Explainer : बोइंग के पूर्व कर्मचारी जॉन बारनेट की मौत का क्या है रहस्य?

जॉन बारनेट को क्या एक बड़ी कंपनी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ा या फिर मौत की वजह कुछ और रही?

Advertisement
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग के एक पूर्व कर्मचारी की मौत सुर्खियां बटोर रहीं हैं. 62 साल के जॉन बारनेट की मौत अमेरिका के साउथ कैरोलिना में हुई है. मौत कैसे हुई इसके बारे में अभी पड़ताल की जा रही है, लेकिन मौत को संदेह की नज़र से देखा जा रहा है. बारनेट का शव एक होटल की पार्किंग में खड़ी उनकी गाड़ी में मिली. बोइंग की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि मौत ख़ुद से किए गए ज़ख्म से हुई है. बारनेट की मौत पर बोइंग ने संवेदना भी जतायी है.

दरअसल बारनेट ने बोइंग कंपनी में 30 साल से अधिक काम किया और 2017 में रिटायर हुए. बारनेट को एक व्हिस्लब्लोअर के तौर पर जाना गया, क्योंकि उन्होंने बोइंग कंपनी के ख़िलाफ़ कई ख़ुलासे का दावा किया और लंबी कानूनी लड़ाईयों में हिस्सा लिया, जैसे कि 2019 में बारनेट ने आरोप लगाया कि बोइंग ने अपने विमानों में जान-बूझकर गड़बड़ कलपुर्जे लगाए. इसकी वजह से 787 ड्रीमलाइनर विमान में हवा का दबाव कम होने की हालत में मुसाफ़िरों को आक्सीजन के बिना रहना पड़ सकता है, क्योंकि इसके ऑक्सीजन मास्क पूरी तरह से खुलेंगे ही नहीं. हर चार मास्क में से कम से एक मास्क के नहीं खुलने की समस्या हो सकती है.

इसके अलावा 787 के फ्रेम में ऐसे कंपोनेंट को लगाए जाने को लेकर भी सवाल उठाया, जो सुरक्षा मानकों पर फेल हो चुके थे. तेज़ गति से उत्पादन के लिए जो तौर तरीक़े अपनाए गए, बारनेट के मुताबिक़ उससे विमान की सेफ़्टी से समझौता किया गया. यहां तक अमेरिकी फेडेरल एविएशन एडिमिनिस्ट्रेशन ने भी बारनेट के कई दावों में दम पाया.

बोइंग ने दो बैटरी के फेल होने के बाद अपने ड्रीमलाइन को कुछ समय के लिए ग्राउंडेड भी किया था, जिसका ये अर्थ निकाला गया है कि बोइंग के चार्ल्सटन प्लांट के कर्मचारियों को विमान की सेफ़्टी को लेकर गंभीर चिंता थी, लेकिन वे दबाव में काम कर रहे थे. हालांकि बोइंग ने बारनेट के दावे को सिरे से खारिज किया था और कहा था कि कंपनी हमेशा सुरक्षा के उच्चतम मापदंड का पालन करती है.

Advertisement

2018 और 2019 में दो बोइंग 737MAX विमान हादसों के बाद से इस कंपनी के सेफ़्टी रिकार्ड को लेकर सवाल उठे हैं. Lion एयर और इथोपियन एयर के बोइंग विमान हादसों में 350 से अधिक मुसाफ़िर मारे गए थे. इसके अलावा भी कई उड़ानों में भारी गड़बड़ी हुई है. बीते सोमवार को आस्ट्रेलिया से न्यूज़ीलैंड जा रहे विमान के उड़ान के दौरान भारी हिचकोलों की वजह से कई मुसाफ़िर घायल हुए. मार्च में ही टेक्सस के ह्यूसटन से उड़ान भरने के थोड़ी ही देर बाद बोइंग 737 को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. जनवरी में अलास्का एयर के बोइंग 737max का दरवाज़ा हवा में ही उखड़ गया.

Advertisement
इस मामले में अमेरिका में एक आपराधिक जांच शुरू की गई. शुरुआती जांच में पाया गया है कि दरवाज़े की मज़बूत पकड़ के लिए लगाए जाने वाले चार बोल्ट वहां थे ही नहीं. इस तमाम गड़बड़ी की रिपोर्ट के बीच अमेरिकी फेडेरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने बोइंग को 90 दिनों के भीतर समस्याओं को दूर करने की योजना के साथ आने को कहा है. साथ ही बोइंग 737 मैक्स के उत्पादन को बढ़ाने पर भी रोक लगा दी.

सवाल है कि जॉन बारनेट को क्या एक बड़ी कंपनी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ा या फिर मौत की वजह कुछ और रही ये जांच का विषय है. हो सकता है कि सच्चाई जल्द सामने आए या फिर बारनेट की मौत पर संदेश का पर्दा हमेशा के लिए पड़ा रहे.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Worli Hit and Run Case: मुंबई हिट-एंड-रन केस पर Victim के Husband ने बताया हादसे का मंजर