- बांग्लादेश के इंकलाब मंच के नेता उस्मान हादी को राष्ट्रीय कवि काजी नजरूल इस्लाम की कब्र के बगल में दफनाया गया
- इंकलाब मंच ने हत्या के जिम्मेदारों की गिरफ्तारी के लिए मोहम्मद यूनुस की सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया
- शाहबाग में प्रदर्शनकारियों ने हत्या के मामले की प्रगति रिपोर्ट मांगी और सरकार पर दबाव बनाने की चेतावनी दी
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 'इंकलाब मंच' के नेता शरीफ उस्मान हादी को शनिवार को राष्ट्रीय कवि काजी नजरूल इस्लाम की कब्र के बगल में दफनाया गया. इसी के साथ हादी की पार्टी ने बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम जारी कर उनकी (हादी की) हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की दिशा में 'स्पष्ट प्रगति' की मांग की. इससे पहले, ढाका में कड़ी सुरक्षा के बीच हादी के जनाजे की नमाज अदा की गई, जिसके लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए थे. संगठन ने शनिवार को शाहबाग में दो से तीन घंटे लंबा प्रदर्शन किया और दो प्रमुख मांगें रखीं.
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प्रदर्शन की मुख्य मांगें
शरीफ उस्मान हादी के हत्यारों के खिलाफ केस की प्रगति रिपोर्ट मांगी है. मंच ने सरकार से 24 घंटे के भीतर केस की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट देने की मांग की. चेतावनी दी गई कि अगर यह रिपोर्ट नहीं दी गई तो गृह मामलों के सलाहकार और प्रधान सलाहकार के गृह मामलों पर विशेष सहायक के इस्तीफे की मांग उठाई जाएगी. मंच ने पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सैन्य खुफिया में मौजूद कथित अवामी आतंकियों की पहचान कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग की.
प्रदर्शन का माहौल
शाहबाग में आयोजित इस रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए सरकार पर दबाव बढ़ाया और चेतावनी दी कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा. उस्मान हादी की हत्या ने बांग्लादेश की राजनीति में हलचल मचा दी है. हादी को इंकलाब मंच का प्रमुख चेहरा माना जाता था. उनकी हत्या के बाद से संगठन लगातार न्याय की मांग कर रहा है और सरकार पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा रहा है. अगले 24 घंटे इस मामले में बेहद अहम माने जा रहे हैं. अगर सरकार ने मांगों पर कार्रवाई नहीं की, तो मंच ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.
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हादी की हत्या से बांग्लादेश में उबाल
हादी पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध-प्रदर्शनों में शामिल प्रमुख नेताओं में से एक थे. इन विरोध-प्रदर्शनों की वजह से तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई थी. वह 12 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में उम्मीदवार थे. नकाबपोश बंदूकधारियों ने 12 दिसंबर को मध्य ढाका के विजयनगर इलाके में हादी के सिर में उस समय गोली मार दी थी, जब वह अपना चुनाव प्रचार शुरू कर रहे थे. बाद में सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. हादी की मौत के बाद देश में अशांति फैल गई है.














