Explainer : भारतीय छात्रा की हत्या करने वाले अमेरिकी पुलिसकर्मी को कोर्ट ने क्यों रिहा कर दिया?

भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय अप्रवासी के जीवन का अनंत मूल्य है, और इस तरह सोचने वाले किसी भी व्यक्ति को लॉ एनफोर्समेंट में नहीं होना चाहिए.

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नई दिल्ली:

पिछले साल 23 जनवरी को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में एक तेज रफ्तार पुलिस वाहन की चपेट में आने से 23 वर्षीय भारतीय छात्रा जाह्नवी कंडुला की मौत हो गई थी. एक साल की कानूनी लड़ाई, अदालती कार्यवाही, भारतीय और अमेरिकी दोनों सरकारों के बयानों और जवाबदेही की मांग के बाद, कंडुला को कुचलने वाले वाहन में बैठे पुलिस अधिकारी को रिहा कर दिया गया है.

एक अमेरिकी अभियोजक ने सिएटल पुलिस अधिकारी केविन डेव के खिलाफ आपराधिक आरोप लगाने के लिए 'पर्याप्त सबूत' की कमी का दावा किया, जबकि पुलिस अधिकारी ने आंध्र प्रदेश से सिएटल में मास्टर की छात्रा कैंडुला को जब टक्कर मारी तब उसकी गाड़ी की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटे थी.

सिएटल पुलिस द्वारा जारी बॉडीकैम फुटेज में, घटनास्थल पर मौजूद अधिकारी डैनियल ऑडरर आपराधिक जांच की जरूरत को खारिज करता दिख रहा है. साथ ही छात्रा कैंडुला की उम्र और वजूद के बारे में असंवेदनशील टिप्पणी करते हुए घटना को लेकर हंसता हुआ भी दिख रहा है.

अभियोजक का निर्णय
किंग काउंटी अभियोजन वकील लीसा मैनियन ने ऑडरर की टिप्पणियों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की, उन्हें 'भयावह और बहुत परेशान करने वाला' बताया. हालांकि, उन्होंने कहा कि ऑडरर का बयान कितना भी गंभीर हो, वे डेव के आचरण के कानूनी विश्लेषण में कोई बदलाव नहीं करतीं. इसके बजाय, ये ऑडरर के गैर-पेशेवर व्यवहार को संबोधित करने के लिए पुलिस जवाबदेही कार्यालय (ओपीए) के दायरे में आता है.

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ऑडरर को सितंबर 2023 में गश्ती टीम से हटा दिया गया था और 'नॉन ऑपरेशनल पोजिशन' पर फिर से नियुक्त किया गया था. अब 4 मार्च को होने वाली अनुशासनात्मक सुनवाई में उसे फिर से संभावित कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. कंडुला की मौत पर टिप्पणी करने वाले ऑडरर के वीडियो ने न केवल आग में घी डाला, बल्कि इसने सिएटल पुलिस के भीतर की संस्कृति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

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ऑडरर ने वीडियो में कहा, "वो वैसे भी 26 साल की थी और उसकी ज्यादा वैल्यू भी नहीं थी."

सिएटल स्थानीय मीडिया ने बताया कि टक्कर का मुख्य कारण गति थी, क्योंकि डेव की गाड़ी की तेज गति ने कैंडुला को खतरे से बचने का मौका नहीं मिला. अधिकारी ने अपने सायरन को लगातार ऑन नहीं रखा. साथ ही गाड़ी की तेज गति ने भी हादसे को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं.

सिएटल पुलिस को दिए एक ज्ञापन में, अभियोजकों ने तर्क दिया कि ये साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे कि डेव ने 'दूसरों की सुरक्षा के प्रति सचेत होने को लेकर लापरवाही दिखाई.' आपराधिक आरोप नहीं लगाने का फैसला वाशिंगटन के कानून की किसी भी उचित संदेह से इतर, मामले को साबित करने की जरूरत पर निर्भर करता है.

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सामुदायिक पुलिस आयोग की प्रतिक्रिया
सामुदायिक पुलिस आयोग (सीपीसी) ने कंडुला के परिवार और भारतीय अमेरिकी समुदाय के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए एक बयान के साथ फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. सीपीसी ने डेव के आचरण पर लागू कानूनी मानक की सीमाओं को स्वीकार किया और सवाल किया कि किस गति से उनकी इमरजेंसी रिस्पांस को लापरवाह या पैदल चलने वालों की सुरक्षा की उपेक्षा माना जाएगा.

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सीपीसी के एक बयान में कहा गया, "अधिकारी डेव, कैंडुला को टक्कर मारने से पहले रात में डेक्सटर एवेन्यू नॉर्थ पर 74 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रहे थे. अभियोजक ने तय किया कि उनका आचरण वाशिंगटन के वाहन हत्या क़ानून के तहत 'लापरवाही' या 'दूसरों की सुरक्षा की उपेक्षा' के कानूनी मानक को पूरा नहीं करता था. ये सवाल उठता है: अधिकारी डेव को अपनी इमरजेंसी रिस्पांस के लिए किस गति से गाड़ी चलानी पड़ी होगी, इसे लापरवाह माना जाएगा या इलाके में पैदल चलने वालों की सुरक्षा की अनदेखी?"

सीपीसी ने कहा कि वो सिएटल पुलिस के साथ उनकी आपातकालीन वाहन संचालन नीति में आवश्यक बदलावों के संबंध में काम कर रही है. सीपीसी ने ऐसी नीतियों की आवश्यकता की मांग की जो जीवन को प्राथमिकता दें और समुदाय को और अधिक जोखिम में डालने से बचें. इसके अतिरिक्त, सीपीसी नशीली दवाओं के ओवरडोज़ के लिए सिएटल अग्निशमन विभाग की कॉल का जवाब देने की सिएटल पुलिस की प्रथा की जांच कर रही है, और इस बात का जवाब मांग रही है कि डेव पहले इस तरह की कॉल का जवाब क्यों दे रहा था.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश
पिछले साल, ऑडरर की टिप्पणियों वाले बॉडीकैम फ़ुटेज के रिलीज़ होने से अंतरराष्ट्रीय आक्रोश फैल गया था. संयुक्त राज्य अमेरिका और भारतीय-अमेरिकी समुदाय दोनों के सांसदों ने वीडियो में दिख रहे व्यवहार की निंदा की. भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय अप्रवासी के जीवन का अनंत मूल्य है, और इस तरह सोचने वाले किसी भी व्यक्ति को लॉ एनफोर्समेंट में नहीं होना चाहिए.

भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य प्रमिला जयपाल ने भी इसी भावना को व्यक्त करते हुए वीडियो को भयावह बताया और कंडुला के परिवार के लिए न्याय की मांग की. सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने इस घटना पर चिंता जताई और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ गहन जांच और कार्रवाई की मांग की.

अमेरिकी सरकार ने भारत को त्वरित और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया. सिएटल शहर के मेयर ब्रूस हैरेल ने कंडुला परिवार को लिखे एक पत्र में, शहर को ऑडरर की टिप्पणियों से दूर रखने की मांग करते हुए कहा कि वे शहर या उसके समुदायों की भावनाओं को नहीं दर्शाता है.

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