"गाजा का अलशिफा अस्पताल बना "डेथ जोन" इसे पूरी तरह से खाली कराने की अपील": WHO

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के प्रमुख फिलिप लाज़ारिनी ने घटना की "भयानक छवियों" का वर्णन किया, जबकि मिस्र ने बमबारी को "युद्ध अपराध" (Israel Gaza War) और "संयुक्त राष्ट्र का जानबूझकर किया गया अपमान" बताया.

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इजरायल-हमास युद्ध (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

इजरायल और गाजा के बीच जारी जंग (Israel Gaza War) हर गुजरते दिन के साथ और तेज होती जा रही है. पहले हमास ने इजरायल पर बम और मिसाइलें बरसाए. अब इजरायल गाजा पट्टी में तबाही मचा रहा है. इजरायल के हमलों को देखते हुए गाजा के सबसे बड़े अलशिफा अस्पताल को खाली करवाए जाने पर विचार किया जा रहा है. दरअसल इस अस्पताल में हजारों की संख्या में लोगों ने शरण ले रखी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रविवार को आश्रय के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे अस्पताल परिसर को खाली कराने की योजना का ऐलान करते हुए कहा कि अलशिफा अस्पताल "मृत्यु क्षेत्र" बन गया है, क्योंकि इज़रायल की सेना ने हमास को को नष्ट करने के लिए लगातार ऑपरेशन तेज कर रही है. 

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अलशिफा अस्पताल खाली कराए जाने पर विचार

इस हफ्ते की शुरुआत में इजरायल के हमलों के बाद डब्ल्यूएचओ और संयुक्त राष्ट्र के अन्य अधिकारियों के अलशिफा अस्पताल का दौरा किया था, जिसके बाद उन्होंने इसे खाली कराए जाने की अपील की है. हमास के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि शनिवार को उत्तरी गाजा शरणार्थी शिविर पर दोहरे हमलों में 80 से अधिक लोग मारे गए, जिसमें विस्थापित लोगों को आश्रय देने वाला संयुक्त राष्ट्र स्कूल भी शामिल था. 

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न्यूज एजेंसी एएफपी द्वारा वेरिफाइड सोशल मीडिया वीडियो में फिलिस्तीनी क्षेत्र के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर जबालिया में एक बिल्डिंग के फर्श पर खून और धूल से सने हुए शव दिखाई दे रहे हैं, जहां स्कूल की मेजों के नीचे गद्दे बिछाए गए थे. संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के प्रमुख फिलिप लाज़ारिनी ने घटना की "भयानक छवियों" का वर्णन किया, जबकि मिस्र ने बमबारी को "युद्ध अपराध" और "संयुक्त राष्ट्र का जानबूझकर किया गया अपमान" बताया. हमास के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि जबालिया शिविर में एक अन्य इमारत पर शनिवार को हुए एक अलग हमले में एक ही परिवार के 32 लोग मारे गए, जिनमें से 19 बच्चे शामिल थे.हमलों का जिक्र किए बिना, इजरायली सेना ने कहा कि "जबलिया क्षेत्र में एक घटना" की समीक्षा की जा रही है.

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इन दिनों फोकस में गाजा का अलशिफा अस्पताल

इज़रायल ने 7 अक्टूबर के हमलों के जवाब में हमास को जड़ से मिटा देने की कसम खाई थी. हमास के हमलों में इजरायल में 1200 लोगों की मौत हुई, तो वहीं जवाबी कार्रवाई में गाजा में 12,300 लोग अब तक मारे जा चुके हैं, जिनमें 5 हजार बच्चे शामिल हैं. गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल, अल-शिफा, हाल के दिनों में मेन फोकस में रहा है. इजरायली बलों ने आरोप लगाया है कि हमास इसे कमांड सेंटर के रूप में इस्तेमाल करता है.वहीं हमास और मेडिकल स्टाफ ने इन दावों का खंडन किया है. 

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रविवार को, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की मूल्यांकन टीम जब अस्पताल पहुंची तो उसे वह जगह एक "मृत्यु क्षेत्र" में तब्दील मिली, जिसके प्रवेश द्वार पर एक सामूहिक कब्र थी और 25 स्वास्थ्य कर्मियों के साथ लगभग 300 मरीज अंदर बचे थे. संस्था ने कहा, "डब्ल्यूएचओ और साझेदार बचे हुए मरीजों, कर्मचारियों और उनके परिवारों को तत्काल निकालने के लिए योजनाएं विकसित कर रहे हैं." उसने गाजा के लोगों के दर्द को देखते हुए तत्काल युद्धविराम का आग्रह किया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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