अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ अटैक के बाद सबसे रोमांचक सीन ऐपल प्रॉडक्ट्स, खासकर आईफोन पर बन गया है. चीन पर टैरिफ की सबसे बड़ी चपत लगी है. जाहिर है अब चीन से आईफोन अमेरिका में बेचना बहुत महंगा पड़ेगा. भारत आईफोन सप्लाई चेन का बड़ा प्लेयर बनकर उभरा है. चीन के मुकाबले भारत पर टैरिफ कम है, इसलिए चीन के मुकाबले अमेरिकियों को भारत में बना आईफोन सस्ता पड़ेगा. ऐसे में भारत के लिए बड़ा मौका दिख रहा है. लेकिन, लेकिन, लेकिन... ऐपल के पास भारत से सस्ते और भी ऑप्शन हैं. UAE और सऊदी और ब्राजील, जो 10 पर्सेंट टैरिफ की जद में हैं. तो क्या सस्ते आईफोन के लिए ऐपल इन देशों का रुख करेगा. हालांकि हुनर भारत के पास है.
टैरिफ के बाद ऐपल का बुरा हाल है. दुनिया की सबसे रसूखदार कंपनी के शेयरों का अमेरिकी शेयर बाजार में बीपी बढ़ा हुआ है. गुरुवार और शुक्रवार को शेयर 16 पर्सेंट तक डूबे. दरअसल खलबली आईफोन के महंगे हो जाने को लेकर है. हालांकि कंपनी अभी इससे इनकार कर रही है, लेकिन उसके लिए यह लंबा खींचना मुश्किल होगा. दरअसल ऐपल साल में करीब 220 मिलियन यानी 22 करोड़ आईफोन बेचती है. चीन में अभी भी उसके 80 पर्सेंट आईफोन असेंबल होते हैं.
अमेरिकी बाजार में महंगे होंगे आईफोन
चीन को ट्रंप साहब ने टैरिफ पर 54 पर्सेंट का तोहफा दिया है. दोनों मुल्कों में टैरिफ वॉर शुरू हो चुका है. एक्सपर्ट बता रहे हैं कि इससे अमेरिकी बाजार में आईफोन 40 पर्सेंट तक महंगे हो सकते हैं इसी को लेकर हाहाकार मचा है. मजे की बात यह है कि अगर ऐपल ने अपने सप्लाई चेन का ठिकाना न बदला तो वह दिन भी दूर नहीं, जब अमेरिकी भारतीयों से कहेंगे भैइया इंडिया जा रहे तो लौटते हुए ऐठो आईफोन महारे लिए भी ले आना.
ऐपल से जुड़ी बड़ी बातें
- ऐपल के वेंडरों ने मार्च में भारत से लगभग दोगुने iPhone का एक्सपोर्ट किए
- एक साल पहले के ₹11,000 करोड़ से बढ़कर ₹20,000 करोड़ हुआ.
- बड़ा हिस्सा अमेरिका गया. ऐपल ने 2 अप्रैल के टैरिफ से पहले स्टॉक बढ़ाया.
- मार्च तिमाही में ₹48,000 करोड़ के iPhone एक्सपोर्ट हुए हैं.
- पिछले साल इस अवधि में यह आंकड़ा ₹28,500 करोड़ था.
- ऐपल के वेंडरों ने इस साल अब तक लगभग ₹1.5 लाख करोड़ के iPhone एक्सपोर्ट किए.
- पिछले वित्त वर्ष 2024 में यह ₹85,000 करोड़ था.