भारत (India) के केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने बुधवार को पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक- 2022 को खारिज किया जिसमें भारत को 180 देशों की सूची में सबसे निचले स्थान पर रखा गया है. मंत्रालय ने कहा कि सूचकांक में उपयोग किए गए सूचक अनुमानों व अवैज्ञानिक तरीकों पर आधारित हैं. हाल में येल एजुकेशन (Yale Education) की तरफ से साल 2022 के लिए EPI (environment performance index 2022) जारी किया गया है. येल के पर्यावरण कानून और पॉलिसी सेंटर (Yale Center for Environmental Law & Policy) की तरफ और अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान सूचना नेटवर्क केंद्र, कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित सूचकांक में जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन, पर्यावरणीय स्वास्थ्य एवं पारिस्थितिकी के महत्व के मामले में देशों की परख के लिए 11 श्रेणियों में 40 प्रदर्शन सूचकों का इस्तेमाल किया गया.
इसमें पहले स्थान पर डेनमार्क, दूसरे स्थान पर ब्रिटेन. और तीसरे पर फिनलैंड और चौथे पर माल्टा हैं. भारत से पहले नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश, सऊदी और म्यांमार जैसे देशों का नाम भी है. इसमें क्लाइमेट चेंज, बायोडाइवर्सिटी, फिशरीज, हवा की गुणवत्ता, कचरा प्रबंधन और स्वच्छ पानी, जलसंसाधन और कृषि जैसे पैमानों पर नंबर दिए गए हैं.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''हाल ही में जारी पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (EPI) 2022 में कई सूचक निराधार मान्यताओं पर आधारित हैं. प्रदर्शन का आकलन करने के लिए उपयोग किए गए कुछ सूचक अनुमानों व अवैज्ञानिक तरीकों पर आधारित हैं।''