- गिनी-बिसाऊ में चुनाव के बाद राजनीतिक विवाद के बीच सेना ने नागरिक सरकार को हटाकर सत्ता अपने हाथ में ले ली है
- राष्ट्रपति उमारो सिसोको एम्बालो तख्तापलट के बाद हिरासत में लिए जाने के बाद सेनेगल भाग गए हैं
- सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल होर्टा एनटैम को एक साल के लिए संक्रमणकालीन राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है
एक और अफ्रीकी देश, एक और तख्तापलट... गिनी-बिसाऊ में चुनाव बाद हो रही राजनीतिक कलह के बीच नागरिक सरकार को कुर्सी से उतारकर सेना ने देश अपने हाथ में ले लिया है. यह पहली बार नहीं है जब गिनी और सेनेगल के बीच बसे इस देश में तख्तापलट हुआ है. 1974 में पुर्तगाल से आजादी मिलने के बाद से यहां पर चार बार तख्तापलट हो चुका है. इसके अलावा तख्तापलट के कई प्रयास भी हुए जो सफल नहीं हुआ. हर बार कहानी लगभग एक जैसी होती है. यहां चुनाव बाद चुनाव कौन जीता है, इसपर अक्सर विवाद होता रहता है और इसी समय का फायदा उठाकर सेना तख्तापलट कर देती है.
राष्ट्रपति भागकर सेनेगल पहुंचे, आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ को मिला पावर
सेनेगल की सरकार ने गुरुवार, 27 नवंबर को बताया कि गिनी-बिसाऊ के राष्ट्रपति उमारो सिसोको एम्बालो सैन्य तख्तापलट के दौरान हिरासत में लिए जाने के बाद भागकर सेनेगल आ चुके हैं. वहीं चुनाव में राष्ट्रपति एम्बालो के एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी ने उन पर यह अरोप लगाया कि राष्ट्रपति ने जानबुझकर सेना को तख्तापलट करने को कहा है क्योंकि वह खुद चुनाव हार चुके थे.
जनरल होर्टा एन'टैम को मिली देश की कमान
अस्थिर गिनी-बिसाऊ में सेना ने सत्ता पर कब्ज़ा करने के एक दिन बाद एक जनरल को देश का नया नेता नियुक्त कर दिया. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार जनरल होर्टा एन'टैम को एक साल की अवधि के लिए संक्रमणकालीन राष्ट्रपति बनाया गया है. उन्होंने गुरुवार को सेना मुख्यालय में शपथ ली. एन'टैम एक दिन पहले तक आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ थे. अपने शपथ ग्रहण के दौरान या कैमरों के सामने अधिकारियों के साथ बाहर खड़े होकर वो बमुश्किल ही मुस्कुराए. गुरुवार को सेना मुख्यालय में पद की शपथ लेते हुए उन्होंने घोषणा की, "मैंने अभी-अभी हाई कमान का नेतृत्व करने की शपथ ली है."
विपक्ष का गंभीर आरोप
विपक्षी उम्मीदवार फर्नांडो डायस दा कोस्टा ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि उनका मानना है कि उन्होंने रविवार को हुआ चुनाव जीता था लेकिन एम्बालो ने उन्हें पद लेने से रोकने के लिए सेना के हाथों तख्तापलट करा दिया. हालांकि एम्बालो ने भी जीत का दावा किया था. गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव और संसदीय चुनावों के रिजल्ट की घोषणा करने से एक दिन पहले ही तख्तापलट कर दिया गया.
डायस ने कहा कि वह सुरक्षित हैं और छिपे हुए हैं. दरअसल प्रमुख विपक्षी उम्मीदवार डोमिंगोस सिमोस परेरा को वहां के सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में खड़ा होने से रोक दिया था. इसके बाद डायस ही एम्बालो को सबसे बड़ी चुनौती दे रहे थे. अब डायस ने टेलीफोन पर एएफपी को बताया, "मैं गिनी-बिसाऊ का राष्ट्रपति (निर्वाचित) हूं." उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि उन्हें लगभग 52 प्रतिशत वोट मिले थे.













