बाप रे 82.2 डिग्री! ईरान के गांव में क्यों पड़ी इतनी गर्मी, समझिए हुआ क्या

अमेरिका की राष्ट्रीय मौसम सेवा के आंकड़ों के अनुसार 28 अगस्त को डेरेस्टन एयरपोर्ट के पास एक मौसम केंद्र में हवा का तापमान 38.8 डिग्री सेल्सियस (102 डिग्री फारेनहाइट) और सापेक्ष आर्द्रता (Relative humidity) 85% थी. जिसके कारण 82.2°C (180°F) हीट इंडेक्स दर्ज किया गया है.

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अगर हीट इंडेक्स 40-54 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच जाता है तो ये सेहत के खतरनाक माना जाता है.

दक्षिणी ईरान में डेरेस्टन एयरपोर्ट के पास एक मौसम केंद्र में 28 अगस्त को धरती का अबतक का सबसे अधिक 82.2°C (180°F) हीट इंडेक्स दर्ज किया गया है. जबकि ओस बिंदु 97°F (36.1°C) दर्ज हुआ. अमेरिका मौसम विज्ञानी कॉलिन मैकार्थी ने एक्स पर एक पोस्ट साझा कर इसकी जानकारी दी. हालांकि ये रीडिंग सटीक है कि नहीं इसकी अभी आधिकारिक जांच की जानी है. मैकार्थी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि "यह निर्धारित करने के लिए कि क्या ये रीडिंग सटीक हैं, एक आधिकारिक जांच पूरी करने की आवश्यकता है."

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि मुझे रीडिंग पर थोड़ा शक है, क्योंकि क्षेत्र के कई अन्य मौसम केंद्रों ने रीडिंग के समय बहुत कम ओस बिंदु की रिपोर्ट दी है, जो कि अधिकतर 80 था". उन्होंने पोस्ट में लिखा, मध्य पूर्व के अधिकांश हिस्सों में लू चल रही है. सऊदी अरब के धाहरन में एक मौसम केंद्र - जहां 95°F (35°C) का विश्व रिकॉर्ड ओस बिंदु दर्ज किया गया है. वहां पर हाल के दिनों में 93°F (33.9°C) तक का ओस बिंदु दर्ज किया है.

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हीट इंडेक्स को 1979 में रॉबर्ट जी. स्टीडमैन द्वारा विकसित किया गया था. हीट इंडेक्स वह तापमान है जो मानव शरीर को तब महसूस होता है जब सापेक्ष आर्द्रता को हवा के तापमान के साथ जोड़ा जाता है. हीट इंडेक्स में रंगों के माध्यम से तापमान को विभिन्न स्तरों में बांटा गया है, जो कि हरा, पीला, नारंगी और लाल है.

अमेरिका की राष्ट्रीय मौसम सेवा के द्वारा दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार डेरेस्टन एयरपोर्ट मौसम स्टेशन में 28 अगस्त को सुबह 10.30 बजे 38.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया. जो कि अधिक तापमान नहीं था. लेकिन, 85% की सापेक्ष आर्द्रता (Relative humidity) के साथ,  हीट इंडेक्स में तापमान, 82.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया.

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दुनिया के लिए खतरे की घंटी

ईरान में दर्ज की गई ये रीडिंग अगर जांच में सही निकलती है, तो ये खतरे की घंटी है और ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ते खतरे की और इशारा करती है. ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया के कई क्षेत्रों में गर्मी बहुत अधिक बढ़ गई है. जिससे लू, आग और सूखे का खतरा बढ़ रहा है. यूरोपीय देश भी अब हीटवे की चपेट में आ रहे हैं और इन देशों में भी अधिक गर्मी पड़ रही है.

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दिल्ली में 56℃ तक पहुंचा था हीट इंडेक्स

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गर्मी की अधिक सटीक जानकारी हासिल करने के लिए हीट इंडेक्स का प्रयोग पिछले साल ही शुरू किया था और इस साल मई महीने में दिल्ली में हीट इंडेक्स 55.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. 

हीटस्ट्रोक का बढ़ता है खतरा

40-54 डिग्री सेल्सियस के हीट इंडेक्स वाले तापमान सेहत के खतरनाक होता है. इस तापमान की वजह से हीटस्ट्रोक हो सकता है.  हीट स्ट्रोक (Heatstroke) लगने पर शरीर का तापमान एकदम बढ़ जाता है.  हीट स्ट्रोक होते ही चक्कर और उल्टी आने लगती है और शरीर एकदम गर्म हो जाता है. सही समय पर इसका उपचार ने होने पर इसका असर दिमाग पर भी पड़ जाता है.

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