- अदियाला जेल 142 साल पुरानी और पाकिस्तान की कुख्यात जेल है, जिसमें कई पीएम-राष्ट्रपति कैद रह चुके हैं
- पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो को इसी जेल में फांसी दी गई थी, उसके बाद जिया-उल-हक ने इसे तुड़वा दिया था
- 26/11 के मास्टरमाइंड लखवी समेत कई दुर्दांत आतंकियों को भी इसी जेल में कैद रखा जा चुका है
पाकिस्तान की कुख्यात अदियाला जेल फिर से चर्चा में है. इसी जेल में कैद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर इन दिनों तरह-तरह की अटकलें गर्म हैं. ये जेल महज एक कैदखाना नहीं, बल्कि पाकिस्तान के इतिहास का एक अहम पन्ना रही है. यह जेल तमाम खूंखार अपराधियों, दहशतगर्दों, आतंकियों के अलावा कई बड़े नेताओं का ठिकाना रही है. करीब 142 साल पुरानी अदियाला जेल का इतिहास जितना पुराना है, इसके ऊंची दीवारों के पीछे दर्ज कहानियां उतनी ही गहरी हैं.
142 साल में 4 बार बदली जेल
अदियाला सेंट्रल जेल को रावलपिंडी जिला जेल भी कहा जाता है. पिछले 142 वर्षों में इस जेल की जगह चार बार बदल चुकी है. बात उस वक्त की है, जब रावलपिंडी एक छोटा सा शहर हुआ करता था. उस समय यह जेल कमेटी चौक, तेली मोहल्ला रोड के पास हुआ करती थी. साल 1882 में जेल को जिन्ना पार्क और जुडिशल कॉम्प्लेक्स के पास बनाया गया. 84.4 एकड़ में फैली यह जेल 104 साल तक यहां रही.
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ब्रिटिश राज में सैनानियों को रखा जाता था
ब्रिटिश राज में स्वतंत्रता सेनानियों को रखने के लिए भी रावलपिंडी जेल का इस्तेमाल हुआ था. इस जेल में दिल्ली, हैदराबाद, ढाका तक से सैनानियों को ले जाकर रखा गया था. अल्लामा मशरिकी के नाम से मशहूर इनायतुल्ला खान को भी यहीं कैद रखा गया था. जेल के पास एक कब्रिस्तान है, जहां बहुत से सैनानी दफन हैं.
भुट्टो की फांसी और जिया-उल-हक का हथौड़ा
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को इसी की पुरानी जेल में अप्रैल 1979 में फांसी दी गई थी. भुट्टो की फांसी के बाद जनरल जिया-उल-हक ने जेल के ऐतिहासिक महत्व को खत्म करने के इरादे से 1988 में उसे तुड़वा दिया था. उस जेल के कुछ हिस्से पर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज, जुडिशियल कॉम्प्लेक्स, हाउसिंग सोसाइटी और जिन्ना पार्क हैं.
1986 में 100 एकड़ में बनी नई अदियाला जेल
1986 में अदियाला गांव के पास नई जेल बनाई गई. 100 एकड़ में फैली यह जेल रावलपिंडी कोर्ट से लगभग 13 किमी दूर है. पहले इस जेल में 1927 कैदियों को रखने की क्षमता थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 2700 और फिर 3500 किया गया. इसके बावजूद जेल में क्षमता से कई गुना कैदी रखे जाते हैं. इस जेल से अक्सर दुर्व्यवहार की खबरें मीडिया में आती रही हैं. कुछ समय पहले खबर आई थी कि जेल में सबसे ज्यादा 148 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे.
VIP कैदियों का कैदखाना
अदियाला जेल को पाकिस्तान की सबसे संवेदनशील जेल माना जाता है. इमरान खान से पहले इस जेल में कई प्रधानमंत्रियों और हाई प्रोफाइल हस्तियों को रखा जा चुका है. नवाज शरीफ, यूसुफ रजा गिलानी, शाहिद खाकान अब्बासी जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के अलावा मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज को भी इस जेल में कैद रखा गया था.
कुख्यात अपराधियों का ठिकाना
यह जेल कई कुख्यात आतंकवादियों और अपराधियों का ठिकाना भी रही है. इनमें मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड व लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी-उर- रहमान लखवी और 8 अन्य संदिग्ध शामिल थे. पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर के हत्यारे मुमताज कादरी को भी यहीं फांसी दी गई थी. अमेरिकी विमान के अपहरणकर्ताओं को भी यहीं पर रखा गया था. फांसी की सजा पाए कैदियों को यहां भी रखा जाता है.
27 महीने से इमरान खान यहीं पर कैद
अदियाला जेल में एक तरफ जहां आतंकी और कुख्यात अपराधी कैद हैं, वहीं कभी पाकिस्तान सत्ता चलाने वाले सत्ताधीश भी समय का पहिया घूमने पर इस जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे हैं. क्रिकेट से नेता और फिर प्रधानमंत्री बने इमरान खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पीएम की कुर्सी से हटा दिया गया था. इमरान समर्थक इस तख्तापलट के पीछे पाकिस्तानी सेना का हाथ बताते हैं. इमरान अगस्त 2023 से जेल में हैं. तोषाखाना मामले में गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हो चुके हैं. इमरान अगस्त 2023 से अदियाला जेल में कैद हैं.














