पाकिस्तानी तानाशाह जिया उल हक की भी प्लेन क्रैश में हुई थी मौत, क्या आम का शौक पड़ा महंगा?

पाकिस्तान के छठे राष्ट्रपति जिया उल हक का प्लेन C-130 17 अगस्त 1988 को बहावलपुर में क्रैश हुआ था. उस प्लेन में अमेरिकी राजदूत अर्नोल्ड राफेल, पाकिस्तान में अमेरिकी आर्मी मिशन के प्रमुख और पाकिस्तान के सीनियर आर्मी ऑफिसर समेत 30 लोग सवार थे. क्या इस हादसे के पीछे कोई साजिश थी? इस सवाल का जवाब आज भी सामने नहीं आ पाया है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
पाकिस्तान में तख्तापलट के बाद जिया उल हक (बाएं) ने जुल्फिकार अली भुट्टो को PM पद से हटाकर जेल में डाल दिया था.
नई दिल्ली:

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi Death) और विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन की हेलिकॉप्टर क्रैश (General Zia ul Haq Plane Crash) में मौत हो चुकी है. इजरायल और अमेरिका के साथ बढ़े तनाव के बीच इस प्लेन क्रैश को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. इस बीच लोग पाकिस्तानी तानाशाह (Pakistani Dictator Death Mystry) जनरल जिया उल हक की रहस्यमयी मौत को भी याद कर रहे हैं. उन्होंने एक दशक तक पाकिस्तान में शासन किया. वो पाकिस्तान के छठे राष्ट्रपति थे. इस पद पर रहते हुए ही 17 अगस्त 1988 को एक प्लेन क्रैश में उनकी मौत हो गई. प्लेन में जिया उल हक समेत 30 लोग मौजूद थे. सभी की मौत हो गई थी. हादसे के बाद सिर्फ इंसानी मांस के टुकड़े और चीथड़े मिले. कौन सा शव किसका है, ये पहचानना मुश्किल था. दांतों के DNA टेस्ट से जिया उल हक की लाश की शिनाख्त हो पाई थी.

आइए समझते हैं कैसे क्रैश हुआ था पाकिस्तानी तानाशाह जिया उल हक का प्लेन और उनकी मौत को क्यों माना जाता है रहस्यमयी?

पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने सैन्य तानाशाह जनरल मोहम्मद जिया उल हक के प्लेन क्रैश पर डिटेल स्टोरी की थी. BBC ने भी उनकी मौत पर कई डिटेल आर्टिकल पब्लिश किए. लेकिन, प्लेन क्रैश की थ्योरी अभी भी साफ नहीं हो पाई है. जिया उल हक का प्लेन C-130 बहावलपुर में क्रैश हुआ था. उस प्लेन में अमेरिकी राजदूत अर्नोल्ड राफेल, पाकिस्तान में अमेरिकी आर्मी मिशन के प्रमुख और पाकिस्तान के सीनियर आर्मी ऑफिसर समेत 30 लोग सवार थे. क्या इस हादसे के पीछे कोई साजिश थी? इस सवाल का जवाब आज भी सामने नहीं आ पाया है. 

Advertisement
जिया उल हक की मौत के बाद पाकिस्‍तान में आम चुनाव हुए. बेनजीर भुट्टो सत्‍ता में आईं. उन्‍होंने अपनी ऑटो बायोग्राफी 'द डॉटर ऑफ द ईस्ट' में लिखा था कि जिया की मौत ईश्वर का कारनामा थी. 17 अगस्त 2024 में जिया उल हक की मौत को 36 साल पूरे हो जाएंगे.

कब बने पाकिस्तान के तानाशाह
'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 मार्च 1976 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने जनरल जिया उल हक को आर्मी चीफ बनाया था. तब जिया उल हक थ्री स्टार रैंक जनरल थे. जुल्फिकार अली भुट्टो ने अपना भरोसेमंद समझकर जिया उल हक को आर्मी चीफ बनाया. लेकिन जिया उल कर की महात्वाकांक्षा राष्ट्रपति बनने की थी. उन्होंने पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो का तख्तापलट दिया. भुट्टो को सत्‍ता से हटाते ही वो पाकिस्तान के तानाशाह बन गए और भुट्टो को उन्हें जेल में डाल दिया. यही नहीं, जिया उल हक ने जुल्फिकार अली भुट्टो को रास्ते से हटाने के लिए उनपर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया. बाद में भुट्टो को फांसी पर लटका दिया गया. 

Advertisement

मोसाद! रईसी के क्रैश हेलिकॉप्टर की इस तस्वीर को इतने गौर से क्यों देख रहे एक्सपर्ट?

17 अगस्त 1988 को क्या हुआ था?
पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, 17 अगस्त 1988 को अमेरिका पाकिस्तान की सेना को MI अब्राम्स टैंक बेचने की कोशिश कर रहा था. बहावलपुर मिलिट्री बेस पर उसका ट्रायल होना था. पाकिस्तानी राष्ट्रपति जिया उल हक ये ट्रायल देखने के लिए बेस पर गए थे. टैंक का ट्रायल पूरा होने पर वो अपने सहयोगियों के साथ एयरबेस से निकल गए. राष्ट्रपति जिया उल हक, अमेरिकी राजदूत अर्नोल्ड राफेल, पाकिस्तान में अमेरिकी आर्मी मिशन के प्रमुख को दूसरे कार्यक्रमों में जाना था. दोपहर को तीनों ने साथ में लंच किया. इसके बाद जिया उल हक ने अमेरिकी राजदूत को अपने प्लेन से इस्लामाबाद चलने की जिद की. 

Advertisement

इसके बाद तीनों C-130 ने बहावलपुर से इस्लामाबाद की ओर रवाना हुआ. प्लेन ने बमुश्किल 18 किमी की दूरी तय की थी कि इसी बीच तेज धमाका हुआ. क्रैश होते ही प्लेन में आग लग चुकी थी. आग का गोला बनते हुए प्लेन तेजी से जमीन पर आग गिरा. उसके बाद आग के बीच लाशों के चीथड़े देखे गए थे.

Advertisement

इजराइल की टेंशन, अमेरिका के दुश्मन, 5000 विरोधियों को फांसी, ये हैं इब्राहिम रईसी की जिंदगी के पन्ने

मौत से करीब 11 साल पहले ही हो गया था अंदाजा
BBC ने अपनी रिपोर्ट में कहा, " दरअसल, मौत से करीब 11 साल पहले ही जिया उल हक को इस बात का अंदाजा हो गया था, उनके करीबी ही उनकी जान के दुश्मन बने हुए हैं. वो बहुत डरे रहते थे और हर किसी पर शक करते थे. जिया उल हक पर इत कदर डर हावी था कि वो पाकिस्तानी राष्ट्रपति और सेना प्रमुख के रूप में अपनी जिम्मेदारियां प्रेसिडेंट हाउस से ही पूरे कर रहे थे.

पेड़ से भी लगने लगा था डर
जिया उल हक को किसी अनहोनी की आशंकी थी. लिहाजा वो अपनी मौत से 3 दिन पहले यानी 14 अगस्त को पाकिस्तान की आजादी के जश्न का प्रोग्राम भी आर्मी हाउस कैंपस में करना चाहते थे. यहां तक कि उन्हें प्रेसिडेंट हाउस के लॉन में पेड़ों से डर लगने लगा था. उन्होंने 30 से 40 पेड़ों को काटने का ऑर्डर दे दिया था.

जिया उल हक के बेटे इजाजुल हक ने BBC को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता टैंकर के ट्रायल में शामिल ही नहीं होना चाहते थे. उन्होंने तब ही कहा था कि मेरा इस परीक्षण में जाना जरूरी नहीं है. सेना का कोई भी अफसर ट्रायल अटेंड कर सकता है. लेकिन पाकिस्तानी फौज के ही कुछ अफसरों ने टेक्निकल ग्राउंड्स पर जोर डाला तो उन्हें ट्रायल में शामिल होना पड़ा. 

प्लेन क्रैश होने को लेकर दी जाती है आम की थ्योरी
जिया उल हक का विमान कैसे क्रैश हुआ था? इस सवाल का ठीक-ठीक जवाब आज भी नहीं मिल पाया है. मौत को लेकर एक थ्योरी है, जो काफी चर्चा में रही थी. दरअसल, जिया उल हक के बेटे इजाजुल हक ने एक पाकिस्तानी अखबार को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि जिया उल हक की प्लेन में आम की पेटियां रखी थीं, जिनमें विस्फोटक था. उसी से धमाका हुआ था.

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर मिला, स्थिति 'अच्छी नहीं': ईरान के रेड क्रिसेंट प्रमुख

पाकिस्तानी लेखक मोहम्मद हनीफ की 2008 में आई कॉमिक नॉवेल 'A Case of Exploding Mangoes' पाकिस्तानी राष्ट्रपति जिया उल हक की मौत पर आधारित है. इसमें कहा गया है कि जिया उल हक आम के शौकीन थे. बहावलपुर मिलिट्री बेस पर छोड़ते समय उन्होंने आम की कुछ पेटियां अपने प्लेन में रखवाई थीं. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, जिस 'एक्सप्लोडिंग मैंगोज़' यानी विस्फोटक आम की बात की जाती है, वो तो जिया उल हक के पर्सनल सेक्रेट्री रहे जनरल महमूद दुर्रानी ने रखवाए थे. 

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, जिया उल हक के बेटे इजाजुल हक ने बाद में दावा किया कि प्लेन के कॉकपिट में नर्व गैस का छिड़काव हुआ. इससे पायलट बेहोश हो गया और प्लेन नीचे गिर गया. हालांकि, इस थ्योरी की पुष्टि नहीं हो पाई है.
 

Featured Video Of The Day
Maharashtra New CM Updates: CM के तौर पर Devendra Fadnavis के नाम पर लगी मुहर