टैंक-ड्रोन और 1000 सैनिक... कैसे रूस के 30 km एरिया में घुस आया यूक्रेन, क्या है उनका प्लान?

यूक्रेन के सैनिकों ने टैंक और ड्रोन से कुर्स्क में जमकर तबाही मचाई.  कुर्स्क, खारकीव से कम से कम 85 मील (140 किलोमीटर) दूर स्थित है. यूक्रेनी सेना के घुसपैठ से रूस अलर्ट हो गया है. कुर्स्क शहर में व्लादिमीर पुतिन की सेना के साथ यूक्रेनी सेना का आमना-सामना भी हुआ.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
यूक्रेन के सैनिकों ने टैंक और ड्रोन से कुर्स्क में जमकर तबाही मचाई (फाइल).
मॉस्को/कीव:

रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) 24 फरवरी 2022 से जंग लड़ रहे हैं. जंग की शुरुआत के बाद से ही रूस, यूक्रेन के शहरों को तबाह कर रहा था. लेकिन यूक्रेन, हमलों का सामना कर रहा है और आज भी अपनी सीमा की सुरक्षा में लगा हुआ है. यूक्रेन के सैनिक अब इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस कर रूस के 30 किलोमीटर के एरिया में भी घुस आए हैं. यूक्रेनी सेना नॉर्थ ईस्ट सुमी ओब्लास्ट क्षेत्र से रूस के कुर्स्क ओब्लास्ट शहर में दाखिल हुई. यूक्रेन के सैनिकों ने टैंक और ड्रोन से कुर्स्क में जमकर तबाही मचाई. कुर्स्क, खार्कीव से कम से कम 85 मील (140 किलोमीटर) दूर स्थित है.

हालांकि, यूक्रेनी सेना के घुसपैठ से रूस अलर्ट हो गया है. कुर्स्क शहर में व्लादिमीर पुतिन की सेना के साथ यूक्रेनी सेना का आमना-सामना भी हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन ने दुश्मन के इलाके में ड्रोन से हमले किए. टैंकर का भी इस्तेमाल किया.

एक गैर-लाभकारी संस्था इंस्टीट्यूट फॉर स्टडी ऑफ वॉर (ISW) ने रूस के कुर्स्क शहर में यूक्रेनी सेना के ऑपरेशन के ओपन-सोर्स वीडियो और तस्वीरें शेयर की हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन की सेना ने 6 अगस्त की सुबह घुसपैठ की. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे उकसावे वाली कार्रवाई करार दिया है.

ISW ने यूक्रेनी सैनिकों की स्थिति का भौगोलिक पता लगाया और उन क्षेत्रों को चिह्नित किया, जहां यूक्रेन की सेना की एक्टिविटी देखी गई है. तस्वीरों में ब्लू एरिया उन क्षेत्रों को दिखाता है, जहां यूक्रेन की आर्मी ने एंट्री की.

Advertisement

अमेरिका की जेल से इस कैदी की वापसी के लिए क्यों बेचैन हैं व्लादिमीर पुतिन?

रूस ने किया 'फेडरल इमरजेंसी' का ऐलान
यूक्रेन के इस ऑपरेशन के मकसद की तो जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन दो साल से चली आ रही जंग के बाद इसे यूक्रेन की तरफ से रूस को अब तक का सबसे बड़ा जवाब माना जा रहा है. इस बीच यूक्रेन की ऐसी घुसपैठ को रोकने के लिए रूस ने अपने सैनिकों को तैनात कर दिया है. रूस ने 'फेडरल इमरजेंसी' का ऐलान भी कर दिया है.

Advertisement

जिओलोकेटिंग यूक्रेनी एडवांस
ISW ने कहा कि 6 अगस्त को टैंक, ड्रोन और बख्तरबंद गाड़ियों के साथ यूक्रेन के 1000 सैनिकों की एक्टिविटी देखी गई. लेकिन ऐसान नहीं लगता कि यूक्रेन ने रूस के इस शहर पर कंट्रोल हासिल किया. ISW की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 8 अगस्त तक यूक्रेनी सैनिक रूस के स्वेर्द्लिकोवो, सुध्ज़ा, मलाया और ल्यूबिमोव्का क्षेत्रों में देखे गए.

Advertisement

व्लादिमीर पुतिन बोले- ये उकसावे वाले कार्रवाई
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन की इस हरकत को 'उकसावे वाली कार्रवाई' करार दिया है. पुतिन ने इन हरकतों का वाजिब जवाब दिया जाएगा. इस बीच चेचन अखमत यूनिट के एक अधिकारी ने कहा, "हालात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. कुछ भी अप्रत्याशित नहीं हुआ. ये सच है कि हमारे लोग मारे गए. दुश्मन कई बस्तियों में दाखिल हो गए थे."

Advertisement
दो साल पहले जंग शुरू होने के समय यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहान्स्क और हॉर्लिव्का शहर रूस के कंट्रोल में थे. रूसी सेना इन क्षेत्रों से पश्चिम की ओर आगे बढ़ गई. अब वो एक बॉर्डर लाइन को कंट्रोल करती है, जो यूक्रेन के उत्तर-पूर्व से दक्षिण तक चलती है. ISW की ओर से शेयर किए गए मैप में रेड लाइन यूक्रेन में रूस की बढ़त को दिखाती है. जबकि डॉटेड ब्लैक लाइन जंग शुरू होने से पहले यूक्रेनी क्षेत्र पर रूस के नियंत्रण की ओर इशारा करती हैं.

रूसी आर्मी एक्सपर्ट ने अधिकारियों को लगाई फटकार
रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के ड्रोन ने रूस के कुर्स्क, वोरोनिश और बेलगोरोड शहर के सीमावर्ती क्षेत्रों में रिहायशी मकानों को टारगेट किया. वहीं, रूस के आर्मी एक्सपर्ट्स ने पहली बार में घुसपैठ का पता लगाने में नाकाम रहने पर अधिकारियों को फटकार लगाई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने शुरू में यूक्रेन के हमलों को नाकाम करन के लिए एयर और आर्टिलरी यूनिट को तैनात किया था. हालांकि, रूस के अधिकारी यूक्रेन की सेना को आगे बढ़ने से रोकने में नाकाम रहे. यूक्रेन की घुसपैठ के बाद रूस के रक्षा मंत्रालय ने क्षेत्र में रॉकेट लॉन्चर, तोपखाने, टैंक और भारी ट्रकों समेत आर्मी हार्डवेयर की टुकड़ियां भेजी हैं. 

वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार इवान गेर्शकोविच कौन, जो कैदियों की अदला-बदली के तहत हुए रिहा

रूस ने यूक्रेन में सुपरमार्केट को किया टारगेट
रूस ने पूर्वी यूक्रेन के औद्योगिक शहर कोस्टियानटिनिव्का में एक सुपरमार्केट पर टैंकर से हमला किया. इस हमले को जंग में यूक्रेन की बढ़त पर रूस की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है. गोलाबारी में इस दौरान 10 लोगों की मौत की खबर है, जबकि 35 से ज्यादा जख्मी बताए जा रहे हैं. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूस को इस हमले का जवाब दिया जाएगा.

क्या जंग में बढ़त हासिल करने के लिए हुई घुसपैठ?
यूक्रेन का खार्किव शहर जंग में टकराव का मुख्य पॉइंट रहा है. यहां इससे पहले रूस ने कई हमले किए. मई में रूस ने खार्किव के महत्वपूर्ण क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. तब रूस ने एक हार्डवेयर स्टोर पर 1000 किलोग्राम के गाइडेड बम गिराए. इसमें 16 लोग मारे गए. 24 फरवरी 2022 को जंग की शुरुआत से खार्किव के ज्यादातर हिस्सों पर रूस का कंट्रोल है. पिछले साल ही यूक्रेन ने खार्किव पर दोबारा कंट्रोल हासिल करने के लिए जवाबी कार्रवाई की थी. यूक्रेन ने तीन दिन पहले रूस के जिस शहर में घुसपैठ की, वो खार्किव से महज 85 मील दूर है. ऐसे में माना जा रहा है कि घुसपैठ के जरिए यूक्रेन जंग में बढ़त हासिल करने की फिराक में है. हालांकि, यूक्रेनी सेना के इस घुसपैठ का मकसद साफ नहीं है.

क्या कहता है अमेरिका?
पूरे मामले पर यूएस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी कहते हैं, "ताजा हालात पर ज्यादा जानकारी के लिए हमारे अधिकारी यूक्रेन के अधिकारियों के संपर्क में हैं. कुछ भी नहीं बदला है. यूक्रेन को लेकर हमारी पॉलिसी नहीं बदली है. यूक्रेन अमेरिका की दी हुई हथियारों का इस्तेमाल सिर्फ सीमा पार पैदा हुए खतरों के खिलाफ कर सकता है."

वहीं, यूएस स्टेट डिपार्टमेंट (अमेरिका के विदेश मंत्रालय) के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन से कहा, "पुतिन यूक्रेन की इस एक्शन को उकसावे की कार्रवाई बता रहे हैं. हैरानी वाली बात ये है कि एक तरफ रूस अंतरराष्ट्रीय नियमों और सीमाओं को तोड़ते हुए यूक्रेन के क्षेत्र में घुस जाता है. एक राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाता. जब वो देश इसका जवाब देता है, तो ये उकसावे की कार्रवाई हो जाती है."

Explainer: इजरायल-ईरान युद्ध हुआ तो इसका क्या होगा भारत पर असर? जानिए

Featured Video Of The Day
Top Headlines: Kanwar Yatra | Azamgarh Tazia Clash | Himachal Monsoon Fury | Lucknow Milk Jihad
Topics mentioned in this article