- गाजा के दक्षिणी हिस्से में स्थित नासिर अस्पताल पर इजरायल के दोहरे हमले में बीस लोग मारे गए हैं.
- इस हमले में पांच पत्रकारों की मौत हुई, जो अस्पताल की बाहरी सीढ़ियों पर थे और बचाव कार्य में लगे थे.
- कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स के अनुसार गाजा में पिछले 22 महीनों में 189 फिलिस्तीनी पत्रकार मारे गए हैं.
गाजा पर इजरायल का हमला जारी है. इन हमलों में इंसानों की जान ऐसे जा रही है जैसे उनका कोई महत्व ही नहीं हो. अब सोमवार को दक्षिणी गाजा के एक अस्पताल पर इजरायल से बमबारी की जिसमें पांच पत्रकारों की भी मौत हो गई. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के रिकॉर्ड विभाग के प्रमुख जहीर अल-वहीदी के अनुसार, इस हमले में कुल मिलाकर 20 लोग मारे गए हैं. भले इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले में पत्रकारों और मेडिकल स्टाफ की मौत पर अफसोस जताया है, जांच की बात की है, लेकिन जिस रणनीति के तहत हमला किया गया, माना जा रहा है कि इन जान गंवाने वालों को जानबूझ के निशाना बनाया गया था.
चलिए आपको बताते हैं कि इजरायल ने हॉस्पिटल पर यह हमला कैसे किया है, इसे क्यों माना जा रहा है कि यह सोची समझी साजिश के तहत किया गया है.
बैक टू बैक दो हमले… बलि के बकरे की तरह लोगों को मौत के घाट उतारा गया?
एपी की रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि खान यूनिस में स्थित इस नासिर अस्पताल पर एक के बाद एक, दो हमले हुए. वीडियो में दिखा कि जैसे ही इजरायल ने पहला हमला किया, पत्रकारों और बचावकर्मियों उस घटनास्थल की ओर भागे. उनके वहां पहुंचते ही अस्पताल की उन बाहरी सीढ़ियों पर एक बड़ा विस्फोट हुआ जहां पत्रकार अक्सर तैनात रहते हैं.
इजरायली मीडिया का दावा है कि इजरायली सैनिकों ने अस्पताल की छत पर लगे हमास के सर्विलांस कैमरे को निशाना बनाकर दो गोले दागे थे. इजरायल की सेना ने कहा कि उसे "असंबद्ध व्यक्तियों को हुए किसी भी नुकसान पर खेद है और वह पत्रकारों को इस तरह से निशाना नहीं बनाती है."
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिखा कि पहले हमले के तुरंत बाद अस्पताल की बाहरी सीढ़ियों पर लोग (जिसमें पत्रकार और बचाव कर्मी शामिल थे) चढ़ने लगे- और ठीक तभी दूसरा धमका हुआ.
न्यूज एजेंसी एपी और रॉयटर्स ने इजरायली अधिकारियों को एक संयुक्त पत्र (ज्वाइंट लेटर) लिखकर स्पष्टीकरण की मांग की है.
(इनपुट- रॉयटर्स, एपी)