हमास के इस नेता ने इजरायल को दिया था धोखा, अब मौत के घाट उतारने के लिए खोज रही सेना

इजरायली एजेंसियों का कहना है कि 7 अक्टूबर को हमास के रॉकेट हमलों में सिनवार का अहम रोल था. इजरायली एजेंसियों का यह भी कहना है कि याहया सिनवार ने पहले इजरायल को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की थी कि हमास जंग नहीं चाहता है और वह सीजफायर के पक्ष में है.

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तेल अवीव/गाजा:

इजरायल और फिलस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर से जंग जारी है. 20 नवंबर को जंग का 43वां दिन है. 7 अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल की तरफ कुछ मिनटों में 5000 रॉकेट दागे थे. इसमें 1200 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद इजरायल गाजा पट्टी पर हमास से आर या पार की जंग (Israel Palestine Conflict) लड़ रहा है. अब तक गाजा (Gaza Strip) में इजरायली हमलों में 12000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. इजरायली सेना ने हमास के कई बड़े नेताओं और कमांडरों को ढेर करने का दावा भी किया है. लेकिन इजरायल की सेना को अब भी हमास के चीफ और टॉप कमांडर याहया सिनवार (Yahya Sinwar) की शिद्दत से तलाश है. इजरायल का दावा है कि सिनवार समेत हमास के दूसरे कमांडर गाजा पट्टी की किसी सुरंग में छिपे हुए हैं. 

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली एजेंसियों का कहना है कि 7 अक्टूबर को हमास के रॉकेट हमलों में सिनवार का अहम रोल था. इजरायली एजेंसियों का यह भी कहना है कि याहया सिनवार ने पहले इजरायल को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की थी कि हमास जंग नहीं चाहता है और वह सीजफायर के पक्ष में है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, पांच साल पहले गाजा में हमास के नेता याहया सिनवार ने एक दस्तावेज़ पर एक नोट लिखा था कि उन्हें इस बात की जानकारी थी कि मिस्र के मध्यस्थ इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ये दस्तावेज सौंप देंगे. पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मीर बेन-शब्बात के मुताबिक, सिनवार ने हिब्रू में ये नोट लिखा. सिनवार ने यह भी कहा कि सीजफायर के लिए कैलकुलेटेड रिस्क लेना होगा.

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कुछ ही समय पहले हमास प्रमुख ने इटली के एक पत्रकार को दिए गए इंटरव्यू में कहा था: "मैं अब युद्ध नहीं चाहता. मैं युद्धविराम चाहता हूं." सिनवार ने कहा था कि वो गाजा पट्टी को भी सिंगापुर और दुबई जैसा बनते देखना चाहता है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के लंबे समय से योजनाबद्ध और क्रूर हमले के मद्देनजर इजरायली सुरक्षा प्रतिष्ठान उसके शब्दों को एक नई दृष्टि से देख रहा है. एजेंसियों का मानना है कि याहया सिनवार ने ये बातें भ्रम पैदा करने के लिए कही थीं. वह एक तरफ इजरायल को बताता था कि हमास शांति चाहता है और उसका फोकस गाजा पट्टी को विकसित करना है. लेकिन दूसरी ओर वो इजरायल के खिलाफ हमले की रणनीति बना रहा था. अमेरिका और यूरोपीय संघ हमास को आतंकी संगठन मानते हैं. हालांकि, हमास कुछ सालों से दुनिया को यह बताने में लगा था कि उसका फोकस हमले से ज्यादा गाजा पट्टी में अच्छे गवर्नेंस पर है.

इजरायली अधिकारी ये मानने लगे थे कि हमास में आत्मसंतुष्टि की भावना घर कर गई है. हाल के वर्षों में इजरायली सेना ने गाजा बॉर्डर बाड़ की निगरानी बहुत कम कर दी. इलेक्ट्रॉनिक सेंसर पर भरोसा किया और सैनिकों को क्षेत्र से बाहर वेस्ट बैंक में बस्तियों की रक्षा के लिए शिफ्ट कर दिया गया था.

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इजरायली विश्लेषक चेन आर्टज़ी सीन ने हाल ही में येदिओथ अह्रोनोथ अखबार में लिखा था, "महत्वाकांक्षी सैन्य खुफिया विश्लेषकों ने ईरान और सीरिया पर ध्यान केंद्रित करना पसंद किया. क्योंकि फिलिस्तीनी मुद्दों पर काम करना महत्व का नहीं माना जाता था. व्यापक भावना यह थी कि हमास को सीमित कर दिया गया है. लेकन वास्तविक चुनौतियां अभी और दूर हैं."

इजरायली अधिकारियों को अब लगता है कि इन सब बातों से हमास ने एक भ्रम की स्थिति बना दी थी. शायद इसी के चलते नेतन्याहू सरकार का हमास पर फोकस कुछ कम हो गया. मौका पाते ही हमास ने हमले कर दिए. इजरायली विश्लेषक माइकल मिल्शतेन कहते हैं, "याहया सिनवार को इजरायल की मानसिकता के बारे में बहुत अच्छे से पता था. उसने इसी का फायदा उठाया."

आज इजरायली सेना हमास को खत्म करने के अपने मिशन के तहत गाजा के ज्यादातर हिस्से को मलबे में तब्दील कर रही है. जंग में अब तक कम से कम 12000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सिनवार हमले के मास्टरमाइंड के रूप में उभर रहा है. वह इजरायली सेना का टॉप टारगेट है. माना जाता है कि वह गाजा के किसी सुरंग में छिपा हुआ है. ठीक वैसे ही जैसे बंकर में हिटलर छिपा करते थे.

जैसा कि 7 अक्टूबर के हमलों ने क्षेत्रीय, वैश्विक और राजनीति का पुनर्निर्माण किया है. इससे व्यापक युद्ध का खतरा बढ़ गया है. यह उल्लेखनीय है कि सिनवार और इजरायली सेना दशकों से एक-दूसरे को देख रहे हैं और जमीनी हालात का विश्लेषण कर रहे हैं.

सिनवार का जन्म 1962 में दक्षिणी गाजा शहर के खान यूनिस के एक गरीब इलाके में हुआ था. 61 वर्षीय सिनवार ने 1980 के दशक के अंत में पहले फिलिस्तीनी विद्रोह के दौरान हमास की आर्मी विंग को बनाने में मदद की थी. बाद में उसने इजरायल के साथ फिलिस्तीनी सहयोगियों को जड़ से उखाड़ने का काम संभाला. 

वह मज्द के नाम से जानी जाने वाली हमास सुरक्षा सेवा का संस्थापक है, जो आंतरिक सुरक्षा मामलों का प्रबंधन करती है. हमास सुरक्षा सेवा संदिग्ध इजरायली एजेंटों की जांच करती है और इजरायली खुफिया और सुरक्षा सेवा अधिकारियों को ट्रैक करती है. सिनवार को तीन बार गिरफ्तार किया जा चुका है. 1988 में उनकी तीसरी गिरफ्तारी के बाद उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

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हालांकि, वह हमास द्वारा पांच साल से अधिक समय तक बंदी बनाए गए एक इजरायली सैनिक के बदले में इजरायल द्वारा रिहा किए गए 1,027 फिलिस्तीनी और इजरायली अरब कैदियों में से एक था.

सिनवार हमास में एक प्रमुख नेता के रूप में अपने पद पर लौट आया और उसे 2017 में गाजा पट्टी में समूह के राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख नियुक्त किया गया. 2000 के दशक की शुरुआत में जेल में रहते हुए सिनवार को सिरदर्द और आंख की रोशनी जाने का अनुभव होने लगा. जिसके बाद उसे बेर्शेबा के सोरोका मेडिकल सेंटर ले जाया गया. जहां एक सर्जन ने उसके ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन किया. इससे उसकी जान बच गई. 2015 में, अमेरिका ने सिनवार को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की ब्लैक लिस्ट में शामिल किया.

वेस्ट बैंक अखबार अल अय्याम के गाजा स्थित कॉलमनिस्ट अकरम अतल्ला ने फोन पर कहा, "हमास और सिनवार ने इजरायल को गुमराह किया और उसे यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि युद्ध हमास के लिए कोई विकल्प नहीं है. यह एक सोची-समझी चाल थी. इसी वजह से हालात बिगड़े."

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7 अक्टूबर को हमलों के बाद से सिनवार ने कोई बयान जारी नहीं किया है. न ही उसने प्रेस से बात की है. इस बीच, जहां हमला हुआ वहां से 75 मील दूर तेल अवीव में रक्षा मंत्रालय की दीवार पर एक पोस्टर लगाया गया है. इसमें हमास के दर्जनों कमांडरों को दिखाया गया है. इनमें से मारे गए कमांडरों के चेहरे पर क्रॉस का निशान बनाया गया है. इस पोस्टर में सिनवार की फोटो सबसे पहले लगी है. ऐसे में साफ है कि इजरायली सेना सिनवार को खत्म करने के लिए तलाश रही है.

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