इंटरनेशनल योग डे : अमेरिका में 130 साल पुराना है योग का इतिहास, हर तीसरे अमेरिकी ने किया है योग

International Yoga Day 2023 :साल 2015 में पहली बार यूएन ने 21 जून को इंटरनेशनल योग डे के तौर पर मनाने का ऐलान किया था लेकिन इस प्राचीन भारतीय परंपरा के प्रति दुनिया का लगाव काफ़ी पुराना है.आइये जानते हैं...

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Yoga Day 2023: अमेरिका में योग का है पुराना इतिहास...

21 जून यानी इंटरनेशनल योग डे इस बार भारत के लिए बेहद खास है. इसकी सबसे बड़ी वजह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित योग कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री मोदी का मौजूद होना है. दरअसल साल 2015 में पहली बार यूएन ने 21 जून को इंटरनेशनल योग डे के तौर पर मनाने का ऐलान किया था लेकिन इस प्राचीन भारतीय परंपरा के प्रति दुनिया का लगाव काफ़ी पुराना है. चूंकि प्रधानमंत्री मोदी इस खास मौके पर न्यूयॉर्क में हैं लिहाजा हम बात करते हैं अमेरिका में योग के प्रति बढ़ते प्यार की और उसके इतिहास की. कुछ रिसचर्स अमेरिका में योग के इतिहास को करीब 130 साल पुराना मानते हैं और इसे साल 1893 से जोड़ते हैं जब स्वामी विवेकानंद ने विश्व धर्म सम्मेलन के दौरान शिकागो में भाषण दिया था. हालांकि विवेकानंद ने ज्यादातर दर्शन और मनोविज्ञान के तत्व के रूप में योग की बात की थी. 

अमेरिका में योग

  •  2021 तक 3.44 करोड़ अमेरिकियों ने माना कि उन्होंने साल में कम से कम एक बार योग किया है
  • 2016 में ये संख्या 2.1 करोड़ थी, तब 10 में से नौ अमेरिकियों ने योग के बारे में सुना था
  •  फिलहाल स्थिति ये है कि हर तीसरे अमेरिकी ने कभी न कभी योग को आज़माया है

जब योगानंद को राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में बुलाया

इसके बाद आया साल 1920 का वक्त. जब गोरखपुर के रहने वाले परमहंस योगानंद महज 27 साल की उम्र में अमेरिका आए. ये प्रथम विश्वयुद्ध का दौर था. युद्ध से परेशान पश्चिम के लोग आध्यात्मिक शरण में सुकून तलाश रहे थे. तब योगानंद ने उन्हें योग से जोड़ा. धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता इस कदर बढ़ी कि अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज ने उन्हें  व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया. उसके बाद आया हिप्पी आंदोलन का वक्त. साठ के दशक में इस आंदोलन ने न सिर्फ योग को अपनाया बल्कि उसे ज्यादा सरल और सहज भी बनाया.  

स्टीव जॉब्स भी योग के हुए मुरीद

1974 में एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स आध्यात्मिक शांति के तलाश में भारत आए. 18 साल के युवा के तौर पर वो यहां नीम करौली बाबा के आश्रम में आए. वैसे परमहंस योगानंद की किताब ऑटोबायोग्राफ़ी ऑफ अ योगी ने उन्हें बहुत गहरे तौर पर प्रेरित किया.  वैसे स्टीव जॉब्स से भी पहले- लिवरपुर के लड़के- बीटल्स समूह ने साठ के दशक में योग को लोकप्रिय बनाने में मदद की. ब्रिटिश बैंड बीटल्स के लोग ऋषिकेश आकर महर्षी महेश योगी के आश्रम में रुके और वहां परालौकिक ध्यान का अभ्यास किया. माना जाता है कि ये उनका सबसे अच्छा समय था जब उन्होंने 48 गीत तैयार किए- इनमें से उनके कई एलबम बेहद हिट साबित हुए.   

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योग गुरु विक्रम चौधरी का हॉट योग

विवादास्पद योग गुरु बिक्रम चौधरी ने हॉट योग को लोकप्रिय बनाया है. इसके लिए लोग बड़ी रक़म देने को तैयार रहते थे. इसमें कई नामचीन लोग भी शामिल रहे. मसलन- एंडी मरे और सेरेना विलियम्स जैसे टेनिस सितारे. विक्रम ने अपना पहला योग स्टूडियो बेवली हिल्स में खोला था. अब दुनियाभर में करीब 650 जगहों पर विक्रम स्टूडियो खुल चुके हैं. 
 अब चलते-चलते ये भी जान लेते हैं वर्तमान में अमेरिका में योग की क्या स्थिति है?

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वैसे तो भारत में योग जीवन शैली है लेकिन हमारे मुल्क की इस प्राचीन कला को अब दुनिया का सुपर पावर भी अपनाने लगा है. जाहिर है ये सिर्फ अच्छी सेहत का मामला नहीं बल्कि भागती-दौड़ती जिंदगी में सुकून की तलाश भी है

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