इंसानों में पहली बार मिला H5 Bird Flue : इस अमेरिकी रिपोर्ट को पढ़ना है बेहद ज़रूरी

H5N1 बीमारी पक्षियों (Bird) में होने  वाले इन्फ्लूएंजा (Flu) संक्रमण के टाइप A प्रकार के वायरस के कारण होती है.  यह वायरस पानी में रहने वाले जंगली पक्षियों में दुनिया भर में पाया जाता है और यह घरेलू पॉलेट्री (poultry) और दूसरे पक्षी और जानवर प्रजातियों को भी प्रभावित कर सकता है.  

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Bird Flue : इंसानों में मिला Bird Flue का पहला मामला

इंसानों में पहली बार H5 बर्ड फ्लू ( Bird Flue)  मिलने का मामला अमेरिका (US) में सामने आया है. कोलोराडो (Colorado) की एक जेल के कैदी में इस बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज़ (US Centers for Disease Control and Prevention (CDC)  ने इसकी पुष्टि की है.  जेल में कैद व्यक्ति में एवियन इन्फ्लूएंज़ा A(H5) वायरस की पुष्टि हुई. यह व्यक्ति मुर्गी पालन के काम में लगा हुआ था. जब यह बीमार हुआ तो माना गया कि इसे  H5N1 बर्ड फ्लू हो गया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपने एक स्टेटमेंट में यह कहा. एजेंसी ने हालांकि इस वायरस का सबटाइप नहीं बताया केवल यही बताया. 

संक्रमित व्यक्ति के बारे में क्या पता था?

कोलोराडो के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह व्यक्ति 40 से कुछ कम उम्र का है. इसे केवल थकान महसूस हो रही थी. फिलहाल इसे आइसोलेशन में रखा गया है और फ्लू एंटीवायरल oseltamivir से इसका इलाज चल रहा है.   CDC ने 27 अप्रेल को उसकी नाक से लिए गए नमूने की पुष्टि की.  

अधिकारियों ने क्या कहा? 

कोलोराडो में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में महामारी विशेषज्ञ डॉ रेचल हर्लिही (Dr Rachel Herlihy) ने कहा कि हम कोरोराडो के लोगों को यह आश्वासन देना चाहते हैं कि उन्हें खतरा कम है. मैं CDC, सुधार विभाग और कृषि विभाग के प्रति आभारी हूं कि उन्होंने सहयोग दिया हम इस वायरस की निगरानी जारी रखेंगे और सभी कोलोराड़ो निवासियों की सुरक्षा करेंगे.  

एवियन फ्लू क्या है?

CDC के अनुसार, यह बीमारी पक्षियों (Bird) में होने  वाले इन्फ्लूएंजा (Flu) संक्रमण के टाइप A प्रकार के वायरस के कारण होती है.  यह वायरस पानी में रहने वाले जंगली पक्षियों में दुनिया भर में पाया जाता है और यह घरेलू पॉलेट्री (poultry) और दूसरे पक्षी और जानवर प्रजातियों को भी प्रभावित कर सकता है.    

संक्रमित पक्षी एवियन इन्फ्लूएंज़ा A वायरस अपनी लार, नाक के रिसाव, और मल से फैला सकते हैं. कमजोर पक्षी इस वायरस के संपर्क में आने से संक्रमित हो जाते हैं. 
 

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