3 साल की जुड़वां बेटियों के साथ 52 दिन हमास की कैद में रही मां ने बताया कैसे कटते थे एक-एक दिन

शेरोन पिछले दिनों तीन साल की जुड़वां बेटियों जूली और एम्मा के साथ इजरायल लौटी हैं. वह अब अपने पति समेत 137 बंधकों को रिहाई की गुहार लगा रही हैं.

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
इजरायल ने संघर्ष के दौरान हमास से गाजा बॉर्डर के क्षेत्रों का कंट्रोल वापस ले लिया है.
नई दिल्ली/तेल अवीव:

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर से जंग (Israel Palestine War) चल रही है. इस दौरान दोनों के बीच 6 दिन का सीजफायर समझौता (Israel-Hamas Ceasefire)हुआ था. इसके तहत हमास ने करीब 100 बंधकों को रिहा किया. जवाब में इजरायल ने भी कई फिलिस्तीनी कैदियों को आजाद किया है. हमास की कैद से हाल ही में एक महिला अपनी 3 साल की जुड़वां बच्चियों के साथ रिहा होकर इजरायल लौटी हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में हमास की कैद में बिताए गए 52 दिनों के बारे में बताया है और आपबीती सुनाई है.

इजरायली महिला शेरोन अलोनी-क्यूनियो सीजफायर समझौते के तहत रिहा होने से पहले 3 साल की जुड़वां बच्चियों जूली और एम्मा के साथ के साथ 52 दिनों तक गाजा (Gaza Strip) में हमास की बंधक के तौर पर रहीं. हाल ही में वो रिहा हुई हैं. हालांकि, उनके पति अभी भी फिलिस्तीनी इलाके में कैद हैं. वहां इजरायल की तरफ से लगातार बमबारी हो रही है. ऐसे में शेरोन को अपने पति की जान का डर सता रहा है.

हमास की कैद से रिहा होने के बाद शेरोन ने समाचार एजेंसी 'रॉयटर्स' को इंटरव्यू दिया. इस दौरान उन्होंने में रॉयटर्स को बताया, "हर मिनट क्रिटिकल है. वहां हालात बदतर होते जा रहे हैं. हालात हमेशा के लिए वैसे ही रहेंगे. कुछ नहीं बदलेगा." 34 वर्षीय शेरोन अलोनी-कुनियो ने कहा, "ये एक रशियन रूलेट (कैसिनो की व्हील जिसपर दांव लगाया जाता है) है. आप नहीं जानते कि कल सुबह वे आपको जिंदा रखेंगे या मार डालेंगे."

7 अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल की तरफ ताबड़तोड़ रॉकेट हमले किए थे. हमास के लड़ाके घुसपैठ करते हुए 240 लोगों को बंधक बना लिया था. इन लोगों को गाजा ले जाया गया था. शेरोन अलोनी-कुनियो अपनी बच्चियों के साथ इन बंधकों में शामिल थीं.

Advertisement

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को हमले के दिन गाजा से एक मील दूर स्थित इजरायल के किबुत्ज़ और नीर ओज़ पर कब्जा कर लिया था. हमास के लड़ाकों शेरोन के घर पर आग लगा दी थी. शेरोन अपनी बच्चियों के साथ खिड़की से कूदकर भागने की कोशिश में थीं. इसी दौरान हमास के लोगों ने उन्हें पकड़ लिया था और अपने साथ गाजा ले गए.

Advertisement
हमास की कैद में बिताए 52 दिनों को याद करते हुए शेरोन कहती हैं, "मुझे, मेरे पति डेविड और बच्चियों के साथ बॉर्डर पार ले जाया गया. मेरी दूसरी बेटी को 10 दिनों के लिए गाजा में अलग रखा गया था. इससे पहले कि उसे 12 अन्य बंधकों के साथ कैद में रखा गया था. वहां के हालात बेहद खराब और खौफनाक थे. खासकर बच्चों के लिए सबकुछ डरावना था."

उन्होंने आगे कहा, "आप नहीं जानते कि शाम को पित्ता (रोटी) मिलेगी या भूखे पेट रहना पड़ेगा. इसलिए सुबह के खाने से ही शाम के लिए कुछ बचाकर रखते थे. सब कुछ बहुत कैल्कुलेटेड था. एक चौथाई पित्ता. पानी आज के लिए... अगली सुबह के लिए आधा पित्ता बचाकर रखना पड़ता था." शेरोन कहती हैं, "कभी-कभी हमें खजूर और चीज़ (Cheese) दिया जाता था. कभी-कभी हमास के लोग 12 बंधकों के लिए मीट राइस और राशन बांट देते थे." 

Advertisement

उन्होंने कहा, "लड़कियों/महिलाओं के लिए टॉयलेट जाने की परमिशन का इंतजार करना एक बड़ी समस्या थी. इसलिए हमें सिंक या डस्टबिन का इस्तेमाल करना पड़ता था. कभी-कभी जब बिजली गुल हो जाती थी, तो वे हमें दरवाज़ा खोलने देते थे. ताकि हवा आ सके. बोलने की सख्त मनाही थी. आप केवल फुसफुसाहट के साथ एक बच्चे को 12 घंटे तक कैसे साथ रख सकते हैं?"

Advertisement

शेरोन बताती हैं, "कई बार बंधकों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया. हर दिन रोना, हताशा और चिंता होती है. हमें नहीं पता था कि हम कब तक यहां रहेंगे?"

शेरोन अलोनी-कुनियो ने कहा, "मैं अपने पार्टनर, मेरी बेटियों के बिना अधूरी हूं. मेरी बच्चियां हर रोज मुझसे अपने पिता के बारे में पूछती हैं. मेरे पास उनके सवाल का कोई जवाब नहीं होता." सीजफायर के बाद जंग फिर से शुरू होने से पहले 27 नवंबर को शेरोन रिहा हुईं. रिहाई से पहले उनके पति डेविड को अलग कर दिया गया था. शेरोन ने कहा कि शेष बंधकों को बाहर निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.

इजरायल और हमास के बीच 24 नवंबर से 29 नवंबर तक सीजफायर समझौता हुआ था. इस दौरान हमास की तरफ से 100 से बंधकों को रिहा किया गया. बाकियों से अभी भी संपर्क नहीं किया जा सका है. सीजफायर खत्म होने के बाद से इजरायल से हमले तेज कर दिए हैं. 137 बंधकों के कई परिवार अभी भी गाजा में हैं. स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, जंग के दौरान गाजा में अब तक 18000 से अधिक लोग मारे गए हैं.

ये भी पढ़ें:-

हमास नहीं चाहता था दुनिया को पता चले महिला बंधकों से रेप की बात... US ने बताया क्यों टूट गई सीजफायर डील

Video: उत्तरी गाजा नेस्तनाबूत, अब इजरायली टैंकों और बंदूकों का रुख दक्षिण की ओर

"मैंने ऐसा कोई हस्ताक्षर कहीं नहीं किया...", हमास को आतंकी संगठन ना मानने को लेकर बोलीं मीनाक्षी लेखी

Featured Video Of The Day
IND Vs AUS Semi-Final Update: Team India विजयरथ पर सवार... शहर-शहर जीत का जश्न | NDTV India