भारत भविष्य में मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) के मामले में एक महत्वपूर्ण देश होगा. होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) के अध्यक्ष और सीईओ यंग लियू ने यह बात कही है. उनकी इस नई टिप्पणी से भारत के साहसिक कदमों को स्वीकार करने वाली वैश्विक आवाजों के बढ़ते स्वरों में इजाफा हुआ है, कि देश खुद को इलेक्ट्रॉनिक्स और हाई-टेक उत्पादन पावरहाउस के रूप में स्थापित करे.
ताइपे में पत्रकारों के साथ बातचीत में ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र और औद्योगिक श्रृंखला का विकास, और भारत में विकास के अवसर "बहुत, बहुत बड़े अवसर" हैं.
लियू ने कहा, "अगर कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ तो भारत भविष्य में विनिर्माण के मामले में एक बहुत महत्वपूर्ण देश होगा."
उन्होंने कहा कि अतीत में चीन में पूरी सप्लाई चेन इकोसिस्टम के निर्माण में 30 साल लग गए थे, हालांकि इसमें "भारत में उचित समय" लगेगा और अनुभव को देखते हुए यह प्रक्रिया छोटी होगी. उन्होंने एआई और जेनरेटिव एआई जैसी नई टेक्नालॉजी के आगमन की ओर इशारा करते हुए कहा, पर्यावरण भी बिल्कुल वैसा नहीं है.
इस साल जुलाई में, सेमीकॉनइंडिया 2023 को संबोधित करते हुए फॉक्सकॉन ने कहा था कि वह भारत के सेमीकंडक्टर रोडमैप की दिशा को लेकर आशावादी है. उसने जोर देकर कहा था कि ताइवान भारत का सबसे भरोसेमंद और विश्वसनीय भागीदार है और रहेगा. फॉक्सकॉन के शीर्ष बॉस ने उस समय कहा था - "आइए इसे एक साथ करें."
सरकारी सूत्रों ने बताया कि फॉक्सकॉन प्रमुख पीएम मोदी के मेक-इन-इंडिया का समर्थन कर रहे हैं.
सूत्रों ने ताइपे में हालिया मीडिया ब्रीफिंग का हवाला देते हुए कहा, लियू ने संवाददाताओं से कहा- भारत में सुधारों और नीतियों ने संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए बड़े अवसर पैदा किए हैं.