ईरान ने शनिवार को कहा कि दो सप्ताह पहले उसके समुद्री क्षेत्र में ईरानी सुरक्षा बलों द्वारा जब्त किए गए पुर्तगाली ध्वज वाले जहाज के चालक दल के भारतीय सदस्यों को राजनयिक पहुंच प्रदान की जा रही है. ईरान की इस घोषणा के बाद चालक दल में शामिल भारतीय सदस्यों की शीघ्र रिहाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं. ईरान के अर्द्धसैन्य बल रिवोल्यूशनरी गार्ड ने 13 अप्रैल को ईरान और इजराइल के हमलों के बीच होर्मुज खाड़ी के पास इजराइल से संबद्ध, पुर्तगाल के ध्वज वाले कंटेनर जहाज एममएससी एरीज को जब्त कर लिया था. इस जहाज पर चालक दल के 25 सदस्य सवार थे, जिनमें से 17 भारतीय थे.
ईरान के विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि पुर्तगाल के नवनियुक्त विदेश मंत्री पाउलो रंगेल ने ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन के साथ फोन पर बातचीत की और द्विपक्षीय संबंधों तथा क्षेत्र की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया, साथ ही फलस्तीन के घटनाक्रम पर भी चर्चा की.
ईरान के विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम मानवतावादी दृष्टिकोण के रूप में जहाज के चालक दल की रिहाई पर गंभीरता से विचार करेंगे और हमने तेहरान में उनके राजदूतों को कांसुलर सेवाओं तक उनकी पहुंच, रिहाई और वापस भेजने की घोषणा की है.'' एमएससी एरीज के भारतीय चालक दल के 17 सदस्यों में से एकमात्र महिला एन टेसा जोसेफ को तेहरान में भारतीय मिशन और ईरानी सरकार के ‘‘ठोस प्रयासों'' के बाद 18 अप्रैल को रिहा कर दिया गया था.
इससे पहले बृहस्पतिवार को, नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि भारतीय चालक दल के शेष 16 सदस्यों की वापसी में कुछ ‘‘तकनीकी जटिलताएं शामिल'' हैं. अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल पर जायसवाल ने कहा कि चालक दल के 16 भारतीय सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक है और भारतीय मिशन को ईरानी अधिकारियों द्वारा भारतीय चालक दल तक राजनयिक पहुंच प्रदान की गई थी.