“हमास जंग रोकना ही नहीं चाहता”: आखिर गाजा सीजफायर वार्ता से क्यों बाहर निकले अमेरिका और इजरायल

Israel Gaza Ceasefire Talk: फ्रांस ने घोषणा की कि वह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में औपचारिक रूप से फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता देगा.

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  • इजरायल और अमेरिका ने गाजा युद्धविराम वार्ता से अपने वार्ताकारों को हटाकर हमास को विफलता का दोषी ठहराया है.
  • फ्रांस सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देगा.
  • गाजा में 20 लाख से अधिक फिलिस्तीनियों को भारी मानवीय संकट और सामूहिक भुखमरी की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है
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अक्टूबर में इजरायल-गाजा युद्ध को शुरू हुए 2 साल गुजर जाएंगे लेकिन शांति की आस अभी भी बहुत दूर नजर आ रही है. बड़ी खबर है कि इजरायल के बाद अमेरिका ने भी गुरुवार, 24 जुलाई को गाजा युद्धविराम वार्ता से अपने वार्ताकारों को हटा लिया है. अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने समझौते पर पहुंचने में विफल रहने के लिए हमास को दोषी ठहराया और कहा कि वाशिंगटन "वैकल्पिक विकल्पों पर विचार करेगा".

इस बीच फ्रांस ने घोषणा की कि वह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में औपचारिक रूप से फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता देगा. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा कि फ्रांस का यह कदम "मिडिल ईस्ट में सभी की सुरक्षा में योगदान दे सकता है".

गौरतलब है कि कतर में जंग रोकने (सीजफायर) और इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए अप्रत्यक्ष वार्ता में चल रही है. वार्ता की सफलता सुनिश्चित करने के लिए दो सप्ताह से अधिक समय से इजरायल और हमास के प्रतिनिधिमंडलों के बीच बातचीत हो रही है.

इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सरकार दोहा से अपने वार्ताकारों को वापस बुलाने के बावजूद अभी भी चाहती है कि सीजफायर हो. उन्होंने हमास पर एक समझौते में रुकावट डालने का आरोप लगाया है.

गाजा में स्थिति भयावह, हमास पर अमेरिका-इजरायल ने क्या आरोप लगाया?

गाजा में 20 लाख से अधिक फिलिस्तीनियों की दुर्दशा हो रही है और इसका दबाव बढ़ रहा है. गाजा में जंग ने गंभीर मानवीय संकट पैदा कर दिया है और चेतावनी दी है कि "सामूहिक भुखमरी" फैल रही है.

हमास ने नवीनतम युद्धविराम प्रस्ताव पर मध्यस्थों को अपनी प्रतिक्रिया सौंपी है. इसके बाद नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि इजरायली वार्ताकार परामर्श के लिए लौट रहे हैं. नेतन्याहू ने कहा, "हम अपने बंधकों की रिहाई के लिए एक और समझौते पर पहुंचने के लिए काम कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "लेकिन अगर हमास किसी समझौते पर पहुंचने की हमारी इच्छा को कमजोरी के रूप में, आत्मसमर्पण की शर्तों को निर्धारित करने के अवसर के रूप में देख रहा है जो इजरायल राज्य को खतरे में डाले, तो यह गंभीर रूप से गलत है."

वहीं अमेरिका के विशेष दूत विटकॉफ ने हमास पर "अच्छे विश्वास से काम नहीं करने" का आरोप लगाया और कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी टीम को घर ला रहा है. विटकोफ ने सोशल मीडिया पर कहा, हमास की प्रतिक्रिया "गाजा में युद्धविराम तक पहुंचने की इच्छा की कमी को स्पष्ट रूप से दर्शाती है."

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उन्होंने कहा, वाशिंगटन अब "बंधकों को घर लाने के लिए वैकल्पिक विकल्पों पर विचार करेगा और गाजा के लोगों के लिए अधिक स्थिर वातावरण बनाने का प्रयास करेगा."

न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार वार्ता से परिचित एक फिलिस्तीनी सूत्र ने कहा कि हमास ने जो प्रस्ताव दिया है उसमें गाजा के अंदर मानवीय सहायता के आने से जुड़े खंडों में प्रस्तावित संशोधन, उन क्षेत्रों के मानचित्र जहां से इजरायली सेना को वापस जाना चाहिए, और युद्ध को स्थायी रूप से समाप्त करने की गारंटी शामिल है.

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