- मध्य इंग्लैंड के वॉर्सेस्टर में 30 वर्षीय भारतीय छात्र विजय कुमार श्योराण की चाकू मारकर हत्या कर दी गई
- पुलिस ने मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और जांच जारी रखते हुए गवाहों से सूचना मांगी है
- मृतक की पहचान हरियाणा के चरखी दादरी जिले के निवासी विजय कुमार श्योराण के रूप में हुई है
मध्य इंग्लैंड में सड़क पर हुए हमले के दौरान एक 30 वर्षीय व्यक्ति (भारतीय छात्र) को चाकू मार दिया गया और बाद में अस्पताल में गंभीर चोटों के कारण उसकी मृत्यु हो गई. वेस्ट मर्सिया पुलिस ने शुक्रवार को वॉर्सेस्टर में इस सप्ताह की शुरुआत में हुए हमले के किसी भी गवाह से जानकारी देने की अपील जारी की. भले ब्रिटिश पुलिस ने अभी तक पीड़ित की औपचारिक पहचान नहीं की है, लेकिन भारत से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, मृतक की पहचान हरियाणा के चरखी दादरी जिले के विजय कुमार श्योराण के रूप में हुई है.
वेस्ट मर्सिया पुलिस ने एक बयान में कहा, "मंगलवार सुबह (25 नवंबर) करीब 4:15 बजे वॉर्सेस्टर में बारबोर्न रोड पर अधिकारियों को एक 30 वर्षीय व्यक्ति गंभीर चोटों के साथ मिला. उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुखद रूप से उसी दिन बाद में उनकी मृत्यु हो गई."
वेस्ट मर्सिया के डिटेक्टिव चीफ इंस्पेक्टर ली होलहाउस ने कहा कि पुलिस बल की संवेदनाएं मृतक के परिवार और मित्रों के साथ हैं. साथ ही उन्होंने घटना के संबंध में लोगों से सूचना देने की अपील भी की.
होलहाउस ने कहा, "पिछले कुछ दिनों से मेरी टीम यह पता लगाने के लिए व्यापक स्तर पर जांच कर रही है कि मंगलवार की सुबह क्या हुआ और किस वजह से एक व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी... इन जांचों के हिस्से के रूप में, अधिकारी विकेंड में बारबोर्न रोड पर ही रहेंगे, और मैं समुदाय को आश्वस्त करना चाहूंगा कि सबूत इकट्ठा करना जारी रहेगा और जनता को चिंतित नहीं होना चाहिए."
इस बीच, चरखी दादरी के विधायक सुनील सतपाल सांगवान ने सोशल मीडिया पर घटना को लेकर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह 'दुख की असहनीय घड़ी' में पीड़ित के परिजनों के साथ हैं.
उन्होंने कहा, "ग्राम जगरामबास, जिला चरखी दादरी (हरियाणा) के एक भारतीय छात्र विजय कुमार श्योराण की दुखद मौत से गहरा सदमा और दुख हुआ, जिन्होंने यूनाइटेड किंगडम के वॉर्सेस्टर में एक क्रूर चाकूबाजी की घटना के बाद अपनी जान गंवा दी... मैंने भारत सरकार से जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने और शोक संतप्त परिवार को हर संभव सहायता देने का आग्रह किया - विशेष रूप से उनके पार्थिव शरीर की तत्काल भारत वापसी सुनिश्चित करके."
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