ईरान-इजरायल युद्ध : बरस रहीं मिसाइलें और जंग में हारती इंसानियत ; 11 दिन में किसने क्या खोया क्या पाया?

Iran–Israel War : 13 जून से ईरान-इजरायल के बीच शुरू हुए युद्ध का आज 11वां दिन है. अभी तक के जंग में दोनों देशों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. जंग के 10वें दिन नया मोड़ तब आया जब अमेरिका खुले तौर पर इस जंग में शामिल हो गया.

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युद्ध मानवता के लिए विनाशकारी साबित होता है. इसमें लोग एक-दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं और सहानुभूति, करुणा और सम्मान जैसे बुनियादी मानवीय मूल्य खो जाते हैं. युद्ध के बाद विनाश और पीड़ा के निशान लंबे समय तक बने रहते हैं. घाव कभी पूरी तरह से नहीं भरते, और पीड़ितों के जीवन पर स्थायी प्रभाव पड़ता है.

13 जून से ईरान-इजरायल के बीच शुरू हुए युद्ध का आज 11वां दिन है. अभी तक के जंग में दोनों देशों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. जंग के 10वें दिन नया मोड़ तब आया जब अमेरिका खुले तौर पर इस जंग में शामिल हो गया. रविवार को अमेरिका ने ईरान पर हमला करते हुए उसके तीन परमाणु स्थलों को निशाना बनाया है. जिनमें "फोर्डो, नतांज और एस्फाहान" शामिल हैं.

परमाणु ठिकानों को पूरी तरह नष्ट : ट्रंप का दावा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इन हमलों को "शानदार सैन्य सफलता" करार देते हुए दावा किया कि फोर्डो, नतांज़, और इस्फहान जैसे प्रमुख परमाणु ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है.  हालांकि, ईरान ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसने पहले ही अपने समृद्ध यूरेनियम भंडार को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया था, जिससे कोई रेडियोधर्मी खतरा उत्पन्न नहीं हुआ.

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होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने पर विचार

ईरान की मीडिया ने आज बताया कि अमेरिका की तरफ से ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों पर बमबारी करने के बाद ईरान प्रमुख तेल शिपिंग मार्ग होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद करने पर विचार कर रहा है. होर्मुज जलडमरूमध्य दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण चोकपॉइंट्स में से एक है, जिसके माध्यम से वैश्विक तेल और गैस आपूर्ति का पांचवां हिस्सा है.

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इजरायल के हमले में ईरान का परमाणु ठिकाना बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है. हमले से पहले और बाद की तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि ईरान के प्रमुख परमाणु संयंत्र को हमले से नुकसान पहुंचा है.

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तेल बाजार में अनिश्चितता

ईरान-इजरायल के बीच युद्ध से अंतराष्ट्रीय तेल बाजार में अनिश्चितता बढ़ती जा रही है. रविवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ट्रेडिंग के दौरान कच्चा तेल की कीमत 7.02 % से ज़्यादा बढ़ गया. कच्चे तेल की कीमत बढ़कर ट्रेडिंग के दौरान एक समय 78.50 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है.

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ईरान के सरकारी टीवी चैनल पर हमला

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने एक नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है. सोमवार को इजरायल ने ईरान के सरकारी टीवी चैनल IRIB (Islamic Republic of Iran Broadcasting) के स्टूडियो पर एयरस्ट्राइक कर दी, जब वहां एक महिला एंकर लाइव न्यूज पढ़ रही थी. इस हैरान कर देने वाले हमले का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

इजरायल के ऊपर हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला!
ईरान ने इजरायल के ऊपर हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला करने का दावा किया है. ये पहली बार है, जब इजरायल के साथ युद्ध में ईरान ने अपनी घातक मिसाइल फतह-1 का प्रयोग किया है. इसी के साथ ईरानी फौजों ने इजरायल में अपने कब्जे वाले इलाकों के आसमान पर पूरा कंट्रोल हासिल करने का दावा किया है.

इजरायल के हॉस्पिटल पर हमला

ईरान और इजरायल के बीच की जंग में 20 जून को दोनों तरफ से एक-दूसरे पर हवाई हमले बिना रुके जारी हैं. इजरायल की मिसाइलें जहां ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों और इंडस्ट्रियल एरिया को बिना रुके निशाना बना रही हैं. वहीं, ईरान की मिसाइलों की जद में इजरायल का हॉस्पिटल भी आया है, जहां बड़ा नुकसान हुआ है. इन सबके बीच दोनों तरफ से हमला रिहायशी इलाकों में भी हो रहा है. जहां आम लोगों को जंग की कीमत चुकानी पड़ रही है.

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अमेरिका की हुई युद्द में एंट्री
अमेरिका ने मध्य पूर्व में F-16, F-22, और F-35 लड़ाकू विमान तैनात किए.  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान को खाली करने की चेतावनी दी, लेकिन युद्ध में सीधे शामिल होने से इनकार किया था. हालांकि अब अमेरिका की इस युद्द में एंट्री हो गई है. 

20-21 जून 2025 : हमले और तेज किए गए- युद्ध के 9वें दिन तक दोनों देशों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ. इजरायल को गाजा युद्ध और ईरान के साथ दो दिन की लड़ाई में 68.45 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. ईरान में 400 से अधिक और इजरायल में 25 लोगों की मौत हुई. 

19 जून 2025: नेतन्याहू और खामेनेई की चेतावनी - इजरायल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि खामेनेई सहित कोई भी ईरान में सुरक्षित नहीं है. खामेनेई ने जवाब दिया कि ईरान सरेंडर नहीं करेगा और अमेरिकी हस्तक्षेप का "बुरा अंजाम" होगा.

15-18 जून 2025: युद्ध का विस्तार - इजरायल ने तेहरान में सरकारी मंत्रालयों, मिसाइल लॉन्च पैड, और तेल रिफाइनरियों पर हमले तेज किए. ईरान ने 400 मिसाइलें दागीं, जिससे इजरायल में 24 मौतें और 804 लोग घायल हुए. ईरान में 224-585 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे.

13-14 जून 2025: ईरान का जवाबी हमला - ईरान ने "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III" के तहत इजरायल पर 100 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे. तेल अवीव में नुकसान हुआ, जिसमें 1 व्यक्ति की मौत और 90 से अधिक घायल हुए. इजरायल की रक्षा प्रणालियां आंशिक रूप से नाकाम रहीं. 

13 जून 2025: ऑपरेशन राइजिंग लायन -इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर "ऑपरेशन राइजिंग लायन" शुरू किया. इजरायली लड़ाकू विमानों ने तेहरान, इस्फहान और अन्य शहरों में हमले किए. IRGC कमांडर होसैन सलामी, सेना प्रमुख मोहम्मद बघेरी, और कई परमाणु वैज्ञानिक मारे गए. इजरायल ने दावा किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम 2-3 साल पीछे चला गया. 

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