भारत-मिडिल ईस्ट कॉरिडोर इजरायल-हमास जंग की हो सकता है वजह: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन

बाइडेन ने कहा, "मुझे लगता है कि हमास की ओर से इजरायल पर आतंकवादी हमला करने का एक कारण हाल ही में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान महत्वाकांक्षी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा भी हो सकता है. यह सिर्फ मेरा अनुमान है, इसे साबित करने के लिए मेरे पास कोई प्रूफ नहीं है."

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अमेरिका हमास के साथ जंग में इजरायल की हर संभव मदद कर रहा है.
वॉशिंगटन:

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच 20 दिनों से जंग (Israel Palestine Conflict) चल रही है. युद्ध को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि इजरायल-हमास के बीच जंग की एक वजह भारत-मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर भी हो सकता है. बाइडेन (Joe Biden) ने गुरुवार को कहा, "मुझे लगता है कि हमास की ओर से इजरायल पर आतंकवादी हमला करने का एक कारण हाल ही में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान महत्वाकांक्षी भारत-मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर (India-Middle East Economic Corridor) की घोषणा भी हो सकता है." 

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, बाइडेन ने यह बात ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ मीटिंग के बाद कही. उन्होंने कहा- "यह सिर्फ मेरा अनुमान है, इसे साबित करने के लिए मेरे पास कोई प्रूफ नहीं है." इस कॉरिडोर की घोषणा भारत में G20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. यह प्रोजेक्ट पूरे क्षेत्र को रेलमार्ग के नेटवर्क से जोड़ता है.

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दरअसल, 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी संगठन हमास की ओर से किए गए हमलों में 1400 से अधिक इजरायली लोगों की मौत हुई थी. इस हमले के बाद इज़रायल ने गाजा पट्टी पर हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई शुरू की. दोनों तरफ से तब से हमले किए जा रहे हैं. इस जंग में अब तक 7 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

भारत-मिडिल ईस्ट कॉरिडोर क्या है?
नई दिल्ली में हुए G20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ ने भारत-मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर साइन किए थे. इजरायल ने इस कॉरिडोर को एशिया के लिए काफी अहम बताया था. हालांकि, वह इसमें एक्टिव मेंबर के तौर पर शामिल नहीं है.

मुंबई से शुरू होने वाला यह नया कॉरिडोर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का विकल्प होगा. यह कॉरिडोर 6 हजार किलोमीटर लंबा होगा. इसमें 3500 किलोमीटर समुद्री मार्ग शामिल है.

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कॉरीडोर के बनने से 40% समय की होगी बचत
इस कॉरिडोर के बनने के बाद भारत से यूरोप तक सामान पहुंचाने में करीब 40% समय बचेगा. अभी भारत से किसी भी कार्गो शिप को जर्मनी पहुंचने में 36 दिन लगते हैं. इस रूट से 14 दिन की बचत होगी. यूरोप तक सीधी पहुंच से भारत के लिए एक्सपोर्ट-इंपोर्ट आसान और सस्ता होगा.

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गाजा पर जमीनी हमले के लिए तैयार है इजरायल-नेतन्याहू 
इस बीच इजरायल-हमास युद्ध 20वें दिन में प्रवेश कर गया है. 'द टाइम्स ऑफ इजरायल' के मुताबिक इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि हमास युद्ध के खिलाफ उनका लक्ष्य देश को बचाना है. नेतन्याहू ने वादा किया है कि गाजा में हमास को नष्ट करने के लिए जमीनी घुसपैठ जल्द ही शुरू होगी.

उन्होंने कहा कि इजरायल जमीनी ऑपरेशन के लिए तैयार हो रहा है, लेकिन कब और कैसे? इसका खुलासा अभी नहीं किया जाएगा. बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "हम जमीनी घुसपैठ की तैयारी कर रहे हैं. मैं यह नहीं बताऊंगा कि कब, कैसे, कितने हमले किए जाएंगे. मैं उन विचारों की सीमा के बारे में भी विस्तार से नहीं बताऊंगा. यही वह तरीका है, जिससे हम अपने सैनिकों के जीवन की रक्षा कर सकते हैं."

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राष्ट्र को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने कहा, "इजरायल हमारे अस्तित्व की लड़ाई के बीच में है. युद्ध के दो उद्देश्य हैं. हमास को उसकी सैन्य और शासन क्षमताओं को नष्ट करके खत्म करना. और हमारे बंधकों को छुड़ाने के लिए हर संभव प्रयास करना."

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