Hijab Row: हिजाब को खेलों से 'Out करने की तैयारी में' ये देश, 'संसद' करेगी बड़ा फैसला

भारत (India) के अलावा फ्रांस (France) की राजनीति में भी हिजाब (Hijab) का मुद्दा गर्म है. फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) होने में केवल दो महीने बाकी हैं. फ्रांस की संसद में खेल के मैदान पर हिजाब को लेकर तीखी बहस से पहले हिजाब पहने युवा लड़कियां पेरिस में बैनरों के साथ इकठ्ठा हुईं जिन पर लिखा हुआ था, "हमें खेलने दो".

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भारत (India) ही नहीं फ्रांस (France) में भी मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) के हिजाब (Hijab) पहनने पर तीखी बहस छिड़ी हुई है. मुस्लिम महिलाओं के खेल प्रतियोगिताओं (Sports Competition) में हिजाब पहनने का मुद्दे पर फ्रांस की संसद (French Parliament) एक बड़ा फैसला हो सकता है. फ्रांस की संसद के निचले सदन 'नेशनल असेंबली' (National Assembly) को यह तय करना है कि खेल प्रतियोगिताओं में हिजाब को बैन किया जाए या नहीं. यह फैसला एक मतदान से होगा.  खेल प्रतियोगिताओं में हिजाब को बैन करने से जुड़ा एक ड्राफ्ट बिल ( Draft Bill) नेशनल असेंबली में लाया जा रहा है. इस विधेयक पर मतदान किया जाएगा. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इस बिल में एक एक क्लाज़ है जिसे उच्च सदन ने एक संशोधन कर जोड़ा था. इससे अनुसार स्पोर्ट्स फेडरेशन की प्रतियोगिताओं और आयोजनों में "विशिष्ट धार्मिक चिह्न पहनने पर प्रतिबंध" लगाया गया था.

फ्रांस के उच्च सदन में रुढिवादी नेताओं की बहुलता है. हालांकि इस कदम का फ्रांस की सरकार और उसके सहयोगियों ने निचले सदन में विरोध किया है.  लेकिन नेशनल असेंबली में अब इस मुद्दे पर अंतिम फैसला होना है. अगर यह बिल पास हो जाता है तो फ्रांस में फुटबॉल जैसी खेल प्रतियोगिताओं में हिजाबी खिलाड़ी नहीं दिखेंगी. इससे पहले फ्रांस के उच्च सदन 'सीनेट' ने बुधवार को मुस्लिम महिलाओं को खेल प्रतियोगिताओं में हिजाब पहनने से प्रतिबंधित करने वाले बिल पर मतदान करने से मना कर दिया था. संशोधन के दौरान उच्च सदन में पहले ही इसे लेकर मतदान हो चुका है.  

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एंटी-सेपरेटिज़्म  बिल (Anti Separatism Bill) के हिस्से के तौर पर फ्रांस ने जब पिछले साल अप्रेल 2021 में उच्च सदन सीनेट में नाबालिग लड़कियों के सार्वजनिक स्थलों पर हिजाब पहनने पर मतदान किया था तो इसे अल ज़जीरा ने 'इस्लाम के खिलाफ कानून' बताया था.  

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फ्रांस 24 न्यूज़ के अनुसार इस साल फरवरी 2022 के दूसरे हफ्ते में जब पुलिस ने हिजाब पहनी महिलाओं के विरोध प्रदर्शन को रोका तो उसके अगले ही दिन प्रतियोगिताओं में हिजाब पहनने के अधिकार के लिए लड़ रही महिला फुटबॉलरों को एक अदालत में जीत मिली थी. फ्रांस के समानता मंत्री ने भी उनके पक्ष में बयान दिया था. फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव होने में केवल दो महीने बाकी हैं और फ्रांस की की राजनीति में यह मुद्दा गर्म है. फ्रांस में हिजाब पहने युवा लड़कियां ने पेरिस में बैनरों के साथ इकठ्ठा हुईं जिनपर लिखा हुआ था, "हमें खेलने दो".

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फ्रांस की फुटबॉल फेडरेशन के नियम के अनुसार मैच के दौरान कोई विशिष्ट धार्मिक चिन्ह पहनने पर मनाही है, जैसे मुस्लिम हिजाब या यहूदी किप्पा. 

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फ्रांस में संसद के दोनों सदनों में हिजाब पर तीखी बहस हो रही है. फ्रांस में खेल प्रतियोगिताओं पर बैन लगाने वाला संशोधन मूल रूप से फ्रांस की दक्षिणपंथी पार्टी लेस रिपब्लिकन्स (Les Républicains) लाई थी और 19 जनवरी को इसे उच्च सदन सीनेट ने 160 में से 143 वोट से पारित किया था. 

एक रेडियो स्टेशन से बात करते हुए फ्रांस की जेंडर इक्वेलिटी मंत्री एलिज़ाबेथ मोरेनो (Élisabeth Moreno) ने कहा था, " कानून कहता है कि ये युवा लड़कियां हिजाब पहन कर फुटबॉल खेल सकती हैं. आज फुटबॉल के पिच पर हिजाब की मनाही नहीं है. मैं चाहती हूं कि कानून का सम्मान हो. बाद में  AFP को दिए एक कमेंट में उन्होंने कहा, " महिलाओं को जैसा अच्छा लगे उन्हें वैसा पहनने की आजादी होनी चाहिए." 

फ्रांस में हिजाबियस कलेक्टिव (Hijabeuses collective)मूवमेंट 2020 में शुरू हुआ था. यह मैच आयोजित करवाता है और फ्रांस के फुटबॉल फेडरेशन पर हिजाब को अनुमति देने के लिए दबाव डालता है. दूरे फुटबॉल फेडरेशन्स जैसे FIFA में खिलाड़ियों के हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. 
 

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