कल्पना चावला की मौत की घटना ने सुनीता विलियम्स के मामले में NASA के फैसले को कैसे किया प्रभावित?

कोलंबिया दुर्घटना से पहले 28 जनवरी, 1986 को अंतरिक्ष शटल चैलेंजर में हुए विस्फोट से पूरे चालक दल की मौत हो गई थी. इन हादसों में 14 अंतरिक्ष यात्रियों ने अपनी जान गंवाई

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
सुनीता विलयम्स और बुच विल्मोर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में हैं.
नई दिल्ली:

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला और छह अन्य लोगों की एक फरवरी, 2003 को अंतरिक्ष शटल कोलंबिया के टूटकर जलने पर मौत हो गई थी. यह हादसा तब हुआ था जब अंतरिक्ष शटल ने पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश किया था. यह नासा (NASA) के अधिकारियों के लिए बहुत बड़ा सदमा था. अधिकारियों ने एक बार फिर भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष में भेजने का फैसला किया. वे आठ महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रहेंगी.

कोलंबिया दुर्घटना से पहले, 28 जनवरी, 1986 को अंतरिक्ष शटल चैलेंजर हादसे में पूरे चालक दल की विस्फोट से मौत हो गई थी. इन दुर्घटनाओं में 14 अंतरिक्ष यात्रियों ने अपनी जान गंवाई है.

नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा कि दो दुर्घटनाओं ने अंतरिक्ष यात्रियों के बिना बोइंग स्टारलाइनर को वापस लाने के "फैसले को बहुत प्रभावित किया." नेल्सन खुद एक अंतरिक्ष यात्री हैं और दो अंतरिक्ष शटल दुर्घटनाओं के जांच दल का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) द्वारा "साफ तौर पर गलतियां की गईं."

दक्षिणी अमेरिका के आसमान में हुई थी कल्पना की मौत

कल्पना चावला और और चालक दल की मौत दक्षिणी अमेरिका में आसमान में हुई थी. यह घटना तब हुई थी जब अंतरिक्ष शटल कोलंबिया फिर से धरती के वातावरण में प्रवेश के दौरान शेड्यूल्ड लैंडिंग से 16 मिनट पहले टूट गया. कल्पना चावला 1976 में हरियाणा के करनाल में टैगोर स्कूल में पढ़ी थीं और सन 1982 में उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीएससी की डिग्री प्राप्त की थी. वे अमेरिका में आगे की शिक्षा पूरी करने के बाद 1994 में नासा में अंतरिक्ष यात्री के रूप में शामिल हुई थीं.

नेल्सन ने कहा कि नासा में कल्चर तब ऐसा था कि जूनियर फ्लाइट इंजीनियरों की ओर से दी गई जोखिमों की चेतावनी के बावजूद किसी ने भी उन्हें नहीं सुना. " उन्होंने कहा कि आज लोगों को अपने मन की बात बोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है." 

नासा में सभी ने अपने मन की बात कही

नासा ने फरवरी 2025 में अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को वापस लाने का फैसला किया. इंजीनियरों ने अपनी वर्तमान स्थिति में अंतरिक्ष यान की उड़ान में शामिल जोखिमों के बारे में अपने मन की बात कही और सुनीता और विलमोर को स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन से वापस लाने का फैसला किया.  

Advertisement

नासा के अधिकारियों ने कहा कि वापसी के लिए अंतरिक्ष यान को बदलने का फैसला "एकमत" से लिया गया था.

बहुत जोखिम भरी होती है स्पेसफ्लाइट

नेल्सन ने कहा कि, "यहां तक ​​कि अपनी सबसे सुरक्षित और नियमितता के बावजूद स्पेसफ्लाइट जोखिम भरी होती है. बुच और सुनीता को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रोके रखने और बोइंग के स्टारलाइनर को बिना क्रू के वापस लाने का फैसला लिया गया है. यह सुरक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता है." 

अंतरिक्ष इंजीनियरों ने 6 जून को अंतरिक्ष यान प्रतिक्रिया नियंत्रण थ्रस्टर्स या छोटे रॉकेट के साथ हीलियम लीक का अनुभव किया. इन मुद्दों की पहचान करके स्टारलाइनर ने आईएसएस से संपर्क किया.

Advertisement

यह भी पढ़ें -

आठ दिन से आठ महीने तक : अब अगले साल अंतरिक्ष से लौटेंगी सुनीता विलियम्स

Featured Video Of The Day
South Korea Crisis: दक्षिण कोरिया संकट का भारत पर कितना असर? Yoon Suk Yeol | Kim Jong Un