- पाकिस्तान में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दो भांजों को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
- शाहरेज खान और शेरशाह खान को 9 मई 2023 को दंगों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
- यह कार्रवाई अगस्त 2023 से जेल में बंद इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के तुरंत बाद की गई है.
पाकिस्तान में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दो भांजों को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. शाहरेज खान और शेरशाह खान को 9 मई 2023 को हुए दंगों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई अगस्त 2023 से जेल में बंद इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के तुरंत बाद की गई है.
9 मई के दंगों के आरोप में गिरफ्तारी
पुलिस ने एक बयान में बताया कि इमरान खान की बहन अलीमा खान के बेटे शाहरेज खान को लाहौर स्थित उनके घर पर गुरुवार को छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया, जबकि शेरशाह को शुक्रवार दोपहर उनके घर जाते समय गिरफ्तार किया गया. लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने 9 मई के दंगों के एक मामले में शाहरेज को आठ दिन की हिरासत में पुलिस को सौंप दिया. जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि शाहरेज को 9 मई को जिन्ना हाउस हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया.
ऑक्सफोर्ड ग्रेजुएट हैं शाहरेज खान
शाहरेज ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं और फिलहाल ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी के रीजनल हेड के रूप में कार्यरत हैं. वह एक एथलीट भी हैं. शाहरेज के वकील सलमान अकरम राजा ने गिरफ्तारी के विरोध में दलील दी कि उनके मुवक्किल का नाम इस मामले में पहले कभी नहीं लिया गया था. उन्होंने दावा किया कि 9 मई को जब दंगे हुए थे, तब शाहरेज लाहौर में नहीं बल्कि चित्राल में थे. वकील ने गिरफ्तारी को प्रताड़ित करने वाली कार्रवाई बताया.
'दंगे के वक्त लाहौर में ही नहीं थे शाहरेज'
वकील अकरम राजा ने कहा कि शाहरेज को 27 महीने तक देश में रहने के बावजूद पहले कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था. यह कदम इमरान की जमानत याचिकाओं को मंजूरी मिलने के बाद प्रतिक्रिया में उठाया गया है. राजा ने पत्रकारों से कहा कि यह दुनिया के लिए एक संदेश है कि इस देश में कोई कानून नहीं है. उन्होंने इसे पागलपन और सोची-समझी साजिश बताया और कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक और उनके परिवार के साथ खड़ा होना चाहिए.
एक दिन पहले ही इमरान को मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 9 मई के दंगों से जुड़े आठ मामलों में इमरान खान की जमानत याचिकाएं स्वीकार कर लीं. क्रिकेटर से नेता बने 72 वर्षीय इमरान खान अगस्त 2023 से कई मामलों में मुकदमा दर्ज होने के बाद जेल में हैं.
पाकिस्तानी सेना की आलोचक हैं इमरान की बहन
इमरान खान की बहन अलीमा खान पाकिस्तानी सेना की खुलकर आलोचना करती रही हैं. इससे पहले, उन्होंने मीडिया से कहा था कि इमरान खान ने अपनी पार्टी के सदस्यों से कहा है कि अगर जेल में उनको कुछ भी हो जाता है तो इसके लिए पाकिस्तानी सेना के प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर जिम्मेदार होंगे.
बेटे को अगवा करने का आरोप लगाया
अपने बेटों की गिरफ्तारी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अलीमा खान ने कहा कि रात को सादे कपड़ों में कई हथियारबंद लोगों ने लाहौर में मेरे घर पर धावा बोला. उन्होंने हमारे कर्मचारियों पर बेरहमी से हमला किया. मेरी बहू को परेशान किया और मेरे बेटे शाहरेज खान को उसकी दो छोटी बेटियों के सामने ही जबरदस्ती उठा ले गए.
'तीन साल में आतंक का राज'
अलीमा ने कहा कि पाकिस्तान में तीन साल से भी अधिक समय से फासीवादी शासन ने आतंक का राज कायम कर दिया है. हजारों घरों पर छापे मारे जा रहे हैं, अनगिनत निर्दोष नागरिकों का अपहरण और उत्पीड़न किया जा रहा है. क्रूरता के बावजूद मौजूदा सरकार इमरान खान को तोड़ने में नाकाम रही है.
इमरान का एक भांजा दंगे का दोषी
इमरान खान के एक भांजे हसन नियाजी को 9 मई 2023 से संबंधित मामले में सैन्य अदालत ने दोषी ठहराया है. इमराम खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर में कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और लाहौर से लगभग 130 किलोमीटर दूर फैसलाबाद स्थित आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी.