) के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा 19 मार्च को दो दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं जहां वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 14 वें भारत-जापान शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को सप्ताहिक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) 19-20 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं . बागची ने कहा कि इस शिखर बैठक में दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयमों की समीक्षा करने और इसे और आगे बढ़ाने के रास्तों पर विचार करने का मौका मिलेगा.
उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान दोनों नेता साझा हितों से जुड़े क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विषयों पर विचारों का आदान प्रदान करेंगे. पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान के लिए रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के बीच किशिदा की भारत यात्रा महत्वपूर्ण है. जबकि प्रमुख तेल खपत वाले देश तेल की कीमतों पर यूक्रेनी संकट के प्रभाव पर कड़ी नजर रख रहे हैं. भारत और जापान के बीच "विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी" के दायरे में भागीदारों के रूप में बहुआयामी सहयोग है.
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इससे पहले पीएम मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री के पद संभालने के तुरंत बाद अक्टूबर 2021 में पीएम किशिदा से फोन पर बात की थी. दोनों पक्षों ने "विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी" को और मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की थी. 2014 में पीएम मोदी की जापान यात्रा के बाद से, दोनों देशों द्वारा लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णयों के कार्यान्वयन के साथ जबरदस्त प्रगति हुई है. शिंजो आबे तब जापान के पीएम थे. जापान ने भारत के लिए येन 3.5 ट्रिलियन के निवेश की घोषणा की थी, जिसमें विभिन्न परियोजनाओं में सार्वजनिक और निजी भागीदारी शामिल थी.
वर्तमान में भारत में 1455 जापानी कंपनियां हैं. ग्यारह जापान औद्योगिक टाउनशिप (जेआईटी) की स्थापना की गई है, जिसमें राजस्थान में नीमराना और आंध्र प्रदेश में श्री सिटी शामिल हैं, जहां सबसे अधिक जापानी कंपनियां हैं. सबसे बड़ा विकास भागीदार होने के साथ-साथ जापान एफडीआई का भारत का 5वां सबसे बड़ा स्रोत भी है. हालांकि, मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, मेट्रो प्रोजेक्ट्स और दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोजेक्ट सहित जापानी सहायता की मदद से वर्तमान में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं चल रही हैं.
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भारत और जापान ने अक्टूबर 2018 में "डिजिटल पार्टनरशिप" पर हस्ताक्षर किए थे. वर्तमान में, भारतीय स्टार्टअप ने जापानी वेंचर कैपिटलिस्ट्स से 10 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की राशि जुटाई है. भारत और जापान ने भारत में प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में निवेश करने के लिए एक निजी क्षेत्र द्वारा संचालित फंड-ऑफ-फंड भी लॉन्च किया है, जिसने अब तक 100 मिलियन अमरीकी डालर जुटाए हैं. दोनों पक्षों का आईसीटी के क्षेत्र में, 5जी, अंडर-सी केबल, दूरसंचार और नेटवर्क सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग है. कौशल विकास में भी प्रगति हुई है. जापान-भारत विनिर्माण संस्थान (JIM) की कुल संख्या अब 19 है जो 2018 में 8 थी. ये संस्थान कुशल कामगारों को प्रशिक्षण देने के लिए भारत में स्थित जापानी कंपनियों द्वारा स्थापित किए गए हैं.