पहले हमास, फिर हिज्बुल्लाह और अब ईरान... जानिए एक साल में कौन कब आया इजरायल के सामने

ईरानी सेना ने मंगलवार रात इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार कर दी. हमले में मुख्‍य रूप से 'सैन्य और सुरक्षा प्रतिष्ठानों' को निशाना बनाया गया.

Advertisement
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

पिछले साल सात अक्टूबर को हमास ने इज़रायल में घुसकर हमले किए. इसके बाद गाजा में संघर्ष की शुरुआत हुई, जो अब कट्टर प्रतिद्वंद्वियों इज़रायल और ईरान के बीच युद्ध में बदल गया है. मंगलवार शाम को ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों की बारिश कर दी.

जानें इस पूरी घटनाक्रम की टाइमलाइन :

हमास का हमला -
7 अक्टूबर 2023 को फिलिस्तीनी इस्लामवादी समूह हमास के आतंकवादियों ने इज़रायल पर हमले किए. इसके एक दिन बाद, दिवंगत ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा कि ईरान फिलिस्तीनियों की रक्षा का समर्थन करता है. उन्होंने इज़राइल पर क्षेत्र में देशों की सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया.

मध्य तेहरान में फ़िलिस्तीनियों के प्रति एकजुटता दिखाने वाले बैनर लहराए गए.

28 अक्टूबर को, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पुष्टि की कि हमास का 90 प्रतिशत सैन्य बजट ईरान से आता है. उन्होंने कहा कि वो पैसा देता है,  व्यवस्था करता है, हमास को निर्देश भी देते है.

सीरिया में हमला -
25 दिसंबर को, ईरान ने सीरिया में एक हमले के लिए इज़रायल को दोषी ठहराया, जिसमें ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की विदेशी ऑपरेशन शाखा, कुद्स फोर्स के शीर्ष कमांडर रज़ी मौसावी की मौत हो गई.

कुछ हफ़्ते बाद जनवरी 2024 में, दमिश्क में इज़रायल पर हुए एक हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड के पांच सदस्य मारे गए. ईरानी मीडिया ने बाद में रिपोर्ट दी कि पीड़ितों में सीरिया के लिए समूह के खुफिया प्रमुख और उनके डिप्टी शामिल थे. रायसी ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी.

ईरानी दूतावास पर हमला -
1 अप्रैल को, दमिश्क में ईरान के राजनयिक मिशन के खिलाफ इजरायल पर हुए एक हवाई हमले ने दूतावास के कांसुलर अनुबंध को खत्म कर दिया. इसमें सात रिवोल्यूशनरी गार्ड मारे गए, जिनमें से दो जनरल थे.

Advertisement

ईरान और सीरिया इज़रायल पर आरोप लगाते हैं, जो न तो इसकी पुष्टि करता है और न ही इससे इनकार करता है. तब इज़रायली सेना का कहना था कि हमले में हताहत हुए लोग इज़रायल से लड़ रहे आतंकवादी थे.

ईरान का पलटवार -
लगभग दो सप्ताह बाद 13 अप्रैल को, ईरान ने इज़रायल पर मिसाइलों और ड्रोनों की झड़ी लगा दी. ये हमला 1979 में इस्लामिक गणराज्य की स्थापना के बाद से इजरायली क्षेत्र पर तेहरान का पहला सीधा हमला था.

Advertisement

इजरायल और अमेरिका सहित कई अन्य देश अधिकांश हमलों को रोकते हैं. इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करने का फैसला लिया.

19 अप्रैल को, मध्य ईरान में विस्फोटों की सूचना मिली, अमेरिकी मीडिया ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि इज़रायल ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ बदले की कार्रवाई की है. हालांकि इस बार ईरान ने विस्फोटों के प्रभाव को कमतर आंका और सीधे तौर पर इज़रायल पर आरोप नहीं लगाया.

तेहरान में मारा गया हमास नेता-
31 जुलाई को हमास ने बताया था कि उसके नेता इस्माइल हानियेह ईरान में रात भर हुए हमले में मारे गए. ईरानी मीडिया के मुताबिक, उनकी मौत "एयर लॉन्चड मिसाइल" के हमले में हुई. वह नए राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने गए थे. ईरान और हिज्बुल्लाह के साथ मिलकर हमास ने इसके लिए इजरायल पर आरोप लगाया था. उन्होंने प्रतिज्ञा ली थी कि इसका जवाब दिया जाएगा.

Advertisement

इजराइल ने उस हमले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. इससे पहले हिज्बुल्लाह के गढ़ दक्षिण बेरूत में हुए हमले में लेबनानी आतंकवादी समूह के एक शीर्ष कमांडर फुआद शुक्र की भी मौत हो गई थी.

3 अगस्त को, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने बताया कि तेहरान में वे जहां रुके हुए थे, उसके बाहर इजराइल ने "छोटी दूरी के प्रोजेक्टाइल" का इस्तेमाल करते हुए हनियेह को मार डाला.

Advertisement

हिज्बुल्लाह नेता की मौत -
हिज्बुल्लाह के खिलाफ इजरायल की भीषण बमबारी जारी थी. इसी बीच 27 सितंबर को दक्षिणी बेरूत में इजरायली हमले में हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के एक ईरानी जनरल की मौत हो गई.

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने कसम खाई है कि नसरल्लाह की मौत "व्यर्थ नहीं जाएगी".

इजरायल पर ईरान का हमला-
1 अक्टूबर को, ईरान ने इजराइल पर मिसाइलों की बौछार कर दी. इसके बारे में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा कि ये नसरल्ला और हनियाह के मर्डर का बदला है. इस हमले से एक दिन पहले ही इजरायल ने ऐलान किया था कि दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी ऑपरेशन शुरू करेंगे.

Featured Video Of The Day
Iran Israel War: 'आपके सम्मान में हिला दी धरती...' हमले के बाद क्या बोला Iran