पाकिस्तान में हिंसा के बाद इमरान खान को बांग्लादेश वाली उम्मीद तो चीन की शरण में शहबाज शरीफ

Pakistan Violence : पाकिस्तान दिन-प्रतिदिन बेहाल होता जा रहा है. कर्ज में डूबे पाकिस्तान में जगह-जगह हिंसा हो रही है और सरकार, सेना और विपक्ष आपस की लड़ाई में उलझे हुए हैं...पढ़ें रिपोर्ट...

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Pakistan Unrest : पाकिस्तान इस वक्त विचित्र स्थिति से गुजर रहा है. बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तानी सेना और पंजाबियों पर हमले कर रहे हैं. विपक्षी दल तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं और कार्यकर्ताओं को देश विरोधी बताकर जेल में डाला जा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के मामले को सैन्य अदालत में भेजने की बात चल रही है. उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बलूचिस्तान में हो रही हिंसा को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे से जोड़कर चीन को अपने ही लोगों पर कार्रवाई का मौका दे दिया है और चीन इसका फायदा उठाकर बलूचिस्तान के लोगों को कुचलने के पाकिस्तानी फौज का समर्थन कर रहा है. 

इमरान को अपनी ही सेना से खतरा?

जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को दोहराया कि उनकी हालत के लिए सेना और आईएसआई जिम्मेदार हैं और उन्होंने अपनी जान को खतरा होने का डर जताया है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक ने एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट में कहा, “आईएसआई मेरे कारावास से संबंधित सभी प्रशासनिक मामलों को नियंत्रित करती है. मैं इसे फिर से कह रहा हूं: अगर मुझे कुछ भी होता है, तो सेना प्रमुख और डीजी आईएसआई जिम्मेदार होंगे.” इमरान खान की टिप्पणी पाकिस्तान सरकार के उस बयान के दो दिन बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि पिछले साल 9 मई को हुई हिंसा से संबंधित मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री का मुकदमा सैन्य अदालतों में जा सकता है. इमरान खान ने अपनी और अपनी पत्नी बुशरा की जेल कोठरी की स्थिति का भी वर्णन करते हुए कहा, 'जब वह प्रार्थना करती हैं तो चूहे ऊपर से गिर जाते हैं. अदालत को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है. मेरा प्रतिष्ठान (सेना) से कोई संपर्क नहीं है. अगर हम उनके साथ बातचीत करते हैं, तो यह केवल देश और संविधान के लिए होगा.' 

बांग्लादेश पर ये कहा

बांग्लादेश से पाकिस्तान की तुलना करते हुए इमरान खान ने कहा, "मवेशियों को मनचाही दिशा में ले जाया जा सकता है, इंसानों को नहीं. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के सेना प्रमुख, मुख्य न्यायाधीश और पुलिस प्रमुख सभी वफादार थे, लेकिन जब लोग सड़कों पर उतरे, तो उन्होंने अपने अधिकार जीत लिए. यहां भी शासन की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति को डिजिटल आतंकवादी करार दिया जाता है. जब इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं, तो लोगों ने विरोध किया, लेकिन सत्ता में बैठे लोग आलोचना को बर्दाश्त नहीं कर सके. किसी को भी अपनी समस्या बताने की इजाजत नहीं है. देश इसके लिए एक खास संस्था को जिम्मेदार ठहराता है.'

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बलूचिस्तान में क्या हुआ?

पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सोमवार को दो अलग-अलग हमलों में हथियारबंद हमलावरों ने कम से कम 37 लोगों की हत्या कर दी. सरकार और सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक रविवार और सोमवार की दरमियानी रात चरमपंथी समूहों से जुड़े उग्रवादियों ने चार हमले किए अबतक 37 लोगों के मारे गए हैं. पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस' ने एक बयान में कहा कि हमलों के बाद शुरू किए गए अभियानों में 21 आतंकवादी भी मारे गए. इससे पहले, बलूच बंदूकधारियों ने रविवार- सोमवार की दरमियानी रात को बलूचिस्तान प्रांत में दो अलग-अलग हमलों में कम से कम 37 लोगों की हत्या कर दी थी. पहली घटना में बलूचिस्तान के मूसाखेल जिले में बंदूकधारियों ने बसों से यात्रियों को उतारकर और उनके पहचान पत्र देखने के बाद पंजाब प्रांत के कम से कम 23 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. मूसाखेल के सहायक आयुक्त नजीब काकर के मुताबिक भारी हथियारों से लैस करीब 10 हमलावारों ने जिले के राराशिम इलाके में अंतर सूबाई राजमार्ग को बाधित कर दिया और कई बसों से यात्रियों को उतार लिया. उन्होंने बताया, ‘‘खबरों के मुताबिक मारे गए लोग पंजाब सूबे से हैं.''

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पुलिस वाले भी मरे

अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य हमले में बलूचिस्तान के कलात जिले में बंदूकधारियों ने चार पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम 11 लोगों की हत्या कर दी गई. कलात राजधानी क्वेटा से करीब 150 किलोमीटर दक्षिण में स्थिति है और बलूच कबीलों का इलाके में दबदबा है.प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है. दोनों हमले बलूच कबाइली नेता नवाब अकबर खान बुगती की 18वीं बरसी के समय हुए हैं. खान पाकिस्तानी सेना के अभियान में मारे गए थे. उग्रवादी समूहों ने अपनी हिंसा को ‘ऑपरेशन हेरूफ' नाम दिया है और एक साथ प्रांत के विभिन्न जिलों में सिलसिलेवार हमले शुरू किए हैं.

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शहबाज शरीफ ने चीन से जोड़ा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तानी प्रांत बलूचिस्तान में बड़े पैमाने पर समन्वित हमले करने वाले अलगाववादी आतंकवादी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत विकास परियोजनाओं को रोकना चाहते हैं. टेलीविजन पर कैबिनेट को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा कि आतंकवादी इस्लामाबाद और बीजिंग के बीच दरार पैदा करना चाहते हैं, जिसने प्रांत में गहरे पानी के बंदरगाह में भारी निवेश किया है और सोने और तांबे की खदान भी है.

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चीन ने क्या कहा?

चीन ने मंगलवार को पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की, जिसमें 37 लोग मारे गए और कहा कि वह इस्लामाबाद के आतंकवाद विरोधी अभियानों का समर्थन करना जारी रखेगा. बलूच बंदूकधारियों के हमले की निंदा करते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक दैनिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि चीन आतंकवाद के सभी रूपों का दृढ़ता से विरोध करता है और आतंकवाद विरोधी अभियानों को आगे बढ़ाने, सामाजिक एकता और स्थिरता बनाए रखने और लोगों की सुरक्षा की रक्षा करने में पाकिस्तान का दृढ़ता से समर्थन करना जारी रखेगा. लिन ने कहा, चीन संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की रक्षा के लिए पाकिस्तान के साथ आतंकवाद विरोधी और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने का इच्छुक है. बलूचिस्तान में दो हमले तब हुए जब एक शीर्ष चीनी सैन्य अधिकारी सुरक्षा मूल्यांकन के लिए पाकिस्तान का दौरा कर रहे हैं, खासकर 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की सुरक्षा के लिए.

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