SCO समिट में भारत से रिश्तों पर होगी बात? जानिए जयशंकर के दौरे को लेकर पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने क्या दिया जवाब

पाकिस्तान ने अगस्त में प्रधानमंत्री मोदी को SCO समिट में शामिल होने का इनवाइट भेजा था. लेकिन, दोनों देशों के बीच खराब रिश्तों के चलते विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समिट में शामिल हुए हैं. जयशंकर पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान जाने का इकलौता मकसद SCO है, वे दोनों देशों के रिश्तों पर चर्चा नहीं करेंगे.

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इस्लामाबाद:

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में 15 और 16 अक्टूबर को शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन ( Shanghai Cooperation Organisation) यानी SCO समिट होने जा रही है. इस समिट में शिरकत करने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंचे हैं. जयशंकर पिछले 9 साल में पाकिस्तान जाने वाले पहले नेता हैं. इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज़ ज़ाहरा बलोच ने साफ किया है कि SCO समिट के एजेंडे में भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत शामिल नहीं है.

NDTV से खास इंटरव्यू में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज़ ज़ाहरा बलोच ने कहा कि SCO एक बहुपक्षीय मंच है. एस जयशंकर से द्विपक्षीय बातचीत इसके एजेंडे में नहीं है. मुमताज़ ज़ाहरा बलोच ने कहा, "ये SCO सेकेंड हाइएस्ट फोरम है. ये आर्थिक मुद्दों पर फोकस करेगी. समिट के दौरान व्यापार, जलवायु परिवर्तन समेत आर्थिक मुद्दों पर चर्चा होगी."

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उन्होंने बताया, "ये एक मौका है, जहां SCO के सदस्य देश एक मंच पर आते हैं और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं. ऐसी समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश करते हैं. यानी विकासशील देशों के मुद्दे एजेंडे में शामिल हैं. इन मुद्दों की वजह से इंटरनेशनल सप्लाई चेन प्रभावित हुई है. इसका विकासशील देशों पर काफी असर पड़ा है. समिट में इन समस्याओं का समाधान खोजने की कोशिश होगी."

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इस सवाल के जवाब में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज़ ज़ाहरा बलोच कहती हैं, "ये एक बहुपक्षीय मंच है. भारत और पाकिस्तान की कोई भी द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है. इसके अलावा हम भारत के विदेश मंत्री का स्वागत करते हैं." 

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जयशंकर के इस्लामाबाद दौरे से क्या उम्मीद?
9 साल बाद भारत के विदेश मंत्री का पाकिस्तान दौरा हो रहा है. क्या पाकिस्तान इसमें कोई पॉजिटिवी देखता है? इसके जवाब में बलोच कहती हैं, "SCO एक अहम मंच है. जो देश इसमें शिरकत करने आए हैं, वो अच्छे से इस प्लेटफॉर्म की अहमियत समझते हैं. इसी सिलसिले में भारत के विदेश मंत्री भी इस्लामाबाद आए हैं. हम उनका स्वागत करते हैं."

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पाकिस्तान ने PM मोदी को भेजा था न्योता
बता दें कि पाकिस्तान ने अगस्त में प्रधानमंत्री मोदी को SCO समिट में शामिल होने का इनवाइट भेजा था. लेकिन, दोनों देशों के बीच खराब रिश्तों के चलते विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समिट में शामिल हुए हैं. जयशंकर पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान जाने का इकलौता मकसद SCO है, वे दोनों देशों के रिश्तों पर चर्चा नहीं करेंगे.

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2015 में PM मोदी ने की थी सरप्राइज विजिट
जयशंकर से पहले 25 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरप्राइज विजिट पर लाहौर पहुंचे थे. उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन PM नवाज शरीफ से मुलाकात की थी. उससे पहले दिवंगत सुषमा स्वराज ने बतौर विदेश मंत्री इस्लामाबाद का दौरा किया था. इस दौरे के बाद से भारत के किसी भी प्रधानमंत्री या मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है.
    
रूस और चीन समेत ये देश समिट में ले रहे हिस्सा
भारत के अलावा रूस और चीन, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति भी SCO समिट में शिरकत कर रहे हैं. मंगोलिया के प्रधानमंत्री (पर्यवेक्षक राज्य) और मंत्रिपरिषद के उपाध्यक्ष, तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री (विशेष अतिथि) भी बैठक में भाग लेंगे. इसके मद्देनजर सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए इस्लामाबाद में लॉकडाउन लगा दिया गया है. साथ ही पूरे शहर में 3 दिन के लिए छुट्टी की घोषणा कर दी गई है.

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