इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में व्यवस्थाएं ठप हो चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार पानी और बिजली के बगैर गाजा के अस्पताल में मरीजों का इलाज हो पाना असंभव जैसा है. इस युद्ध के बीच सैकड़ों की संख्या में मरीज इस अस्पताल में फंसे हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसी के अनुसार, गाजा में 36 में से 20 अस्पताल अब काम नहीं कर रहे हैं. WHO गाजा के अल-शिफा अस्पताल में स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क करने में कामयाब रहा है. WHO प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेबियस ने कहा कि गाजा में अस्पताल अब अस्पताल के रूप में कार्य नहीं कर रहा है.
अस्पताल पर लगातार हो रहे हैं हमले
बता दें कि इजरायल के हमलों के बीच उत्तरी गाजा में स्थिति गंभीर बनी हुई है जहां अस्पतालों को इजरायली बलों ने अवरुद्ध कर दिया है और वे अंदर मौजूद लोगों की देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं. रॉयटर्स ने मेडिकल स्टाफ के हवाले से बताया कि अस्पताल में कम से कम दो नवजात शिशुओं की मौत हो गई, जबकि बिजली कटौती के कारण और भी अधिक खतरे में हैं.
लोगों ने अस्पताल में ली है शरण
आसपास के इलाकों में लड़ाई जारी रहने के कारण हजारों गाजावासियों ने अल-शिफा अस्पताल के आसपास शरण मांगी है.फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने कहा कि गाजा शहर में अल-कुद्स अस्पताल भी जनरेटर ईंधन की कमी के कारण बंद पड़ गया है. इज़रायल ने कई बार आरोप लगाया है कि गाजा के अस्पतालों का उपयोग हमास द्वारा अपने कार्यों के लिए किया जा रहा है.
हमास ने 7 अक्टूबर को किया था हमला
इज़रायल-हमास युद्ध, जो इस क्षेत्र में अब तक का सबसे घातक युद्ध है, 7 अक्टूबर को शुरू हुआ जब हमास के आतंकियों ने इजरायल पर हमला कर उनके नागरिकों को बंधक बना लिया था. बंधक बनाए गए लोगों में विदेशी नागरिक भी शामिल थे. हमास के इस हमले में इजरायल में कम से कम 1200 लोगों के मारे जाने की बात सामने आई थी.
हमास के इस हमले के जवाब में ही बेंजामिन नेतन्याहू सरकार ने गाजा पर हवाई हमले किए और हमास और उनकी सैन्य क्षमताओं को नष्ट करने की कसम खाते हुए गाजा पट्टी के अंदर जमीनी अभियानों का विस्तार भी किया है.
इजरायल-हमास युद्ध को लेकर बैठक
गौरतलब है कि इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच शनिवार को सऊदी अरब की राजधानी में अरब नेताओं और ईरान के राष्ट्रपति की बैठक में गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल की कार्रवाई की निंदा की थी. इस बैठक में आशंका जतायी गई थी कि यह युद्ध अन्य देशों में भी फैल सकता है. बैठक की शुरुआत करते हुए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि सऊदी अरब फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ हो रहे अपराध के लिए इजरायली अधिकारियों को जिम्मेदार मानता है. उन्होंने गाजा और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजरायल की कार्रवाई के बारे में कहा था कि हमें यकीन है कि क्षेत्र में सुरक्षा, शांति और स्थिरता की गारंटी देने का एकमात्र तरीका कब्जे, घेराबंदी को खत्म करना है.