इजराइल में साल 1973 के बाद पहली बार युद्ध के बीच योम किप्पुर पर्व मनाया गया. यह दिन यहूदी कैलेंडर का सबसे पवित्र दिन माना जाता है.यहूदी धर्म पर विश्वास रखनेवाले लोगों का ये प्रमुख त्योहार है. साल 1973 के बाद ये पहला मौका है, जब सक्रिय युद्ध के बीच इजराइल ने इस पर्व को मनाया. हमलों के मुद्देनजर इजराइल की पुलिस ने देशभर में हाई अलर्ट कर रखा है. दुश्मनों की ओर से इजराइल में लगातार रॉकेट दागे जा रहे हैं. शुक्रवार को इजराइल पर 120 से अधिक रॉकेट दागे गए. इज़रायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने बताया कि पवित्र दिन के शुरुआती घंटों में भी गाजा से इज़रायली क्षेत्र में 120 से ज़्यादा रॉकेट दागे गए.
हिजबुल्लाह ने दी चेतावनी
हिजबुल्लाह ने शुक्रवार को इजरायली नागरिकों को देश के उत्तरी हिस्से में आवासीय इलाकों में स्थित सैन्य स्थलों से दूर रहने की चेतावनी दी. आतंकवादी समूह ने इजरायली सेना पर अपने सैन्य प्रतिष्ठानों के लिए नागरिक क्षेत्रों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है, खासकर हाइफा, तिबेरियस और एकर जैसे प्रमुख शहरों में.
- 23 सितंबर से, इजरायल ने लेबनान में हवाई हमले तेज कर दिए.
- यह कार्रवाई लेबानानी संगठन हिजबुल्ला के खात्मे के लिए की जा रही है.
- इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में जमीनी सैन्य अभियान भी शुरू कर दिया.
- इजरायली हमलों की वजह से लेबनान में लाखों लोग विस्थापित हुए हैं.
बता दें कि पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर एक बड़ा हमला किया था जिसमें करीब 1200 लोगों की मौत हुई थी जबकि 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया गया था. ऐसा माना जाता है कि 100 से अधिक बंधक अब भी गाजा में है. इस हमले के बाद इजरायल ने हमास के कंट्रोल वाली गाजा पट्टी में सैन्य कार्रवाई शुरू कर दीय अलजजीरा की शुक्रवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में इजरायली हमलों में कम से कम 42,065 लोग मारे गए हैं और 97,886 घायल हुए हैं.
भारत ने जताई चिंता
भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह लेबनान की दक्षिणी सीमा पर 120 किलोमीटर तक फैली 'ब्लू लाइन' पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित है. लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफएल) ने गुरुवार को खुलासा किया था कि उसके नकौरा मुख्यालय और आस-पास के ठिकानों इजरायल ने हमला किया है. यूएनआईएफएल ने कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने मर्कवा टैंक से नकौरा में मुख्यालय के एक निगरानी टॉवर को निशाना बनाया. हमले में दो शांति सैनिक सीधे टॉवर पर जा गिरे और घायल हो गए. यूएन फोर्स में कई भारतीय शांति सैनिक भी शामिल हैं, हालांकि बताया जा रहा है कि वे सुरक्षित हैं.