फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि भविष्य के लिए डिजिटल रूप से हो रहे बदलाव को शामिल करने के प्रयास के तहत उनकी कंपनी को अब नये नाम ‘मेटा' के तौर पर जाना जाएगा. जुकरबर्ग इसे ‘‘मेटावर्स'' कहते हैं.जुकरबर्ग का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि अगले दशक के भीतर ‘मेटावर्स' एक अरब लोगों तक पहुंच जाएगा.
हालांकि आलोचक कहते हैं कि यह फेसबुक पेपर्स से दस्तावेज लीक होने से उत्पन्न विवाद से ध्यान भटकाने का एक प्रयास हो सकता है. ट्विटर ने इस पर तंज कसा है.
उनका कहना है कि ‘मेटावर्स' एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगा जिस पर लोग संवाद करेंगे तथा उत्पाद एवं सामग्री तैयार करने के लिए कार्य कर सकेंगे. उन्हें उम्मीद है कि यह एक ऐसा नया प्लेटफार्म होगा जो रचनाकारों के लिए ‘‘लाखों'' नौकरियां सृजित करेगा. यह घोषणा ऐसे समय पर आयी है जब फेसबुक अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है. फेसबुक पेपर्स में खुलासे के बाद इसे दुनिया के कई हिस्सों में विधायी और नियामक जांच का सामना करना पड़ रहा है.
जुकरबर्ग ने एक वार्षिक डेवलपर्स सम्मेलन के दौरान कहा, "हमने सामाजिक मुद्दों से जूझने और बंद प्लेटफार्मों के तहत बहुत कुछ सीखा है, और अब हमने जो कुछ भी सीखा है उससे अगले अध्याय को बनाने में मदद मिलेगा." उन्होंने कहा, "मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि आज से हमारी कंपनी ‘मेटा' है. हमारा मिशन वही है, फिर भी लोगों को एक साथ लाने के लिए हमारे ऐप्स और उनके ब्रांड, वे नहीं बदल रहे हैं." बता दें कि, फेसबुक के आलोचकों ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट पर पलटवार किया था, जिसमें रीब्रांडिंग योजनाओं को लीक किया गया था, यह तर्क देते हुए कि कंपनी हाल के घोटालों और विवादों से ध्यान हटाने का लक्ष्य बना रही है.
खुद को द रियल फेसबुक ओवरसाइट बोर्ड कहने वाले एक कार्यकर्ता समूह ने चेतावनी दी है कि तेल और तंबाकू जैसे प्रमुख उद्योगों ने अपनी समस्याओं से "ध्यान भटकाने" के लिए रीब्रांड किया था. फेसबुक ने "मेटावर्स" बनाने के लिए यूरोपीय संघ में 10,000 लोगों को नियुक्त करने की योजना की घोषणा की है, जिसमें जुकरबर्ग के विचार के प्रमुख प्रमोटर के रूप में उभर रहे हैं.